भीलवाड़ा. प्रदेश के मेवाड़ से अंधविश्वास का एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसे सुन कर आपको विश्वास नहीं होगा. एक मां ने अपनी ही मासूम बेटी को मिट्टी के गर्म केल्हु से दाग दिया. जिसके चलते बालिका की हालत बिगड़ गई. लेकिन फिर भी माता-पिता ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया.
जब एक माह बाद भी उसकी हालत नहीं सुधरी तो उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया. माता-पिता की इस लापरवाही के चलते मासूम को अपनी जान गवानी पड़ सकती थी.
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जिले में कारोई थाना क्षेत्र के गाडरमाला निवासी लालाराम बागरिया की पुत्री सुमन को निमोनिया हो गया था. इस पर लालाराम की पत्नी रतनी में मिट्टी के केल्हु को गर्म करके उसके पेट पर दाग लगा दिया. जब इस बारे में पीड़िता की मां से पूछा गया तो उन्होंने जवाब ऐसे दिया जैसे कि यह कोई आम ही बात हो. उन्होंने कहा कि मेरी पुत्री का स्वास्थ ठीक नहीं था, कांप रही थी... इसलिए मैंने इसको गर्म केल्हु से दाग दिया...इसमें क्या हो गया, ठीक हो गई थी. अब फिर इसकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो अस्पताल में भर्ती करवाया है.
वहीं, महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरुण ने कहा कि बालिका को निमोनिया हो गया है और इसे कुप्रथा के चलते दाग लगा दिया. डॉक्टर ने बताया कि बालिका की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इस कुप्रथा को लेकर तमाम जागरूकता अभियान, प्रचार-प्रसार के बाद भी यह कुप्रथा खत्म नहीं हुई है.