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मेवाड़ के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर जौहर समिति ने जताया विरोध, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - महाराणा प्रताप

भीलवाड़ा में शिक्षा मंत्री डोटासरा के बयान को लेकर जौहर समिति के पदाधिकारियों ने भीलवाड़ा ने विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने मेवाड़ के मान और स्वाभिमान के साथ छेड़छाड़ की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

मेवाड़ के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर जौहर समित ने किया विरोध
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Published : May 22, 2019, 5:58 PM IST

भीलवाड़ा. महाराणा प्रताप और पद्मावती के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर लोगों ने विरोध किया है. सकल हिंदू समाज के अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों ने बुधवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान विरोध में शामिल लोगों ने जोहर समिति संस्थान की ओर राज्यपाल के नाम लिखा एक पत्र जिला कलेक्टर सौंपा.

मेवाड़ के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर जौहर समित ने किया विरोध

मीडिया से बातचीत के दौरान जौहर समिति संस्थान के उपाध्यक्ष गोपालचरण सिसोदिया ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने मेवाड़ के मान और स्वाभिमान के साथ छेड़छाड़ की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिला कलेक्टर कार्यालय में शिक्षा मंत्री के विरोध में यह प्रदर्शन चेतावनी मात्र है. साथ ही कहा कि हम शिक्षा मंत्री के जौहर के विषय को इतिहास से हटाने को लेकर विरोध करते हैं.

बता दें कि सरकारी शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में राज्य सरकार पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लग रहा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण दाड ने कहा है कि यह हिंदू समाज को दबाने के लिए यह सैकड़ों सालों से चलाया जा रहे षड्यंत्र के तहत किया गया है. इसके लिए हिन्दू समाज को आगे आकर ऐसा करने वालों को सबक सिखाना चाहिए.

दरअसल, राजस्थान में दसवीं कक्षा में अकबर के चैप्टर में कुछ बदलाव किया है. पहले लिखा था कि 1562 में अकबर ने बाज बहादुर से मालवा चुनार का किला गोडवाना का किला जीता था. अब नए सिलेबस में इसको बदलकर 1516 कर दिया गया है. इसके हिसाब से देखा जाए तो अकबर ने जन्म से पहले ही यह किला जीत लिया था, क्योंकि अकबर का जन्म ही 1542 में हुआ था. सातवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान के चेप्टर-20 राजस्थान के राजवंश एवं मुगल में महाराणा को वीर शिरोमणि प्रताप महान लिखा गया है. इसमें नए सिरे से जोड़े गए तथ्य में कहा गया है कि मुगल इतिहास ने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर को विजयी बताया है, जबकि मेवाड़ के अभिलेखों में प्रताप की विजय होना लिखा है. इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि अकबर अपने एक भी उद्देश्य में सफल नहीं हुआ था. इसमें प्रताप को जननायक बताते हुए लिखा है कि उन्होंने अंतिम समय तक मातृभूमि के लिए मर मिटने वाला आदर्श प्रस्तुत किया.

वहीं,12वीं कक्षा की इतिहास के चैप्टर-4 मुगल आक्रमण-प्रमाण और प्रभाव में नया तथ्य यह जोड़ा गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप की पराजय हुई थी. पराजय का कारण प्रताप के परंपरागत युद्ध शैली को बताया गया है. साथ ही कहा गया है कि प्रतिकूल परिस्थितियों के हिसाब से प्रताप में धैर्य का भी अभाव था. जिसके चलते मेवाड़ सेना मैदान में लड़ने में अधिक सक्षम नहीं थी. वहीं महाराणा प्रताप के पास युद्ध के अंतिम दौर के लिए सैनिक दस्ता नहीं था.

भीलवाड़ा. महाराणा प्रताप और पद्मावती के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर लोगों ने विरोध किया है. सकल हिंदू समाज के अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों ने बुधवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान विरोध में शामिल लोगों ने जोहर समिति संस्थान की ओर राज्यपाल के नाम लिखा एक पत्र जिला कलेक्टर सौंपा.

