भीलवाड़ा. लॉकडाउन के बीच बंद हुए उद्योग-धंधों को फिर से प्रारंभ करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से निर्देश जारी किए जा चुके है. इसके बावजूद भीलवाड़ा में अब तक उद्योग-धंधे प्रारंभ नहीं हो पाए, जो अब शीघ्र ही प्रारंभ होंगे. इसको लेकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कलेक्ट्रेट सभागार में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों, श्रमसंघों के प्रतिनिधियों और ठेकेदारों की बैठक की. इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लेकर उद्योग-धंधों को प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया. वहीं, इसमें श्रमिकों को तयशुदा राशि का भुगतान करने का निश्चय भी हुआ.
जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उद्योग-धंधों को प्रारंभ करने के निर्देश और भीलवाड़ा में कर्फ्यू समाप्ति के बाद जिला प्रशासन की ओर से स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसके बावजूद कुछ बातों पर औद्योगिक संगठनों और श्रम संगठनों के बीच असहमति और गतिरोध के कारण उद्योग प्रारंभ नहीं हो पाए थे, जिसको लेकर भट्ट ने एक बैठक ली.
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इस बैठक में पहले दोनों पक्षों से प्रशासनिक अधिकारियों ने अलग-अलग वार्ता करते हुए सभी बिंदुओं पर चर्चा की. इसमें तय किया गया कि उन श्रमिकों को जिन्होंने मार्च माह में 20 दिन पूरा काम किया होगा, उन्हें 29 दिन का पूरा भुगतान किया जाएगा और जिन्होंने 20 दिन से कम काम किया होगा, उन्हें 26 दिन का वेतन भुगतान किया जाएगा.
इसी तरह अप्रैल और मई महीने में अब तक के लिए श्रमिकों को निर्वाह भत्ता के रूप में 4 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा, जिसमें 2600 रुपए अप्रैल और 1400 रुपए मई महीने के लिए भुगतान किया जाएगा. साथ ही उद्योग-धंधों को शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा. वहीं, कलेक्टर ने कहा कि सभी लोगों ने आपसी सहमति से ही निर्णय किए हैं और भीलवाड़ा में शीघ्र ही सभी उद्योग प्रारंभ होकर गति प्राप्त कर सकेंगे.
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टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन के अध्यक्ष पन्नालाल चौधरी ने कहा कि इस बैठक में लिए गए निर्णय से वे सहमत हैं, उद्योग प्रारंभ होने से श्रमिकों को पुनः रोजगार मिल सकेगा. लॉकडाउन पीरियड का पैसा, उन्हें मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति डगमगाने से रोकने में मदद मिलेगी. श्रमिक संगठन अब यहां से पलायन नहीं करेंगे और अपने जमे जमाए रोजगार से परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर सकेंगे.