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भीलवाड़ा : 12 साल पहले रिश्वत लेने के मामले में दो कांस्टेबल को चार-चार साल की सजा, वजह जान लीजिए...

भीलवाड़ा में 12 साल पहले चोरी के मामले में, रिश्वत लेने के मामले में एसीबी की कोर्ट ने गुरुवार को हमीरगढ़ थाने के तत्कालीन दीवान मोहन लाल रेगर और कांस्टेबल संपत लाल खटीक को चार-चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट ने दोनों आरोपियों पर 37-37 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.

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दो कांस्टेबल को चार-चार साल की सजा
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Published : Nov 12, 2020, 8:42 PM IST

भीलवाड़ा. करीब 12 साल पहले एक व्यक्ति से चोरी का माल खरीदने से संबंधित केस दर्ज नहीं करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने कार्रवाई की है. आरोपी हेड कांस्टेबल मोहनलाल और कांस्टेबल संपत लाल खटीक साल 2008 में अमेरिका थाने में तैनात थे. इन दोनों के खिलाफ देवीलाल खटीक ने एसीबी में 17 सितंबर 2008 को शिकायत दर्ज करवाया था.

शिकायत के मुताबिक देवीलाल ने बताया कि 15 दिन पहले कैलाश खेर और अशोक उसके पास आए और कहा कि यह दो बैटरी और मजदूरी पेटे लाए हैं. जिन्हें अपने पास रख लो. इसके बाद तीन-चार दिन पहले अमेरिका थाने से कांस्टेबल संपत खटीक उसके पास आया और उसे थाने ले गया. जहां दीवान मोहनलाल ने कहा कि तुमने चोरी की बैटरी अपने पास रखी है, चालान पेश होगा जेल जाओगे. यदि इससे बचना है तो 20 हजार रुपए खर्चा दे दो.

वहीं, परिवादी की शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन करवाया. इस दौरान दीवान 10 हजार रुपए की मांग की. इसके बाद एसीबी ने ट्रैक की योजना तैयार कर 3 अक्टूबर को एसीबी ने परिवादी को रिश्वत राशि 10 हजार रुपए देकर आरोपियों के पास भेजा. जहां हेड कांस्टेबल मोहनलाल ने 10 हजार रिश्वत राशि प्राप्त कर जेब में रख ली.

यह भी पढ़ें: अलवरः नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में स्कूल के वैन चालक को 10 साल की सजा

इस दौरान वहां पहुंची एसीबी की टीम ने हेड कांस्टेबल मोहन लाल रेगर और कांस्टेबल संपत लाल खटीक को गिरफ्तार कर लिया था. जांच के बाद दोनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने हेड कांस्टेबल रेगर और खटीक को विभिन्न धाराओं के तहत चार साल के कठोर कारावास की कैद के साथ ही दोनों पर 37-37 हजार रुपए के जुर्माना से दंडित किया है.

भीलवाड़ा. करीब 12 साल पहले एक व्यक्ति से चोरी का माल खरीदने से संबंधित केस दर्ज नहीं करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने कार्रवाई की है. आरोपी हेड कांस्टेबल मोहनलाल और कांस्टेबल संपत लाल खटीक साल 2008 में अमेरिका थाने में तैनात थे. इन दोनों के खिलाफ देवीलाल खटीक ने एसीबी में 17 सितंबर 2008 को शिकायत दर्ज करवाया था.

शिकायत के मुताबिक देवीलाल ने बताया कि 15 दिन पहले कैलाश खेर और अशोक उसके पास आए और कहा कि यह दो बैटरी और मजदूरी पेटे लाए हैं. जिन्हें अपने पास रख लो. इसके बाद तीन-चार दिन पहले अमेरिका थाने से कांस्टेबल संपत खटीक उसके पास आया और उसे थाने ले गया. जहां दीवान मोहनलाल ने कहा कि तुमने चोरी की बैटरी अपने पास रखी है, चालान पेश होगा जेल जाओगे. यदि इससे बचना है तो 20 हजार रुपए खर्चा दे दो.

वहीं, परिवादी की शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन करवाया. इस दौरान दीवान 10 हजार रुपए की मांग की. इसके बाद एसीबी ने ट्रैक की योजना तैयार कर 3 अक्टूबर को एसीबी ने परिवादी को रिश्वत राशि 10 हजार रुपए देकर आरोपियों के पास भेजा. जहां हेड कांस्टेबल मोहनलाल ने 10 हजार रिश्वत राशि प्राप्त कर जेब में रख ली.

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इस दौरान वहां पहुंची एसीबी की टीम ने हेड कांस्टेबल मोहन लाल रेगर और कांस्टेबल संपत लाल खटीक को गिरफ्तार कर लिया था. जांच के बाद दोनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने हेड कांस्टेबल रेगर और खटीक को विभिन्न धाराओं के तहत चार साल के कठोर कारावास की कैद के साथ ही दोनों पर 37-37 हजार रुपए के जुर्माना से दंडित किया है.

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