भीलवाड़ा. कृषि विभाग ने जिले में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान की व्यवस्था कर ली है. साथ ही किसान भी अब अपने खेत की बुवाई के लिए बरसात का इंतजार कर रहे हैं. यहां मानसून पंहुचने पर फसलों की बुआई की जाएगी.
खरीफ की फसल की बुवाई के लिए भीलवाड़ा के किसान अपने खेतों की जुताई कर चुके हैं. बस अब बरसात का इंतजार है. वर्तमान समय में भीलवाड़ा जिले में सिर्फ कपास की फसल की बुवाई बूंद बूंद सिंचाई योजना के तहत हो रही है. वहीं बरसात होने पर तिल, ज्वार, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, मक्का, चावला व बाजरे की फसल मानसून पहुंचने पर इन फसलों की बुवाई भीलवाड़ा जिले में होगी. भीलवाड़ा जिले की अगर बात करें तो भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्का की फसल की बुआई होती है. हाइब्रिड किस्म के मक्का के बीज की बुआई होती है, जिससे अधिक उपज होती है. निजी और सहकारी समिति की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में आदान पहुंच गया है.
बता दें कि भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्के की फसल की बुआई होती है. भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ जी.एल.चावला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मानसून पहुंचने से पहले भीलवाड़ा में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है. जिले की सभी सरकारी, निजी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज व दवाइयां उपलब्ध है. साथ ही सभी कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं. वे फील्ड में रहकर किसानों की चौपाल लगाकर उन्हें उन्नत किस्म के बीच की समय से बुआई करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं.
कृषि विभाग ने तैयारी तो पूरी कर ली है, लेकिन बिना पानी के खेती संभव नहीं है. इसलिए किसानों को मानसून की प्रतीक्षा है. बारिश के बाद ही जिले में मक्के के लहलहाते खेत दिखेंगे.