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मौसमी बीमारियों के लिए चिकित्सा विभाग का दावा- तैयारियं पूरी, टीम का गठन

भीलवाड़ा जिले में वर्षा ऋतु में फैल रही बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली. जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला स्तर पर वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए टीम का गठन किया गया है.

वर्षा ऋतु में भी चिकित्सा विभाग चुस्त
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Published : Jul 6, 2019, 4:52 PM IST

भीलवाड़ा. वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली है. इसको लेकर चिकित्सा विभाग के सीएमएचओ डॉ जे सी जी नगर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियां फैलती है. जहां लोगों में मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू हो सकता है. इनकी रोकथाम के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.

इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला लेवल पर टीम का गठन किया है, जिसमें डॉक्टर व नर्सिंग कर्मी भी शामिल होंगे. साथ ही उस टीम के साथ एक प्राथमिक किट भी उपलब्ध होगा.जहां भी मौसमी बीमारी की जानकारी मिलेगी या वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारी की जानकारी मिलेगी. और टीम मौके पर जाएगी और प्राथमिक उपचार वहीं पर किया जाएगा.

वर्षा ऋतु में भी चिकित्सा विभाग चुस्त

वहीं अभी भीलवाड़ा जिले में ग्रामीण क्षेत्र में डोर टू डोर सर्वे चल रहा है जो सर्वे एएनएम व आशा सहयोगिनी कर रही है. जहां भी बीमारी की शिकायत होती है वहां से मरीज की स्लाइड ली जा रही है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जो पेयजल स्रोत है वहां के पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं और पानी की जांच करवाई जा रही है.

देखना यह होगा कि जहां सरकार चिकित्सा का अधिकार देने की बात कर रही है वहीं भीलवाड़ा जिले में डाक्टर और एएनएम के आधे से ज्यादा पद खाली है वहां वर्षा ऋतु में फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रशासन और क्या प्रयास करता है.

भीलवाड़ा. वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली है. इसको लेकर चिकित्सा विभाग के सीएमएचओ डॉ जे सी जी नगर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियां फैलती है. जहां लोगों में मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू हो सकता है. इनकी रोकथाम के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.

इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला लेवल पर टीम का गठन किया है, जिसमें डॉक्टर व नर्सिंग कर्मी भी शामिल होंगे. साथ ही उस टीम के साथ एक प्राथमिक किट भी उपलब्ध होगा.जहां भी मौसमी बीमारी की जानकारी मिलेगी या वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारी की जानकारी मिलेगी. और टीम मौके पर जाएगी और प्राथमिक उपचार वहीं पर किया जाएगा.

वर्षा ऋतु में भी चिकित्सा विभाग चुस्त

वहीं अभी भीलवाड़ा जिले में ग्रामीण क्षेत्र में डोर टू डोर सर्वे चल रहा है जो सर्वे एएनएम व आशा सहयोगिनी कर रही है. जहां भी बीमारी की शिकायत होती है वहां से मरीज की स्लाइड ली जा रही है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जो पेयजल स्रोत है वहां के पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं और पानी की जांच करवाई जा रही है.

देखना यह होगा कि जहां सरकार चिकित्सा का अधिकार देने की बात कर रही है वहीं भीलवाड़ा जिले में डाक्टर और एएनएम के आधे से ज्यादा पद खाली है वहां वर्षा ऋतु में फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रशासन और क्या प्रयास करता है.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले में वर्षा ऋतु में फैल रही बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली । जिसको लेकर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जे.सी. जीनगर ने कहा कि जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला स्तर पर वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए टीम का गठन किया गया है । वहीं जिले में अब तक आधे से ज्यादा डॉक्टर और एएनएम के पद खाली है ऐसे में कैसे इन लोगों का उपचार होगा।


Body:वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली है। इसको लेकर चिकित्सा विभाग के सीएमएचओ डॉ जे सी जी नगर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में कहीं तरह की बीमारियां फैलती है । जहा लोगो मे मलेरिया, चिकनगुनिया ,डेंगू और स्वाइन फ्लू हो सकता है इनकी रोकथाम के लिए कई प्रयास किए हैं। हम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला लेवल पर टीम का गठन किया है । जिसमें डॉक्टर व नर्सिंग कर्मी भी शामिल होंगे। साथ ही उस टीम के साथ एक प्राथमिक किट भी उपलब्ध होगा। जहां भी मौसमी बीमारी की जानकारी मिलेगी या वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारी की जानकारी मिलेगी तो टीम मौके पर जाएगी और प्राथमिक उपचार वहीं पर किया जाएगा । वहीं अभी भीलवाड़ा जिले में ग्रामीण क्षेत्र में डोर टू डोर सर्वे चल रहा है जो सर्वे एएनएम व आशा सहयोगिनी कर रही है। जहां भी बीमारी की शिकायत होती है वहां से मरीज की स्लाइड ली जा रही है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जो पेयजल स्रोत है वहां के पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं और पानी की जांच करवाई जा रही है।
साथ ही हाल ही में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में मीटिंग का आयोजन हुआ जिसमें पशुपालन विभाग सहित जलदाय विभाग को भी निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में पशुओं और प्रदूषित पानी से भी बीमारी फैलने की संभावना ज्यादा रहती है ।इसलिए उनको भी इस टीम में शामिल किया है। साथ ही जिले में जहां डाक्टर व एएनएम के पद खाली है वा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पद खाली है । वहां नर्सिंग स्टाफ को पाबंद कर रखा है साथ ही के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर को वहां का इंचार्ज बनाया है । वहीं जहा एएनएम के पद खाली है वहां पास वाली एएनएम को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है ।
जिले में 524 एएनएम के पद स्वीकृत है जिसमें से 267 पद खाली है साथ ही जिले में 304 डॉक्टरों के पद स्वीकृत है उसमें से 144 पद ही भरे हुए हैं 160 डॉक्टरों के पद अभी वर्तमान में खाली है ऐसे में इनका उपचार कब होगा ।
अब देखना यह होगा कि जहां सरकार चिकित्सा का अधिकार देने की बात कर रही है वहीं भीलवाड़ा जिले में डाक्टर और एएनएम के आधे से ज्यादा पद खाली है वहां वर्षा ऋतु में फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रशासन और क्या प्रयास करता है या नही जिससे यह मौसमी बीमारी ज्यादा नहीं फैले। सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट - जे सी. जीनगर
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भीलवाड़ा


Conclusion:
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