ETV Bharat / state

बिन पानी सब सून : भीलवाड़ा में जल संरक्षण पर गंभीर नहीं विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा जल स्वावलंबन का असर

प्रदेश में कुछ दिनों में मानसून दस्तक देने वाला है. ऐसे में प्रदेश में चल रहे पानी की किल्लत से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. जल स्वालंबन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पक्के और कच्चे निर्माण कर बरसात के पानी का संरक्षण करने के प्रयास किए जा रही है. लेकिन शहर में सरकारी विभाग ही जल संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है. यहां लगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बेकार होने लगे हैं.

author img

By

Published : Jun 29, 2019, 8:12 PM IST

भीलवाड़ा में जल संरक्षण पर गंभीर नहीं सरकारी विभाग

भीलवाड़ा. सरकार भले ही मानसून के सीजन में बरसात के पानी को सहेजकर क्षेत्र में जमीन में जल स्तर बढ़ाना चाहती है. लेकिन जल संरक्षण को लेकर जल ग्रहण विभाग, जल संसाधन विभाग और नगर परिषद गंभीर नहीं है. जिले के सभी सरकारी भवनों में लगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. वहीं कुछ सरकारी भवनों में अब तक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया ही नहीं गया है. ऐसे में प्रदेश में बरसात का पानी कैसे संरक्षित होगा और जलस्तर बढ़ेगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना का असर दिखने लगा है. यहां योजना के तहत जल संरक्षण के लिए कच्चे और पक्के निर्माण करवाए गए हैं. ताकि बरसात का पानी संरक्षित हो सके.

भीलवाड़ा में जल संरक्षण पर गंभीर नहीं सरकारी विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा जल स्वावलंबन का असर

जिले में प्री मानसून बरसात की शुरुआत हो गई. अब चंद दिनों में मानसून भी दस्तक देने वाला है. लेकिन जल संरक्षण को लेकर जल ग्रहण विभाग, नगर परिषद और जल संसाधन विभाग गंभीर नहीं है. भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बना होद जर्जर हाल में तब्दील हो रहा है. लाखों रुपए खर्च कर सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं. लेकिन इनकी भी देखरेख नहीं होने के कारण यह कबाड़ बनने लगे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत बने पक्के व कच्चे निर्माणों में बरसात का पानी संरक्षित होगा.

बरसात के पानी के संरक्षण को लेकर भीलवाड़ा जल ग्रहण विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल साल्वी ने कहा कि विभाग जल ग्रहण विकास एवं वर्षा जल संरक्षण का काम करता है. जिले में विभाग द्वारा आईडब्ल्यूएम के तहत 29 परियोजनाएं चल रही है. इनमें से 20 परियोजना पूरी हो चुकी है. वहीं 9 परियोजनाओं का कार्य जारी है. जिसमें से चार परियोजनाएं मार्च 2020 तक पूरी होगी और 5 परियोजनाएं मार्च 2021 तक पूरी होगी. इन परियोजना का कार्य मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत करवाया जा रहा है. वहीं आईडब्ल्यूएम योजना के तहत बंद कार्यों को चालू करवाने के लिए राज्य सरकार ने प्रगति रिपोर्ट मांगी है.

भीलवाड़ा. सरकार भले ही मानसून के सीजन में बरसात के पानी को सहेजकर क्षेत्र में जमीन में जल स्तर बढ़ाना चाहती है. लेकिन जल संरक्षण को लेकर जल ग्रहण विभाग, जल संसाधन विभाग और नगर परिषद गंभीर नहीं है. जिले के सभी सरकारी भवनों में लगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. वहीं कुछ सरकारी भवनों में अब तक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया ही नहीं गया है. ऐसे में प्रदेश में बरसात का पानी कैसे संरक्षित होगा और जलस्तर बढ़ेगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना का असर दिखने लगा है. यहां योजना के तहत जल संरक्षण के लिए कच्चे और पक्के निर्माण करवाए गए हैं. ताकि बरसात का पानी संरक्षित हो सके.

भीलवाड़ा में जल संरक्षण पर गंभीर नहीं सरकारी विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा जल स्वावलंबन का असर

जिले में प्री मानसून बरसात की शुरुआत हो गई. अब चंद दिनों में मानसून भी दस्तक देने वाला है. लेकिन जल संरक्षण को लेकर जल ग्रहण विभाग, नगर परिषद और जल संसाधन विभाग गंभीर नहीं है. भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बना होद जर्जर हाल में तब्दील हो रहा है. लाखों रुपए खर्च कर सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं. लेकिन इनकी भी देखरेख नहीं होने के कारण यह कबाड़ बनने लगे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत बने पक्के व कच्चे निर्माणों में बरसात का पानी संरक्षित होगा.

