भीलवाड़ा. जिले के मांडल कस्बे में शुक्रवार रात को भगवान श्री चारभुजा नाथ के बेवाण (सवारी) निकालने के दौरान डीजे बंद न करने को लेकर दो समुदायों में गहमागहमी की स्थिति हो गई. मांडल थाना प्रभारी मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि इस दौरान कुछ लोग आमने-सामने भी हो गए, जिसके बाद शनिवार को स्वेच्छा से मांडल कस्बा बंद रखा गया है. स्थिति को देखते हुए कस्बे में जगह-जगह भारी मात्रा में पुलिस का जाप्ता भी तैनात किया गया है.
छड़ी निकालने के दौरान किया भजन-कीर्तन : शुक्रवार रात को इस घटना से पहले समुदाय विशेष के लोगों का आरोप है कि ताजिया से पहले दो दिन पूर्व छड़ी निकालने का रिवाज है, जो गुरुवार को कस्बे से निकाली जा रही थी. उनका आरोप है कि जब छड़ी उस स्थान के पास निकली तो दूसरे समुदाय के लोगों ने तेज आवाज में कीर्तन करना प्रारंभ कर दिया. इससे छड़ी निकालने में दिक्कत आई.
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साउंड बॉक्स बंद नहीं करने पर विवाद : मांडल कस्बे में एकादशी से पूर्व दशमी को परंपरागत तरीके से बड़ा मंदिर से भगवान चारभुजा नाथ का बेवाण निकलता है. इस दौरान भक्त भजन-कीर्तन के साथ कस्बे के प्रमुख मार्ग से होते हुए पुनः चारभुजा मंदिर पहुंचते हैं. इसी के तहत शुक्रवार रात को भगवान का बेवाण कस्बे से गुजर रहा था. कस्बे के लखारा चौक में समुदाय विशेष की ओर से मुहर्रम को लेकर साउंड बॉक्स लगाए गए थे. आरोप है कि जब लखारा चौक पर बेवाण पहुंचा तो उनसे साउंड बंद करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इस बात पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया.
पुलिस ने करवाया मामला शांत : मांडल थाना प्रभारी मुकेश कुमार वर्मा ने कहा कि शुक्रवार रात को साउंड बंद करवाने को लेकर विवाद का मामला सामने आया था, लेकिन मौके पर पहुंचे और समझाइश कर मामले को शांत करवाया गया. आज कस्बे में लोगों ने स्वेच्छा से बाजार बंद रखे हैं. इस दौरान मांडल कस्बे में जगह-जगह पुलिस का जाप्ता तैनात किया गया है.
18 साल पहले भी हुआ था विवाद : बता दें कि मांडल का लखारा चौक वही स्थान है, जहां 8 अप्रैल 2005 को मांडल में चारभुजा नाथ का बेवाण निकाला जा रहा था. बेवाण लखारा चौक पहुंचा ही था कि अचानक वहां एक पक्ष के लोग आए और गुलाल फेंकने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर पथराव कर दिया. इस घटना में कई पुलिस कर्मी और अधिकारी घायल हो गए थे. इसके बाद मांडल में दंगा भड़क गया था और कई दुकानें आग के हवाले कर दी गईं थी.