भीलवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाली नदियों में अवैध खनन जारी है. जिसको लेकर जिला कलेक्टर के निर्देश पर चार टीमों का गठन किया गया है. जो अब तक चालू वित्तीय साल में 475 अवैध खनन के प्रकरण बनाए हैं. भीलवाड़ा खनिज विभाग के अधीक्षण अभियंता ने भी स्वीकार किया कि अवैध खनन हो रहा है लेकिन इस पर लगाम लगाने का प्रयास जारी है.
सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद भी भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाली बनास, कोठारी, खारी और मानसी नदी में अवैध बजरी का दौर जारी है. जिले के कई चारागाह भूमि में भी फेल्सपार का अवैध खनन हो रहा है लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही. जिससे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है. हाल ही में भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति क्षेत्र के लाछुड़ा गांव में खनन हादसा हुआ. जहां अवैध खदान का ऊपरी हिस्सा ढह जाने से सात मजदूरों की मौत हो गई थी. उसके बाद प्रशासन की कुछ आंख खुली और कई जगह छापेमार कार्रवाई की.
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भीलवाड़ा खनिज विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद कुमार ने कहा कि खनिज विभाग अवैध खनन व निर्गमन रोकने के लिए प्रयास कर रहा है. यहां तक कि चालू वित्तीय वर्ष में 475 प्रकरण बनाकर 4 करोड़ 87 लाख की राजस्व वसूली की है. उनमें से 86 मामले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इन 475 प्रकरण में से 350 बजरी और 125 दूसरे मिनरल के अवैध खनन के मामले हैं. अवैध खनन की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर के निर्देश पर चार टीम का गठन किया गया है, जो जगह-जगह छापेमारी की कार्रवाई करते हैं.
भीलवाड़ा खनिज विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद कुमार ने स्वीकार किया कि अभी भी चोरी-छुपे अवैध खनन हो रहा है. इनसे इनकार नहीं किया जा सकता है लेकिन इस पर रोक लगाने का विभाग की ओर से प्रयास जारी है. अवैध खनन पर विभाग रोक लगाना चाहता है लेकिन विभाग में कर्मचारियों की काफी कमी है.