बरसात के पानी के संरक्षण को लेकर भीलवाड़ा जल ग्रहण विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल साल्वी ने कहा कि विभाग जल ग्रहण विकास एवं वर्षा जल संरक्षण का काम करता है. जिले में विभाग द्वारा आईडब्ल्यूएम के तहत 29 परियोजनाएं चल रही है. इनमें से 20 परियोजना पूरी हो चुकी है. वहीं 9 परियोजनाओं का कार्य जारी है. जिसमें से चार परियोजनाएं मार्च 2020 तक पूरी होगी और 5 परियोजनाएं मार्च 2021 तक पूरी होगी. इन परियोजना का कार्य मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत करवाया जा रहा है. वहीं आईडब्ल्यूएम योजना के तहत बंद कार्यों को चालू करवाने के लिए राज्य सरकार ने प्रगति रिपोर्ट मांगी है.

Intro:भीलवाड़ा - सरकार भले ही चाहती है कि वर्षा जल को सहेजा जाए जिससे जलस्तर बढ़े । लेकिन भीलवाड़ा जल ग्रहण विभाग, जल संसाधन विभाग और नगर परिषद वर्षा जल संरक्षित करने को लेकर गंभीर नहीं है। जिससे जिले की समस्त सरकारी बिल्डिंग पर लगे वाटर हार्वे स्टिंग सिस्टम लगे हुए हैं जो टूटे हुए नजर आ रहे हैं । वहीं जगले मे कुछ बिल्डिंग के ऊपर तो अभी तक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया ही नहीं गया। जहां वर्षा ऋतु में कैसे जल संरक्षित होगा जिससे जिले का जलस्तर बढ़ सकें। वही भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना का असर दिखने लगा है जहां ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत पक्के व कच्चे निर्माण करवाए गए हैं जहां इस बरसात में वर्षा जल संरक्षित होगा।


Body:जिले में मानसून पूर्व की बरसात की शुरुआत हो गई और चंद दिनों में मानसून पहुंचने वाला है लेकिन पानी बचाने को लेकर भीलवाड़ा का जल ग्रहण विभाग नगर परिषद और जल संसाधन विभाग गंभीर नहीं है जिसकी बानगी भीलवाड़ा शहर में बनी सभी सरकारी बिल्डिंगों पर देखने को मिल रही है ।
जल संरक्षण को लेकर भीलवाड़ा जिले की समस्त सरकारी बिल्डिंगों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं। जहां कुछ बिल्डिंगों पर तो अभी तक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए गए हैं वह कुछ पर लगाए गए हैं जो कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। यहां तक कि भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बने हुए होद कबाड़ में तब्दील हो रहा है ।वही भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट परिषद कि कहीं बिल्डिंगों जहा तहसील , जल संसाधन विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर में कहीं जगह तो अभी तक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे हैं ।
लाखों रुपए खर्च कर सरकारी बिल्डिंगों पर वर्षा जल संरक्षण हेतु वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं लेकिन इनकी देखरेख नहीं करने के कारण यह टूटे हुए नजर आ रहे हैं। वही ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत बने पक्के व कच्ची नाड़ियों में इस बरसात में जल सरक्षित होगा।

वही वर्षा जल संरक्षण को लेकर भीलवाड़ा जल ग्रहण विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल सालवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमारा विभाग जल ग्रहण विकास एवं वर्षा जल संरक्षण का काम करता है। हमारे विभाग द्वारा आईडब्ल्यूएम के तहत 29 परियोजना भीलवाड़ा जिले में चल रही है । इसमें 20 परियोजना पूरी हो चुकी है व नो परियोजना पर कार्य जारी है । जिसमें से चार परियोजना मार्च 2020 तक पूरी होगी , 5 परियोजना मार्च 2021 तक पूरी होगी । इन परियोजना को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत कार्य करवाया जा रहा है । वही आईडब्ल्यूएम योजना के तहत जो भी कार्य बंद है उसमें राज्य सरकार ने निर्देश दिए कि जल्द ही इन कार्यों को करवाने के लिए प्रकृति रिपोर्ट भेजें।

अब देखना यह होगा कि जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व वर्ती कार्यकाल में पानी बचाने का स्लोगन दिया था जो अब मुख्यमंत्री वापस बनने के बाद पानी बचाने को लेकर क्या निर्देश देते हैं जिससे वर्षा जल को संरक्षित किया जा सके जिससे वाटर लेवल बढ़ सके और पानी की कमी दूर हो सके ।

सोमदत्त त्रिपाठी भीलवाड़ा

बाईट- सी.एल. साल्वी
अधिक्षण अभियन्ता , जल ग्रहण विभाग , भीलवाड़ा

पीटीसी- सोमदत त्रिपाठी, भीलवाड़ा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.