भीलवाड़ा. आज दीपोत्सव के त्यौहार का चौथा दिन है. इस दिन शहर में बैल की पूजा का खास महत्व है. इस दिन किसान बैलों से पूरे दिन कोई काम नहीं लेते हैं. गोवर्धन पूजा के दिन बैलों को सबसे पहले सुबह से ही नहलाया जाता है. उसके बाद उनके सिंगों को रंग-बिरंगे आकारों से सजाया जाता है.
बैल को पूजा के लिए तैयार कर रहे किसान श्याम लाल शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी दीपावली के दूसरे दिन गायों और बैलों की पूजा की थी. इसके बाद से ही हम भी आज बैलों की पूजा करते हैं. श्याम ने बताया कि इन बैलों से आज बिल्कुल काम नहीं करवाया जाता है और इनको स्नान करवाकर इनका विशेष श्रृंगार किया जाता है.
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शाम के समय इन बैलों को गेहूं के दलिए की बनी लाप्सी खिलाई जाती है और मिट्टी का दीपक जलाकर इनकी आरती उतारी जाती है. किसान का कहना है कि ये बैल ही उनके रोजगार का जरिया हैं. इन्हीं के कारण उनका घर-परिवार चलता है. किसान ने बताया कि गाय और बैलों की आज के दिन पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि रहती है. इसके साथ ही किसान ने कहा कि इस बार बरसात अच्छी होने के कारण उन्हें अच्छी उपज होने की उम्मीद है.