भीलवाड़ा. भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सोमवार को सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई. भीलवाड़ा शहर के राजेंद्र मार्ग स्कूल में जिला स्तरीय आयोजन हुआ. इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सांसद रहे और भीलवाड़ा से वर्तमान भाजपा सांसद सुभाष बहेड़िया ने उस दौरान सरकार गिरने के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के समय मैं भी संसद में मौजूद था. उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी आत्म बल के साथ लोकसभा में पेश हुए जो देखने योग्य बात थी.
अनुभव साझा किए : बहेड़िया ने अटल बिहारी सरकार के गिरने के दौरान के अनुभव साझा करते हुए कहा कि "अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार अल्पमत में नहीं थी. बहुमत भी नहीं था, लेकिन सबसे ज्यादा सांसद होने के कारण राष्ट्रपति ने अटल बिहारी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. यहां अटल बिहारी वाजपेयी को समर्थन नहीं मिला था तो वाजपेयी इस्तीफा देकर चले गए."
पढ़ें. जयंती विशेष : वाजपेयी ने राजस्थान में दुनिया को दिखाई 'अटल शक्ति'
उन्होंने कहा कि उस समय "मैं भी संसद में मौजूद था, जहां मैंने देखा कि जब राजनेता का राज चला जाता है तो भी उनके मुंह पर कोई शिकन होती है, लेकिन वाजपेयी के मुंह पर कोई शिकन नहीं थी. संसद में अटल बिहारी वाजपेयी ने काव्य पाठ के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त की. वो उस समय संसद में आत्म बल के साथ पेश हुए जो देखने योग्य बात थी."
वाजपेयी ने ही भारत में सुशासन की शुरुआत की : सांसद सुभाष बहेड़िया ने कहा कि आज सुशासन दिवस के रूप में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस को मनाया जा रहा है. उन्होंने ही भारत में सुशासन की शुरुआत की थी. अटल बिहारी वाजपेयी ने गांव में बैठे अंतिम व्यक्ति के लिए कई योजनाएं चलाई थी, जिसके कारण अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को काफी लाभ मिला था. वहीं, आज के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय से चले सुशासन को आगे बढ़ा रहे हैं और देश के हर क्षेत्र में विकास की गंगा बहा रहे हैं. इस मौके पर सांसद ने डाक टिकट का भी लोकार्पण किया. कार्यक्रम में भीलवाड़ा शहर विधायक अशोक कोठारी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ब्रह्मा लाल जाट, अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर वंदना खोरवाल, सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे.