भीलवाड़ा. भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अंतर्गत तीन जिले आते है, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़. ऐसे में इस बार इन तीनों जिलों में से सर्वाधिक बरसात प्रतापगढ़ जिले में हुई है. जहां 1 जून से 27 सितंबर तक प्रतापगढ़ जिले में 65.36 इंच वर्षा मापी गई. वहीं प्रतापगढ़ जिले में सर्वाधिक वर्षा होने के कारण जिले के सभी जलाशय भर गए हैं.
जहां भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अंतर्गत भीलवाड़ा ,चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले आते हैं. वहीं अब तक सर्वाधिक वर्षा प्रतापगढ़ जिले में हुई है. प्रतापगढ़ जिले में कुल 10 बांध स्थित है. उनमें से नौ बांध ओवरफ्लो हो गए हैं और एक बांध ओवरफ्लो होने की कगार पर पहुंच चुका है. जिसमें से एक बांध जो ओवरफ्लो की ओर बढ़ रहा है उसमें 95 प्रतिशत पानी आ गया है.
वहीं भीलवाड़ा जिले के कुल 63 बांधों में से 35 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं और 25 बांध भराव क्षमता की ओर है. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले के 30 बांध ओवरफ्लो हो गए हैं और 13 बांध भराव क्षमता की ओर बढ़ रहे हैं. छिटपुट बरसात के बाद भी क्षेत्र से गुजरने वाले नदी-नालों में कुछ पानी की आवक अभी भी जारी है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर एक बार फिर मानसून ने दस्तक दिया तो सभी बांध ओवरफ्लो हो सकते हैं. वहीं बरसात के बाद बची-कुची खरीफ की फसल की कटाई भी किसानों ने शुरू कर दी है. इस बार दलहनी फसलें मूंग, उड़द और तिल बिल्कुल समाप्त हो गए हैं. अब देखना यह होगा कि कुछ बांध तीनों जिलों के जो भराव क्षमता की ओर है, कब मानसून वापिस दस्तक देता है और बांध ओवरफ्लो होते हैं.