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अंधविश्वास की हद! मां ने बेटी को मिट्टी की गर्म छड़ी से दागा, जवाब सुनेंगे तो चौंक जाएंगे

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Published : Feb 15, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Feb 15, 2020, 3:47 PM IST

भीलवाड़ा में आज भी अंधविश्वास अपने पांव फैलाए हुए है, जिसका नतीजा है कि एक मां ने अपनी मासूम बेटी को मिट्टी के गर्म केल्हु (मिट्टी का एक औजार) से दाग दिया. ऐसा उसने इसलिए किया क्योंकि बेटी बीमार थी. लेकिन जब ऐसा करने पर भी बच्ची की हालत नहीं सुधरी तो अब उसे जिले के महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया है. जहां बच्ची की हालात गंभीर बनी हुई है.

अंधविश्वास के चलते बेटी को गर्म सलाखों से दागा,  Due to superstition, daughter was fired from hot bars
अंधविश्वास के चलते बेटी को गर्म सलाखों से दागा

भीलवाड़ा. प्रदेश के मेवाड़ से अंधविश्वास का एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसे सुन कर आपको विश्वास नहीं होगा. एक मां ने अपनी ही मासूम बेटी को मिट्टी के गर्म केल्हु से दाग दिया. जिसके चलते बालिका की हालत बिगड़ गई. लेकिन फिर भी माता-पिता ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया.

अंधविश्वास के चलते बेटी को गर्म सलाखों से दागा

जब एक माह बाद भी उसकी हालत नहीं सुधरी तो उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया. माता-पिता की इस लापरवाही के चलते मासूम को अपनी जान गवानी पड़ सकती थी.

पढ़ें- Hospital ले जाते समय महिला ने Auto में बच्ची को जन्म दिया, चालक की सूझबूझ से दोनों सुरक्षित

जिले में कारोई थाना क्षेत्र के गाडरमाला निवासी लालाराम बागरिया की पुत्री सुमन को निमोनिया हो गया था. इस पर लालाराम की पत्नी रतनी में मिट्टी के केल्हु को गर्म करके उसके पेट पर दाग लगा दिया. जब इस बारे में पीड़िता की मां से पूछा गया तो उन्होंने जवाब ऐसे दिया जैसे कि यह कोई आम ही बात हो. उन्होंने कहा कि मेरी पुत्री का स्वास्थ ठीक नहीं था, कांप रही थी... इसलिए मैंने इसको गर्म केल्हु से दाग दिया...इसमें क्या हो गया, ठीक हो गई थी. अब फिर इसकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो अस्पताल में भर्ती करवाया है.

वहीं, महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरुण ने कहा कि बालिका को निमोनिया हो गया है और इसे कुप्रथा के चलते दाग लगा दिया. डॉक्टर ने बताया कि बालिका की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इस कुप्रथा को लेकर तमाम जागरूकता अभियान, प्रचार-प्रसार के बाद भी यह कुप्रथा खत्म नहीं हुई है.

भीलवाड़ा. प्रदेश के मेवाड़ से अंधविश्वास का एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसे सुन कर आपको विश्वास नहीं होगा. एक मां ने अपनी ही मासूम बेटी को मिट्टी के गर्म केल्हु से दाग दिया. जिसके चलते बालिका की हालत बिगड़ गई. लेकिन फिर भी माता-पिता ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया.

अंधविश्वास के चलते बेटी को गर्म सलाखों से दागा

जब एक माह बाद भी उसकी हालत नहीं सुधरी तो उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया. माता-पिता की इस लापरवाही के चलते मासूम को अपनी जान गवानी पड़ सकती थी.

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जिले में कारोई थाना क्षेत्र के गाडरमाला निवासी लालाराम बागरिया की पुत्री सुमन को निमोनिया हो गया था. इस पर लालाराम की पत्नी रतनी में मिट्टी के केल्हु को गर्म करके उसके पेट पर दाग लगा दिया. जब इस बारे में पीड़िता की मां से पूछा गया तो उन्होंने जवाब ऐसे दिया जैसे कि यह कोई आम ही बात हो. उन्होंने कहा कि मेरी पुत्री का स्वास्थ ठीक नहीं था, कांप रही थी... इसलिए मैंने इसको गर्म केल्हु से दाग दिया...इसमें क्या हो गया, ठीक हो गई थी. अब फिर इसकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो अस्पताल में भर्ती करवाया है.

वहीं, महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरुण ने कहा कि बालिका को निमोनिया हो गया है और इसे कुप्रथा के चलते दाग लगा दिया. डॉक्टर ने बताया कि बालिका की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इस कुप्रथा को लेकर तमाम जागरूकता अभियान, प्रचार-प्रसार के बाद भी यह कुप्रथा खत्म नहीं हुई है.

Last Updated : Feb 15, 2020, 3:47 PM IST
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