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PFI Fund Transfer Case: मैं PFI का पदाधिकारी नहीं, सामाजिक कार्यकर्ता हूं: मोहम्मद इमरान रंगरेज

PFI फंड ट्रांसफर मामले में शनिवार को एनआईए की छापेमारी के बाद सोमवार को मोहम्मद इमरान रंगरेज ने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कार्रवाई से संबंधित सभी जानकारियां (NIA Action on PFI) साझा कीं.

PFI Fund Transfer Case
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Published : Feb 20, 2023, 5:28 PM IST

सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद इमरान रंगरेज

भीलवाड़ा. देशभर में PFI के दफ्तरों और कार्यकर्ताओं की तलाश में जुटी एनआईए की टीम ने शनिवार को भीलवाड़ा के गुल नगरी स्थित एक मकान में छापेमारी की. जिसके बाद बताया गया कि ये छापेमारी पीएफआई के एक पदाधिकारी के निवास पर की थी. जहां से एनआईए टीम ने एक मोबाइल फोन, बैंक के खाते और कुछ अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं. हालांकि, मोहम्मद इमरान रंगरेज नाम के जिस शख्स के निवास पर ये कार्रवाई की गई उसका कहना है कि उसका PFI से कोई वास्ता नहीं है, बल्कि वो तो एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता है.

मैं किसी संगठन का पदाधिकारी नहीं - सोमवार को ईटीवी भारत से मुखातिब हुए मोहम्मद इमरान रंगरेज ने कहा कि एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है. इससे पहले भी उनसे इस मसले में पूछताछ हुई है और आगे जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा वो हाजिर होंगे. साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वो ऐसे किसी भी संगठन के पदाधिकारी नहीं हैं. बल्कि एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आम लोगों के लिए काम करते हैं.

इसे भी पढ़ें - NIA Action on PFI: जयपुर-कोटा समेत राजस्थान के कई जिलों में PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमारी

मुझ से तीन बार हो चुकी है पूछताछ - रंगरेज ने आगे कहा कि वो तो एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता के हैसियत से सोशल मीडिया के जरिए सामाजिक समस्याओं को उठाते हैं. लेकिन उनका किसी भी संगठन से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले उनके निवास पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की थी. साथ ही उन्हें इस मसले में तीन बार पूछताछ के लिए जयपुर स्थित एनआईए कार्यालय में बुलाया जा चुका है. खैर, वो इससे घबराए नहीं हैं और आगे जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो वो सहयोग करेंगे.

कोरोना काल में दिया संगठन को डोनेशन - रंगरेज ने आगे कहा कि 2019-20 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जो अब प्रतिबंधित संगठन है, उसको उन्होंने कोरोना के दौरान डोनेशन दिया था. उस संबंध में एनआईए ने उनसे पूछताछ की थी और जो भी सवाल किए गए थे उन्होंने उसका जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि जब शनिवार को उनके निवास पर छापेमारी हुई तो वो अपने ससुराल में थे. उनका ससुराल उनके मकान के ठीक पीछे है.

कार्रवाई के दौरान उनसे पांच घंटे तक पूछताछ भी की गई. इस दौरान एनआईए टीम ने घर में सर्च ऑपरेशन भी चलाया और उनका और उनकी पत्नी का मोबाइल फोन, आधार कार्ड की फोटो कॉपी और पंजाब नेशनल बैंक के साथ ही SBI बैंक के पासबुक की फोटो कॉपी के अलावा एक टि्वटर आईडी का प्रोफाइल फोटो ले गए. रंगरेज ने कहा कि इस कार्रवाई के अगले दिन मीडिया में उनकी गिरफ्तारी की खबरें छपी. जबकि एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार ही नहीं किया. रंगरेज ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को (2019-20) 25 हजार रुपए ऑनलाइन बतौर डोनेशन दिए थे. जिसकी खाते में एंट्री भी है और वो इस बारे में पहले ही एनआईए को बता चुके हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद इमरान रंगरेज

भीलवाड़ा. देशभर में PFI के दफ्तरों और कार्यकर्ताओं की तलाश में जुटी एनआईए की टीम ने शनिवार को भीलवाड़ा के गुल नगरी स्थित एक मकान में छापेमारी की. जिसके बाद बताया गया कि ये छापेमारी पीएफआई के एक पदाधिकारी के निवास पर की थी. जहां से एनआईए टीम ने एक मोबाइल फोन, बैंक के खाते और कुछ अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं. हालांकि, मोहम्मद इमरान रंगरेज नाम के जिस शख्स के निवास पर ये कार्रवाई की गई उसका कहना है कि उसका PFI से कोई वास्ता नहीं है, बल्कि वो तो एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता है.

मैं किसी संगठन का पदाधिकारी नहीं - सोमवार को ईटीवी भारत से मुखातिब हुए मोहम्मद इमरान रंगरेज ने कहा कि एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है. इससे पहले भी उनसे इस मसले में पूछताछ हुई है और आगे जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा वो हाजिर होंगे. साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वो ऐसे किसी भी संगठन के पदाधिकारी नहीं हैं. बल्कि एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आम लोगों के लिए काम करते हैं.

इसे भी पढ़ें - NIA Action on PFI: जयपुर-कोटा समेत राजस्थान के कई जिलों में PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमारी

मुझ से तीन बार हो चुकी है पूछताछ - रंगरेज ने आगे कहा कि वो तो एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता के हैसियत से सोशल मीडिया के जरिए सामाजिक समस्याओं को उठाते हैं. लेकिन उनका किसी भी संगठन से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले उनके निवास पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की थी. साथ ही उन्हें इस मसले में तीन बार पूछताछ के लिए जयपुर स्थित एनआईए कार्यालय में बुलाया जा चुका है. खैर, वो इससे घबराए नहीं हैं और आगे जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो वो सहयोग करेंगे.

कोरोना काल में दिया संगठन को डोनेशन - रंगरेज ने आगे कहा कि 2019-20 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जो अब प्रतिबंधित संगठन है, उसको उन्होंने कोरोना के दौरान डोनेशन दिया था. उस संबंध में एनआईए ने उनसे पूछताछ की थी और जो भी सवाल किए गए थे उन्होंने उसका जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि जब शनिवार को उनके निवास पर छापेमारी हुई तो वो अपने ससुराल में थे. उनका ससुराल उनके मकान के ठीक पीछे है.

कार्रवाई के दौरान उनसे पांच घंटे तक पूछताछ भी की गई. इस दौरान एनआईए टीम ने घर में सर्च ऑपरेशन भी चलाया और उनका और उनकी पत्नी का मोबाइल फोन, आधार कार्ड की फोटो कॉपी और पंजाब नेशनल बैंक के साथ ही SBI बैंक के पासबुक की फोटो कॉपी के अलावा एक टि्वटर आईडी का प्रोफाइल फोटो ले गए. रंगरेज ने कहा कि इस कार्रवाई के अगले दिन मीडिया में उनकी गिरफ्तारी की खबरें छपी. जबकि एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार ही नहीं किया. रंगरेज ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को (2019-20) 25 हजार रुपए ऑनलाइन बतौर डोनेशन दिए थे. जिसकी खाते में एंट्री भी है और वो इस बारे में पहले ही एनआईए को बता चुके हैं.

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