भीलवाड़ा. जिले में मंगलवार और बुधवार को एक भी कोरोना वायरस का मामला सामने नहीं आया है. अब तक जिले में कोरोना के 26 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें से 13 मरीजों की दूसरे फेज में हुई जांच नेगेटिव पाई गई है. वहीं इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन ने 3 से 13 अप्रैल तक महा कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है.
इस दौरान मांडल विधायक रामलाल जाट ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वे जिले की ग्रामीण क्षेत्र में जनता को कोरोना वायरस से सजग रहने के लिए जनजागृति पैदा करने का काम कर रहे है. उन्होंने बताया कि जन प्रतिनिधि इस समय बखूबी से अपना धर्म निभा रहे हैं. साथ ही जिले में कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए, इसके लिए मुख्यमंत्री हमेशा जिला कलेक्टर को निर्देश दे रहे हैं.
मांडल विधायक रामलाल जाट ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनता के हित को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में सबसे पहले लॉकडाउन किया था, जिसका एक रूप भीलवाड़ा में अभी कर्फ्यू के तौर पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव ही उपचार है. उन्होंने कहा कि लोगों में जागृति पैदा करने का काम सब जनप्रतिनिधि कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोगों इस समय धैर्य पूर्वक कानून का पालन करते हुए पुलिस प्रशासन का सहयोग करे, ताकि इस महामारी से बचाव हो सके.
वहीं ग्रामीण क्षेत्र में राहत नहीं मिलने के सवाल पर रामलाल जाट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कोई भूखा नहीं रहेगा. पीडीएफ की दुकानें खुली हुई है. गांव में विधिवत सब कार्य हो रहे है. बचाव के लिए जनप्रतिनिधि जागरूक कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, एनजीओ और प्रशासन की ओर से सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सो पाएं. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद वॉर रूम में बैठकर भीलवाड़ा जिले पर नजर बनाए हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि वे भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ का अध्यक्ष भी है. सरस डेयरी की ओर से घर-घर जाकर दूध वितरण किया जा रहा है. साथ ही डेयरी ने भी अनूठी पहल करते हुए डेयरी में हाथ से बनने वाला तमाम उत्पादन को बंद कर दिया है. मशीनों से जो काम हो रहा है, उससे लोगों को दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है.