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भीलवाड़ा: गोवर्धन पूजा के दिन बैलों का विशेष तरीके से किया जाता है श्रृंगार

दिवाली के अगले दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूरे देशभर में गायों और बैलों की पूजा की जाती है. इस मौके पर भीलवाड़ा में भी खास तरीके से बैलों की पूजा की जाती है. किसान सवेरे-सवेरे बैलों को नहलाकर उनका श्रृंगार करते हैं.

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Published : Oct 28, 2019, 5:26 PM IST

भीलवाड़ा. आज दीपोत्सव के त्यौहार का चौथा दिन है. इस दिन शहर में बैल की पूजा का खास महत्व है. इस दिन किसान बैलों से पूरे दिन कोई काम नहीं लेते हैं. गोवर्धन पूजा के दिन बैलों को सबसे पहले सुबह से ही नहलाया जाता है. उसके बाद उनके सिंगों को रंग-बिरंगे आकारों से सजाया जाता है.

गोवर्धन पूजा के दिन बैलों का होता है श्रृंगार

बैल को पूजा के लिए तैयार कर रहे किसान श्याम लाल शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी दीपावली के दूसरे दिन गायों और बैलों की पूजा की थी. इसके बाद से ही हम भी आज बैलों की पूजा करते हैं. श्याम ने बताया कि इन बैलों से आज बिल्कुल काम नहीं करवाया जाता है और इनको स्नान करवाकर इनका विशेष श्रृंगार किया जाता है.

पढ़ें- गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

शाम के समय इन बैलों को गेहूं के दलिए की बनी लाप्सी खिलाई जाती है और मिट्टी का दीपक जलाकर इनकी आरती उतारी जाती है. किसान का कहना है कि ये बैल ही उनके रोजगार का जरिया हैं. इन्हीं के कारण उनका घर-परिवार चलता है. किसान ने बताया कि गाय और बैलों की आज के दिन पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि रहती है. इसके साथ ही किसान ने कहा कि इस बार बरसात अच्छी होने के कारण उन्हें अच्छी उपज होने की उम्मीद है.

भीलवाड़ा. आज दीपोत्सव के त्यौहार का चौथा दिन है. इस दिन शहर में बैल की पूजा का खास महत्व है. इस दिन किसान बैलों से पूरे दिन कोई काम नहीं लेते हैं. गोवर्धन पूजा के दिन बैलों को सबसे पहले सुबह से ही नहलाया जाता है. उसके बाद उनके सिंगों को रंग-बिरंगे आकारों से सजाया जाता है.

गोवर्धन पूजा के दिन बैलों का होता है श्रृंगार

बैल को पूजा के लिए तैयार कर रहे किसान श्याम लाल शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी दीपावली के दूसरे दिन गायों और बैलों की पूजा की थी. इसके बाद से ही हम भी आज बैलों की पूजा करते हैं. श्याम ने बताया कि इन बैलों से आज बिल्कुल काम नहीं करवाया जाता है और इनको स्नान करवाकर इनका विशेष श्रृंगार किया जाता है.

पढ़ें- गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

शाम के समय इन बैलों को गेहूं के दलिए की बनी लाप्सी खिलाई जाती है और मिट्टी का दीपक जलाकर इनकी आरती उतारी जाती है. किसान का कहना है कि ये बैल ही उनके रोजगार का जरिया हैं. इन्हीं के कारण उनका घर-परिवार चलता है. किसान ने बताया कि गाय और बैलों की आज के दिन पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि रहती है. इसके साथ ही किसान ने कहा कि इस बार बरसात अच्छी होने के कारण उन्हें अच्छी उपज होने की उम्मीद है.

Intro:भीलवाड़ा- गोवर्धन पूजा के दिन भीलवाड़ा शहर सहित जिले में बैलों की पूजा की जाती है जिसको लेकर किसान सुबह से ही बैलों को स्नान कर उनको श्रृंगार किया जाता है और शाम को उनका मुंह मीठा कराकर पूजा की जाएगी। जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है।


Body:दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के दिन भीलवाड़ा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में बैलों की पूजा की जाती है । जहां किसान पूरे दिन बिल्कुल काम नहीं करते हैं और बैलों को सुबह से ही स्नान करवाकर उनके सिंगो पर विशेष कलर किया जाता है। और विशेष रूप से बेलो को श्रंगारित किया जाता है।

बेल को पूजा के लिए तैयार कर रहे किसान श्याम लाल शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी दीपावली के दूसरे दिन गायों और बैलों की पूजा की थी । इसी कड़ी में हम भी आज बैलों की पूजा के लिए तैयारी कर रहे हैं और इन बेलो से आज बिल्कुल काम नहीं करवाया जाता है और इनको स्नान करवाकर इनका विशेष श्रृंगार किया जाता है। शाम को इनको गेहूं की दलिये की बनी लापसी खिलाकर, मिट्टी का दीपक जलाकर इनकी आरती उतारी जाती है। क्योंकि इनसे ही हमारे को रोजगार मिलता है और इन्हीं के कारण हमारा घर परिवार चलता है ।साथ ही गाय व बैलों की गोवर्धन पूजा के दिन पूजा करने से परिवार में सुख शांति समृद्धि रहती है ।इस बार बरसात अच्छी होने के कारण हमारे को अच्छी उपज होने की उम्मीद है ।हम प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैलों की पूजा कर रहे हैं।

बाईट- श्याम लाल शर्मा, किसान


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