भीलवाड़ा. जिले में करीब 42 लाख रुपए की ठगी के मामले में भीलवाड़ा पुलिस को दूसरी सफलता सोमवार को मिली. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए एक और नाइजीरियन युवक को गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि शास्त्री नगर के रहने वाली एक महिला को फेसबुक पर दोस्ती कर उसे जाल में फंसा कर गिफ्ट के नाम पर ठगी कर रहा था. उसने महिला को अपने जाल में फंसाकर करीब 43 लाख 60 हजार रुपए की नगदी अपने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाई थी.
वहीं, इस मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने 5 दिन पूर्व भतोलोमी चिनवेशा को गिरफ्तार किया था. उसके साथ उसकी पत्नी रोजलीन को भी गिरफ्तार किया था. सोमवार को इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर ने नया खुलासा करते हुए एक और नाइजीरियन युवक को गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस ने इन आरोपियों से 8 लैपटॉप, 22 मोबाइल, 4 टेबलेट, 7 डोंगल और अनेक सिम कार्ड भी बरामद किए है.
जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में 1 दर्जन से अधिक लोग शामिल है. जिसमें विदेशी और हिंदुस्तानी बदमाशों को जोड़ा गया. वहीं, महावर ने यह भी कहा कि 5 दिन पूर्व भीलवाड़ा के शास्त्री नगर में रहने वाली एक वृद्ध महिला ने रिपोर्ट दर्ज कार्रवाई कि उससे ब्रिटिश नागरिक बन कर एक व्यक्ति ने 43 लाख 60 हजार रुपए ठग लिए.
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बता दें कि इससे पहले महिला से फेसबुक पर दोस्ती की और वृद्धा की मदद के लिए गिफ्ट में ब्रिटिश मुद्रा के पाउंड भेजने की बात कही. इसके बाद कस्टम अधिकारी बनकर ठग की पत्नी ने महिला को 1 जुलाई से 19 जुलाई तक अलग-अलग 10 बैंक अकाउंट में यह रुपया डलवाया था. इस पर साइबर सेल की मदद से हमने आरोपियों का पता लगाया और इन्हें दिल्ली के पालम से गिरफ्तार कर लिया था.
इसमें हमने नाइजीरिया के अमन निवासी भतोलोमी चिनवेशा और उसकी पत्नी रोजलीन को गिरफ्तार किया था. वहीं, इस मामले में एक और नाइजीरियन युवक को गिरफ्तार किया है. पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है. जिसमें आगे और भी वारदातें खुलने की और इनसे जुड़े और बदमाश को भी पकड़ने की संभावना हो सकती है.
वारदात करने का तरीका
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी के लिए जो टारगेट चुनते हैं. उनमें विशेष रूप से उन महिलाओं को चुनते हैं जो अकेली हो, तलाकशुदा हो, शिक्षित होने के साथ तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हो. इसी क्रम से जब ऐसा कोई टारगेट चुना जाता है तो उसका आरोपियों के की ओर से स्वयं को हाई प्रोफाइल वाला नागरिक और प्रतिष्ठा व्यवस्थाएं बताकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है.
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इसमें आरोपी की ओर से ऐसे व्यक्तियों की चुराई हुई प्रोफाइल, उनकी निजी तस्वीरों और उनके संबंधित सूचनाएं भेजी जाती है. इसके प्रभाव में आकर ठगी का शिकार होने वाले पीड़ितों को यह धीरे-धीरे ठगना स्टार्ट करते हैं. जिसमें कस्टम ऑफिसर एक महिला के रूप में होती है. जो अलग-अलग अकाउंट में पैसे डलवाती है.
ऐसे करते इमोशनल ब्लैकमेल
यह नाइजीरियन गिरोह सोशल साइट्स पर अपने जाल में फंसने वाली महिलाओं को इमोशनल तरीके से ब्लैकमेल करने लगते हैं. यह लोग इन महिलाओं को कहते हैं कि मैं और मेरी पुत्रियां आपसे बहुत प्यार करती हैं, आप वृद्ध है. आपकी मदद करना चाहते हैं. हम आप को गिफ्ट देना चाहते हैं. ऐसे ही बातचीत गिरोह ने शास्त्रीनगर की पीड़िता से की थी. लेकिन, इस पीड़िता ने गिफ्ट और मदद लेने से इनकार कर दिया.