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SPECIAL: भीलवाड़ा ने कैसे जीती कोरोना से जंग, बता रहे हैं RVRS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल

भीलवाड़ा पूरे देश में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए रोल मॉडल बना है. वहीं जिले में कोरोना वॉरियर्स ने क्या कदम उठाए कि जिले में अब 27 में से 3 ही मरीज कोरोना पॉजिटिव रह गए हैं. इस जंग से कैसे लड़ा भीलवाड़ा, ये बता रहे हैं RVRS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल..

कोरोना संक्रमण Bhilwara news
Exclusive interview
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Published : Apr 9, 2020, 2:37 PM IST

भीलवाड़ा. राजस्थान प्रदेश में सबसे पहले कोरोना का पॉजिटिव मरीज भीलवाड़ा में मिला. जिसके बाद प्रशासन, पुलिस और चिकित्सकों की कड़ी मेहनत के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है. वहीं भीलवाड़ा देशभर में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के कारण रोल मॉडल बना. इस प्रयास में भीलवाड़ा के राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज (RVRS) के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा का अहम योगदान रहा. डॉक्टर राजन नंदा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे भीलवाड़ा ने कोरोना से जंग लड़ी और देश के सामने मिसाल कायम की.

RVRS के प्रिंसिपल बता रहें है कोरोना से जंग की कहानी

प्रदेश में सबसे पहले कोरोना वायरस के मरीज भीलवाड़ा में ही मिले थे. इसके बाद संख्या लगातार बढ़ती ही रही थी और यह बढ़कर 27 तक पहुंच गई थी. लेकिन अब जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में दिनोंदिन कमी आ रही है. जिसके बाद कोरोना वॉरियर्स के प्रयास से अब केवल 3 कोरोना पॉजिटिव रह गए हैं. इन मरीजों कि 2 बार जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. तीसरी बार रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इनको घर भेज दिया जाएगा.

प्रशासन ने सख्ती से काम लिया, तभी संक्रमण का चेन टूटा

इस सफलता पर भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा कि 18 मार्च को पहले मरीज का सैंपल लिया. मरीज जो कि स्वयं डॉक्टर थे, उन्हें भी लग रहा था कि वह ठीक नहीं हैं. उनकी जांच रिपोर्ट 19 मार्च को पॉजिटिव आई. जिसके बाद 19 मार्च को उसी अस्पताल के 10 से 12 और कर्मचारी भी पॉजिटिव आए.

Exclusive interview

यह भी पढ़ें. SPECIAL: भीलवाड़ा के सामने थी दो चुनौती, कोरोना को हराना और कलंक मिटाना, दोनों पर पाई विजय

जिससे लगा कि स्थिति बहुत अलार्मिंग है. जिसके बाद जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी गई और प्रदेश सरकार को अवगत करवाया गया. जिसके बाद दूसरे जिले की मेडिकल टीम यहां पहुंची और प्रशासन ने सख्ती के साथ काम किया. इसीलिए कोरोना की संक्रमण की गति आगे नहीं बढ़ी.

3 हजार टीम ने किया डोर टू डोर सर्वे

कितने लोगों के सर्वे के सवाल पर डॉ. नंदा कहते हैं कि जिले की आबादी 27 लाख के करीब है. हमनें डोर-टू-डोर सर्वे किया, इस सर्वे में 3 हजार टीमों ने भाग लिया. पहले 2 हजार 500 लोगों का सैंपल लिया. उनमें से 27 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जिसके बाद SMS अस्पताल के तर्ज पर इलाज शुरू किया गया.

कोरोना मरीजों को कौन सी दवाई देकर किया इलाज?

डॉ. नंदा ने कहा कि Corona Positive मरीजों को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के लिए रखा गया है. वहीं इनको एंटीवायरल, एंटीबायोटिक, एंटीमलेरियल दवाई दी जा रही है. साथ ही इनको लोपीनावेल, ऐजिथ्रोमायसिन, क्लोनोपिन फास्फेट के साथ बॉडी सपोर्टेड दवाइयां सुबह-शाम दी गई. वहीं मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में विटामिन युक्त अच्छा खाना दिया गया. जिसका परिणाम यह हुआ कि हमने कोरोना को मात देने में सफलता पाई और मरीजों के रिपोर्ट नेगेटिव आए.

केंद्रीय सचिव को भाया भीलवाड़ा मॉडल

केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों से कोरोना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. जिसमें जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने काफी अच्छा प्रेंजेंटेशन दिया था. जो केंद्रीय कैबिनेट सचिव को काफी पसंद आया और उसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अन्य राज्यों के मुख्य सचिव और अन्य कलेक्टर को भीलवाड़ा मॉडल लागू करने की बात कही.

वहीं डॉक्टर नंदा कहते हैं कि हमारे यहां टेस्टिंग लैब बनाई गई है. उसमें दो मशीन लगाई जानी है. एक मशीन राज्य सरकार ने उपलब्ध करवाई. साथ ही एक निजी स्वयंसेवी संस्थान ने भी उपलब्ध करवाई है. ICMR के परमिशन मिलने के बाद जल्द ही लैब में जांच शुरू की जाएगी.

