ETV Bharat / state

Patent Licence to Bhilwara Dentist: भीलवाड़ा के डॉक्टर ने तो कमाल कर दिया! RCT के लिए बनाया देसी औजार

भीलवाड़ा के मेडिकल कॉलेज स्थित दंत रोग विभाग के प्रोफेसर की रिसर्च ने सबको गर्व करने का मौका दे दिया. डॉ विपुल चौधरी ने भविष्य के डेंटिस्ट्स को रास्ता दिखा दिया. उम्मीद जगा दी कि अपने हुनर पर यकीन हो तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है.

author img

By

Published : Feb 8, 2023, 5:15 PM IST

Patent Licence to Bhilwara Dentist
उपलब्धि से सब खुश

भीलवाड़ा. विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में दंत रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विपुल चौधरी ने दंत चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उनके विशुद्ध देसी RCT उपकरण को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने मान्यता प्रदान की है. अगले 20 वर्ष के लिए पेटेंट मिला है. चौधरी इस अचीवमेंट से उत्साहित हैं, खुश हैं और मानते हैं कि शायद विश्व में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि उन्हें सस्ता, सुलभ डिवाइस बनाने के लिए पेटेंट लाइसेंस मिला हो.

विपुल चौधरी को रूट कैनालिंग ट्रीटमेंट में अविष्कार और डिजाइन के लिए पेटेंट कार्यालय भारत सरकार ने Methodology And Device For Cleaning Surgical And Endodontic Instruments के लिए लाइसेंस प्रदान किया. अपने साथी की कामयाबी से सब खुश हैं. महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉ अरुण गौड सहित अन्य चिकित्सा अधिकारियों ने गुलदस्ता भेंट कर इस अचीवमेंट को सेलीब्रेट किया.

Patent Licence to Bhilwara Dentist
सरकार ने दिया पेटेंट लाइसेंस

इस दौरान डॉ चौधरी ने डिवाइस इजाद करने के पीछे की सोच को साझा किया. कहा कि वर्तमान में 70% चिकित्सा उपकरण विदेश से आयातित होते हैं. इसकी वजह से हमारे देश में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में परेशानी होती है. साथ ही इलाज की लागत भी बढ़ती है. इस पेटेंट से दंत चिकित्सा की लागत में कमी व सुलभता बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी.

पढ़ें- ASAE में Jaipur MNIT के छात्रों की धूम, ड्राइवर लेस कार पर दिए सुझाव आए रास

RCT क्या?- रूट कैनाल ट्रीटमेंट अकसर डेंटिस्ट डैमेज या इंफेक्टेड दांतों से छुटकारा दिलाने के लिए करते हैं. इसके तहत परेशान करने वाले दांत को Extract करने या निकालने की जगह ट्रीट किया जाता है. इस ट्रीटमेंट के दौरान दांत की जड़ से जुड़ी नसों और पल्प को धीरे धीरे हटा दिया जाता है. फिर सफाई कर उसे सील कर दिया जाता है. इसके बाद कैपिंग की जाती है. पहले जहां इसके लिए मरीज को 3 से 4 सिटिंग लेनी पड़ती थी वहीं अब एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के कारण 1 सिटिंग में ही समस्या हल हो जाती है.

भीलवाड़ा. विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में दंत रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विपुल चौधरी ने दंत चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उनके विशुद्ध देसी RCT उपकरण को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने मान्यता प्रदान की है. अगले 20 वर्ष के लिए पेटेंट मिला है. चौधरी इस अचीवमेंट से उत्साहित हैं, खुश हैं और मानते हैं कि शायद विश्व में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि उन्हें सस्ता, सुलभ डिवाइस बनाने के लिए पेटेंट लाइसेंस मिला हो.

विपुल चौधरी को रूट कैनालिंग ट्रीटमेंट में अविष्कार और डिजाइन के लिए पेटेंट कार्यालय भारत सरकार ने Methodology And Device For Cleaning Surgical And Endodontic Instruments के लिए लाइसेंस प्रदान किया. अपने साथी की कामयाबी से सब खुश हैं. महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉ अरुण गौड सहित अन्य चिकित्सा अधिकारियों ने गुलदस्ता भेंट कर इस अचीवमेंट को सेलीब्रेट किया.

Patent Licence to Bhilwara Dentist
सरकार ने दिया पेटेंट लाइसेंस

इस दौरान डॉ चौधरी ने डिवाइस इजाद करने के पीछे की सोच को साझा किया. कहा कि वर्तमान में 70% चिकित्सा उपकरण विदेश से आयातित होते हैं. इसकी वजह से हमारे देश में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में परेशानी होती है. साथ ही इलाज की लागत भी बढ़ती है. इस पेटेंट से दंत चिकित्सा की लागत में कमी व सुलभता बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी.

पढ़ें- ASAE में Jaipur MNIT के छात्रों की धूम, ड्राइवर लेस कार पर दिए सुझाव आए रास

RCT क्या?- रूट कैनाल ट्रीटमेंट अकसर डेंटिस्ट डैमेज या इंफेक्टेड दांतों से छुटकारा दिलाने के लिए करते हैं. इसके तहत परेशान करने वाले दांत को Extract करने या निकालने की जगह ट्रीट किया जाता है. इस ट्रीटमेंट के दौरान दांत की जड़ से जुड़ी नसों और पल्प को धीरे धीरे हटा दिया जाता है. फिर सफाई कर उसे सील कर दिया जाता है. इसके बाद कैपिंग की जाती है. पहले जहां इसके लिए मरीज को 3 से 4 सिटिंग लेनी पड़ती थी वहीं अब एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के कारण 1 सिटिंग में ही समस्या हल हो जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.