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भीलवाड़ा में पर्यावरण और गाय को बचाने के लिए अनूठी पहल...ऐसे जलेगी होलिका

जिले में पर्यावरण वृक्ष और गाय को बचाने के लिए माधव गौशाला में अनूठी पहल की है.

गायों को बचाने के लिए माधव गौशाला ने की अनूठी पहल
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Published : Mar 19, 2019, 2:08 PM IST


भीलवाड़ा. जिले में पर्यावरण वृक्ष और गाय को बचाने के लिए माधव गौशाला में अनूठी पहल की है. जिसके तहत होलिका दहन के समय माधव गौशाला की ओर से शहर में गाय के गोबर से बने कंडे व गोबर से बनी लकड़ी उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे गाय, पर्यावरण और पेड़ को बचाया जा सके.जिले से 7 किलोमीटर दूर नौगांवा गांव के पास स्थित माधव गौशाला में होलिका दहन पर अनूठी पहल की है.

इसके तहत का पर्यावरण और वृक्ष को बचाने के लिए माधव गोशाला ने अनूठी पहल की है. गौशाला के गोविंद प्रकाश सोडाणी ने कहा कि शहर में बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को देखते हुए. माधव गोसेवा अनुसंधान ने नई पहल शुरू की है.जिसके तहत गाय के गोबर से बने कंडों से होलिका दहन कराने का संकल्प लिया है.शहर के 30 स्थानों पर पहली बार कंडो से होलिका दहन किया जाएगा. जिसमें कम दर पर माधव गौशाला ने गाय के गोबर से बनी लकड़ी और कंडे उपलब्ध करवाए जाएंगे.

लोग होलिका दहन के समय टायर रबड़ और अनावश्यक वस्तु जला देते हैं. जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है. वहीं गौशाला के प्रबंधक अजीत सिंह ने कहा कि इस बार शहर के 30 जगह से कंडों का आर्डर मिल गए हैं . जिसे लागत मूल्य पर ही गाय का गोबर और कंडे और लकड़ी उपलब्ध करवा रहे हैं. जिससे गायों की अच्छी देखभाल हो सके और गाय के बचाव के प्रति लोग जागरूक हो सके इसी उद्देश्य को लेकर यह पहल की जा रही है.


भीलवाड़ा. जिले में पर्यावरण वृक्ष और गाय को बचाने के लिए माधव गौशाला में अनूठी पहल की है. जिसके तहत होलिका दहन के समय माधव गौशाला की ओर से शहर में गाय के गोबर से बने कंडे व गोबर से बनी लकड़ी उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे गाय, पर्यावरण और पेड़ को बचाया जा सके.जिले से 7 किलोमीटर दूर नौगांवा गांव के पास स्थित माधव गौशाला में होलिका दहन पर अनूठी पहल की है.

इसके तहत का पर्यावरण और वृक्ष को बचाने के लिए माधव गोशाला ने अनूठी पहल की है. गौशाला के गोविंद प्रकाश सोडाणी ने कहा कि शहर में बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को देखते हुए. माधव गोसेवा अनुसंधान ने नई पहल शुरू की है.जिसके तहत गाय के गोबर से बने कंडों से होलिका दहन कराने का संकल्प लिया है.शहर के 30 स्थानों पर पहली बार कंडो से होलिका दहन किया जाएगा. जिसमें कम दर पर माधव गौशाला ने गाय के गोबर से बनी लकड़ी और कंडे उपलब्ध करवाए जाएंगे.

लोग होलिका दहन के समय टायर रबड़ और अनावश्यक वस्तु जला देते हैं. जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है. वहीं गौशाला के प्रबंधक अजीत सिंह ने कहा कि इस बार शहर के 30 जगह से कंडों का आर्डर मिल गए हैं . जिसे लागत मूल्य पर ही गाय का गोबर और कंडे और लकड़ी उपलब्ध करवा रहे हैं. जिससे गायों की अच्छी देखभाल हो सके और गाय के बचाव के प्रति लोग जागरूक हो सके इसी उद्देश्य को लेकर यह पहल की जा रही है.

Intro:पर्यावरण को शुद्ध रखने की अनूठी पहल

गाय के गोबर के कंडे से शहर में जलाई जाएगी होली

गायों को बचाने के लिए माधव गौशाला ने की अनूठी पहल

भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले में पर्यावरण वृक्ष और गाय को बचाने के लिए माधव गौशाला में अनूठी पहल की है जिसके तहत होलिका दहन के समय माधव गौशाला की ओर से शहर में गाय के गोबर से बने कंडे व गोबर से बनी लकड़ी उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे गाय , पर्यावरण और पेड़ को बचाया जा सके।


Body:भीलवाड़ा शहर से राजसमंद भीलवाड़ा राजमार्ग पर भीलवाड़ा से 7 किलोमीटर दूर नौगांवा गांव के पास स्थित माधव गौशाला में होलिका दहन पर अनूठी पहल की है । इसके तहत का पर्यावरण और वृक्ष को बचाने के लिए माधव गोशाला द्वारा अनूठी पहल की है । माधव गौशाला के गोविंद प्रकाश सोडाणी ने कहा कि शहर में बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को देखते हुए माधव गोसेवा अनुसंधान ने नई पहल शुरू की है । जिसके तहत गाय के गोबर से बने कंडों से होलिका दहन कराने का संकल्प लिया है। शहर के 30 स्थानों पर पहली बार कंडो से होलिका दहन किया जाएगा। जिसमें कम दर पर माधव गौशाला द्वारा गाय के गोबर से बनी लकड़ी और कंडे उपलब्ध करवाए जाएंगे।

गाय के 1 कडा 2 रूपये में और 1 कडे में 50 कंडे भर कर शहर में 30 जगह पहुंचाई जा रहे हैं और गाय के गोबर से बने लकड़ियां जितनी भी मांग है उनके अनुसार जितने भी कंडे चाहिए वह जहां भी होली का दहन हो रहा है वहां पहुंचाई जा रही है । लोग होलिका दहन के समय टायर रबड़ और अनावश्यक वस्तु जला देते हैं जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। वह हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार जिस होलिका की अपन पूजा करते हैं वहा टायर झला देने से पाप की भागीदारी होते हैं । इसी को लेकर हमने इसकी पहल की है । वहीं वैदिक रीति रिवाज से होलिका दहन के पहले पूजन किया जाता है जिस पूजन में इस गाय के गोबर से बने कंडे और लकड़ी हो और वैदिक रीति-रिवाज से पूजा हो तो निश्चित रूप से स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी पर भी रोक लग सकती है । और उससे भी निजात मिलती है।
वहीं गौशाला के प्रबंधक अजीत सिंह ने कहा कि इस बार हमारे को शहर में 30 जगह से आर्डर मिल गए हैं । और हम लागत मूल्य पर ही गाय का गोबर और कंडे और लकड़ी उपलब्ध करवा रहे हैं जिससे गायों की अच्छी देखभाल हो सके और गायों का संरक्षण हो सके गाय के बचाव के प्रति लोग जागरूक हो सके इसी उद्देश्य को लेकर यह पहल की जा रही है।


Conclusion:भीलवाड़ा शहर की माधव गौशाला की तरह ही दूसरी जगह भी जिले में इसी तरह का संकल्प लिया जाता है तो निश्चित रूप से गाय पर्यावरण और पेड़ का बचाव हो सकता है और आसानी से त्योहार मना सकते हैं

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट- गोविंद प्रकाश सोडाणी
गौशाला प्रबधक

अजीत सिह
गौशाला

पीटीसी- सोमदत त्रिपाठी
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