भीलवाड़ा. कपड़ा नगरी भीलवाड़ा के एक निजी धर्मशाला में बाल दुर्व्यवहार और बाल श्रम मुक्त राजस्थान को लेकर बाल संरक्षण आयोग की ओर से जिला स्तरीय जनसंवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें स्कूली छात्र छात्राओं को बाल श्रम और बाल दुर्व्यवहार जैसे कई विषयों पर जानकारी दी गई. इस दौरान कार्यशाला में बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पांडेय बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी सहित बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नागेंद्र कोलंबिया मौजूद रहे.
कार्यशाला के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पण्डिया ने कहा कि बाल श्रम तब तक नहीं रुकेगा जब तक डिमांड और सप्लाई का सिलसिला नहीं रुक जाता. इसके लिए सख्त कार्रवाई आवश्यकता है तभी जाकर यह बाल श्रम की घटनाएं रुक पाएगी.
इसके साथ ही भीलवाड़ा शहर में मासूमों पर लगाए जा रहे दांव पर भी जनमानस जागरूकता के लिए सी डी डब्लू सी से आवेदन करेंगे की रात्रि चौपाल और अन्य कार्यक्रम में इस बिंदुओ को भी शामिल किया जाए.
पढ़ें- भीलवाड़ा में राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुूंच रहा
पांडेय ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पहल बाल कल्याण के लिए सीडब्ल्यूसी के माध्यम से क्रियाकलाप चलाए जा रहे हैं. हर सी डी डब्ल्यू सी को इसके लिए सरकार ने डेढ लाख रुपये तक का बजट भी जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीडब्ल्यूसी अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं है इसके लिए इन कमेटियों को प्रशिक्षण की व्यवस्था उपलब्ध करवाने की तैयारी की जा रही है.