डॉ. नंदा ने की देशवासियों से अपील

डॉक्टर राजन ने कहा कि मैं जनता से अपील करता हूं कि भारत में इस बीमारी से लड़ना है तो आइसोलेशन में जरूर रहना होगा. अगर आइसोलेशन करेंगे तो इस लड़ाई के बुरे वक्त से हम बाहर आ जाएंगे.

भीलवाड़ा. राजस्थान प्रदेश में सबसे पहले कोरोना का पॉजिटिव मरीज भीलवाड़ा में मिला. जिसके बाद प्रशासन, पुलिस और चिकित्सकों की कड़ी मेहनत के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है. वहीं भीलवाड़ा देशभर में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के कारण रोल मॉडल बना. इस प्रयास में भीलवाड़ा के राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज (RVRS) के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा का अहम योगदान रहा. डॉक्टर राजन नंदा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे भीलवाड़ा ने कोरोना से जंग लड़ी और देश के सामने मिसाल कायम की.

RVRS के प्रिंसिपल बता रहें है कोरोना से जंग की कहानी

प्रदेश में सबसे पहले कोरोना वायरस के मरीज भीलवाड़ा में ही मिले थे. इसके बाद संख्या लगातार बढ़ती ही रही थी और यह बढ़कर 27 तक पहुंच गई थी. लेकिन अब जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में दिनोंदिन कमी आ रही है. जिसके बाद कोरोना वॉरियर्स के प्रयास से अब केवल 3 कोरोना पॉजिटिव रह गए हैं. इन मरीजों कि 2 बार जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. तीसरी बार रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इनको घर भेज दिया जाएगा.

प्रशासन ने सख्ती से काम लिया, तभी संक्रमण का चेन टूटा

इस सफलता पर भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा कि 18 मार्च को पहले मरीज का सैंपल लिया. मरीज जो कि स्वयं डॉक्टर थे, उन्हें भी लग रहा था कि वह ठीक नहीं हैं. उनकी जांच रिपोर्ट 19 मार्च को पॉजिटिव आई. जिसके बाद 19 मार्च को उसी अस्पताल के 10 से 12 और कर्मचारी भी पॉजिटिव आए.

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जिससे लगा कि स्थिति बहुत अलार्मिंग है. जिसके बाद जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी गई और प्रदेश सरकार को अवगत करवाया गया. जिसके बाद दूसरे जिले की मेडिकल टीम यहां पहुंची और प्रशासन ने सख्ती के साथ काम किया. इसीलिए कोरोना की संक्रमण की गति आगे नहीं बढ़ी.

3 हजार टीम ने किया डोर टू डोर सर्वे

कितने लोगों के सर्वे के सवाल पर डॉ. नंदा कहते हैं कि जिले की आबादी 27 लाख के करीब है. हमनें डोर-टू-डोर सर्वे किया, इस सर्वे में 3 हजार टीमों ने भाग लिया. पहले 2 हजार 500 लोगों का सैंपल लिया. उनमें से 27 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जिसके बाद SMS अस्पताल के तर्ज पर इलाज शुरू किया गया.

कोरोना मरीजों को कौन सी दवाई देकर किया इलाज?

डॉ. नंदा ने कहा कि Corona Positive मरीजों को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के लिए रखा गया है. वहीं इनको एंटीवायरल, एंटीबायोटिक, एंटीमलेरियल दवाई दी जा रही है. साथ ही इनको लोपीनावेल, ऐजिथ्रोमायसिन, क्लोनोपिन फास्फेट के साथ बॉडी सपोर्टेड दवाइयां सुबह-शाम दी गई. वहीं मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में विटामिन युक्त अच्छा खाना दिया गया. जिसका परिणाम यह हुआ कि हमने कोरोना को मात देने में सफलता पाई और मरीजों के रिपोर्ट नेगेटिव आए.

केंद्रीय सचिव को भाया भीलवाड़ा मॉडल

केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों से कोरोना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. जिसमें जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने काफी अच्छा प्रेंजेंटेशन दिया था. जो केंद्रीय कैबिनेट सचिव को काफी पसंद आया और उसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अन्य राज्यों के मुख्य सचिव और अन्य कलेक्टर को भीलवाड़ा मॉडल लागू करने की बात कही.

वहीं डॉक्टर नंदा कहते हैं कि हमारे यहां टेस्टिंग लैब बनाई गई है. उसमें दो मशीन लगाई जानी है. एक मशीन राज्य सरकार ने उपलब्ध करवाई. साथ ही एक निजी स्वयंसेवी संस्थान ने भी उपलब्ध करवाई है. ICMR के परमिशन मिलने के बाद जल्द ही लैब में जांच शुरू की जाएगी.

डॉ. नंदा ने की देशवासियों से अपील

डॉक्टर राजन ने कहा कि मैं जनता से अपील करता हूं कि भारत में इस बीमारी से लड़ना है तो आइसोलेशन में जरूर रहना होगा. अगर आइसोलेशन करेंगे तो इस लड़ाई के बुरे वक्त से हम बाहर आ जाएंगे.

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