मेवाड़ के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर जौहर समित ने किया विरोध

मीडिया से बातचीत के दौरान जौहर समिति संस्थान के उपाध्यक्ष गोपालचरण सिसोदिया ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने मेवाड़ के मान और स्वाभिमान के साथ छेड़छाड़ की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिला कलेक्टर कार्यालय में शिक्षा मंत्री के विरोध में यह प्रदर्शन चेतावनी मात्र है. साथ ही कहा कि हम शिक्षा मंत्री के जौहर के विषय को इतिहास से हटाने को लेकर विरोध करते हैं.

बता दें कि सरकारी शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में राज्य सरकार पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लग रहा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण दाड ने कहा है कि यह हिंदू समाज को दबाने के लिए यह सैकड़ों सालों से चलाया जा रहे षड्यंत्र के तहत किया गया है. इसके लिए हिन्दू समाज को आगे आकर ऐसा करने वालों को सबक सिखाना चाहिए.

दरअसल, राजस्थान में दसवीं कक्षा में अकबर के चैप्टर में कुछ बदलाव किया है. पहले लिखा था कि 1562 में अकबर ने बाज बहादुर से मालवा चुनार का किला गोडवाना का किला जीता था. अब नए सिलेबस में इसको बदलकर 1516 कर दिया गया है. इसके हिसाब से देखा जाए तो अकबर ने जन्म से पहले ही यह किला जीत लिया था, क्योंकि अकबर का जन्म ही 1542 में हुआ था. सातवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान के चेप्टर-20 राजस्थान के राजवंश एवं मुगल में महाराणा को वीर शिरोमणि प्रताप महान लिखा गया है. इसमें नए सिरे से जोड़े गए तथ्य में कहा गया है कि मुगल इतिहास ने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर को विजयी बताया है, जबकि मेवाड़ के अभिलेखों में प्रताप की विजय होना लिखा है. इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि अकबर अपने एक भी उद्देश्य में सफल नहीं हुआ था. इसमें प्रताप को जननायक बताते हुए लिखा है कि उन्होंने अंतिम समय तक मातृभूमि के लिए मर मिटने वाला आदर्श प्रस्तुत किया.

वहीं,12वीं कक्षा की इतिहास के चैप्टर-4 मुगल आक्रमण-प्रमाण और प्रभाव में नया तथ्य यह जोड़ा गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप की पराजय हुई थी. पराजय का कारण प्रताप के परंपरागत युद्ध शैली को बताया गया है. साथ ही कहा गया है कि प्रतिकूल परिस्थितियों के हिसाब से प्रताप में धैर्य का भी अभाव था. जिसके चलते मेवाड़ सेना मैदान में लड़ने में अधिक सक्षम नहीं थी. वहीं महाराणा प्रताप के पास युद्ध के अंतिम दौर के लिए सैनिक दस्ता नहीं था.

Intro: मेवाड़ के इतिहास से छेड़छाड़ करने के विरोध में सर्व समाज ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया


भीलवाड़ा - महाराणा प्रताप और पद्मावती के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर भीलवाड़ा में सकल हिंदू समाज के अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों ने आज जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया प्रदर्शन के दौरान जोहर समिति संस्थान के बैनर तले राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा ।


Body:

ज्ञापन के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए जौहर समिति संस्थान के उपाध्यक्ष गोपालचरण सिसोदिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम यहां जिला कलेक्टर कार्यालय में शिक्षा मंत्री के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं । यदि सरकार ने मेवाड़ के मान व स्वाभिमान के साथ छेड़छाड़ की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा । गौरतलब है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में राज्य सरकार पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लग रहा है । वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण दाड ने कहा कि यह हिंदू समाज को दबाने के लिए यह सैकड़ों सालों से चलाया जा रहे षड्यंत्र के तहत किया गया है इसके लिए हिन्दू समाज को आगे आकर ऐसा करने वालों को सबक सिखाना चाहिए ।


Conclusion:

बाइट - गोपाल चरण सिसोदिया, जौहर समिति संस्थान ,उपाध्यक्ष

लक्ष्मी नारायण डाड , जिलाध्यक्ष भाजपा
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