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भीलवाड़ा: कृषि विभाग की खरीफ में बुवाई की तैयारी की पूरी, किसानों को मानसून का इंतजार

भीलवाड़ा में कृषि विभाग ने जिले में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान की व्यवस्था कर ली है. विभाग ने उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग करने के लिए किसानों को चौपाल के जरिए प्रेरित करने की योजना बनाई है. वहीं मानसून आने के बाद ही खरीफ फसलों की बुआई शुरू हो पाएगी.

डॉ जी.एल.चावला, जिला कृषि उपनिदेशक
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Published : Jun 16, 2019, 5:53 PM IST

भीलवाड़ा. कृषि विभाग ने जिले में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान की व्यवस्था कर ली है. साथ ही किसान भी अब अपने खेत की बुवाई के लिए बरसात का इंतजार कर रहे हैं. यहां मानसून पंहुचने पर फसलों की बुआई की जाएगी.

भीलवाड़ा में कृषि विभाग की खरीफ में बुवाई की तैयारी की पूरी

खरीफ की फसल की बुवाई के लिए भीलवाड़ा के किसान अपने खेतों की जुताई कर चुके हैं. बस अब बरसात का इंतजार है. वर्तमान समय में भीलवाड़ा जिले में सिर्फ कपास की फसल की बुवाई बूंद बूंद सिंचाई योजना के तहत हो रही है. वहीं बरसात होने पर तिल, ज्वार, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, मक्का, चावला व बाजरे की फसल मानसून पहुंचने पर इन फसलों की बुवाई भीलवाड़ा जिले में होगी. भीलवाड़ा जिले की अगर बात करें तो भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्का की फसल की बुआई होती है. हाइब्रिड किस्म के मक्का के बीज की बुआई होती है, जिससे अधिक उपज होती है. निजी और सहकारी समिति की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में आदान पहुंच गया है.

बता दें कि भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्के की फसल की बुआई होती है. भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ जी.एल.चावला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मानसून पहुंचने से पहले भीलवाड़ा में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है. जिले की सभी सरकारी, निजी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज व दवाइयां उपलब्ध है. साथ ही सभी कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं. वे फील्ड में रहकर किसानों की चौपाल लगाकर उन्हें उन्नत किस्म के बीच की समय से बुआई करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं.

कृषि विभाग ने तैयारी तो पूरी कर ली है, लेकिन बिना पानी के खेती संभव नहीं है. इसलिए किसानों को मानसून की प्रतीक्षा है. बारिश के बाद ही जिले में मक्के के लहलहाते खेत दिखेंगे.

भीलवाड़ा. कृषि विभाग ने जिले में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान की व्यवस्था कर ली है. साथ ही किसान भी अब अपने खेत की बुवाई के लिए बरसात का इंतजार कर रहे हैं. यहां मानसून पंहुचने पर फसलों की बुआई की जाएगी.

भीलवाड़ा में कृषि विभाग की खरीफ में बुवाई की तैयारी की पूरी

खरीफ की फसल की बुवाई के लिए भीलवाड़ा के किसान अपने खेतों की जुताई कर चुके हैं. बस अब बरसात का इंतजार है. वर्तमान समय में भीलवाड़ा जिले में सिर्फ कपास की फसल की बुवाई बूंद बूंद सिंचाई योजना के तहत हो रही है. वहीं बरसात होने पर तिल, ज्वार, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, मक्का, चावला व बाजरे की फसल मानसून पहुंचने पर इन फसलों की बुवाई भीलवाड़ा जिले में होगी. भीलवाड़ा जिले की अगर बात करें तो भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्का की फसल की बुआई होती है. हाइब्रिड किस्म के मक्का के बीज की बुआई होती है, जिससे अधिक उपज होती है. निजी और सहकारी समिति की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में आदान पहुंच गया है.

बता दें कि भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्के की फसल की बुआई होती है. भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ जी.एल.चावला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मानसून पहुंचने से पहले भीलवाड़ा में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है. जिले की सभी सरकारी, निजी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज व दवाइयां उपलब्ध है. साथ ही सभी कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं. वे फील्ड में रहकर किसानों की चौपाल लगाकर उन्हें उन्नत किस्म के बीच की समय से बुआई करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं.

कृषि विभाग ने तैयारी तो पूरी कर ली है, लेकिन बिना पानी के खेती संभव नहीं है. इसलिए किसानों को मानसून की प्रतीक्षा है. बारिश के बाद ही जिले में मक्के के लहलहाते खेत दिखेंगे.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा कृषि विभाग ने जिले में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान की व्यवस्था कर ली है । साथ ही किसान भी अब अपने खेत की बुवाई के लिए बरसात का इंतजार कर रहे हैं। मानसून पंहुचने पर फसलो की बुआई होगी।


Body:जिले में खरीफ की फसल की बुवाई के लिए अब किसान अपने खेतों की जुताई करके बरसात का इंतजार कर रहे हैं। जिससे अगर मानसून समय पर पहुंच जाता है तो खरीब की फसल की बुआई समय पर हो सकती है । वर्तमान समय मे भीलवाड़ा जिले में सिर्फ कपास की फसल की बुवाई बूंद बूंद सिंचाई योजना के तहत हो रही है । वही बरसात होने पर तिल , ज्वार , मूंग , उड़द, मूंगफली, सोयाबीन ,मक्का , चावला व बाजरे की फसल मानसून पहुंचने पर इन फसलों की बुवाई भीलवाड़ा जिले में होगी। भीलवाड़ा जिले की अगर बात करें तो भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्का की फसल की बुआई होती है । हाइब्रिड किस्म के मक्का की किस्म की बुआई होती है जिससे अधिक उपज हो सके। वही निजी और सहकारी समिति की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में आदान पहुंच गया है। बरसात होने पर जिले में बुवाई का लक्ष्य इस बार पूरा कर लिया जाएगा ।
भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ जी.एल.चावला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मानसून पहुंचने से पहले भीलवाड़ा में खरीब की फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है । जिले की सभी सरकारी ,निजी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज व दवाइयां उपलब्ध है। साथ ही सभी कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड में रहने के निर्देश दे रखे हैं । जो फिल्ड मे रहकर किसानों को चौपाल लगाकर समझाने की बात करने का कृषि पर्यवेक्षक को निर्देश दिए हैं ।वहीं भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्के की फसल की बुआई होती है।


Conclusion:अब देखना यह होगा कि मानसून पहुंचने के बाद भीलवाड़ा जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कौन सी फसल की बुवाई ज्यादा होती है और कौन सी फसल की बुवाई कब होती है

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट - डां. जी. एल. चावला
कृषि उपनिदेशक, भीलवाड़ा
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