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भीलवाड़ा : जिले में कहीं रिमझिम तो कहीं मूसलाधार बारिश...खरीफ की फसलों को मिला जीवनदान

भीलवाड़ा में गुरुवार सुबह से ही कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश का दौर चल रहा है. पिछले एक सप्ताह से बरसात का दौर जारी है. लेकिन 2 दिन बीच में बरसात नहीं होने के बाद आज वापस बरिश शुरू हुई जिससे नदी और तालाबों में पानी की आवक बढ़ गई है.

भीलवाड़ा मे कहीं रिमझिम तो कहीं मूसलाधार बारिश
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Published : Aug 1, 2019, 1:49 PM IST

भीलवाड़ा. गुरुवार सुबह से ही भीलवाड़ा जिले में बरसात जारी है. जिससे खरीफ की फसल के रूप में बोई गई फसलें जैसे की ज्वार, बाजरा, मूंग ,उड़द ,चावल, तिलहन, ग्वार, सोयाबीन व कपास की फसलों को जीवनदान मिला है. किसानों ने खरीफ की फसलों की निराई गुड़ाई कर ली है. लगातार हुई बरसात के कारण फसलों में नाइट्रोजन की कमी बताई जा रही है. इसलिए किसानों ने खरीफ की फसलों में यूरिया का छिड़काव शुरू कर दिया है.

भीलवाड़ा मे शुरू हुई बारिश

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भीलवाड़ा जिले में बीते सप्ताह से बरसात हो रही है लेकिन मंगलवार और बुधवार को बरसात नहीं होने के बाद गुरुवार को सुबह से ही जिले में बरसात का दौर शुरू हुआ. जिले से गुजरने वाली नदीयां जैसे कोठारी, बनास और मानसी में भी पानी की आवक शुरू हुई है. जिले में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बरसात बागोर क्षेत्र मे हुई. साथ ही रिमझिम व मूसलाधार बरसात से प्रत्येक गांव में बने एनीकट व तालाबों में भी पानी की शुरुआत हुई.

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लगातार बरसात से किसानों को राहत महसूस हो रही है साथ ही तालाबों में पानी की आवक से किसानों को फसल की उपज की आस बंधने लगी है. अब देखना यह होगा का कब जिले में मानसून सक्रिय होता है और कब तालाब भरते हैं जिस से राबी की फसल का उत्पादन भी जिले में हो सके.

भीलवाड़ा. गुरुवार सुबह से ही भीलवाड़ा जिले में बरसात जारी है. जिससे खरीफ की फसल के रूप में बोई गई फसलें जैसे की ज्वार, बाजरा, मूंग ,उड़द ,चावल, तिलहन, ग्वार, सोयाबीन व कपास की फसलों को जीवनदान मिला है. किसानों ने खरीफ की फसलों की निराई गुड़ाई कर ली है. लगातार हुई बरसात के कारण फसलों में नाइट्रोजन की कमी बताई जा रही है. इसलिए किसानों ने खरीफ की फसलों में यूरिया का छिड़काव शुरू कर दिया है.

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लगातार बरसात से किसानों को राहत महसूस हो रही है साथ ही तालाबों में पानी की आवक से किसानों को फसल की उपज की आस बंधने लगी है. अब देखना यह होगा का कब जिले में मानसून सक्रिय होता है और कब तालाब भरते हैं जिस से राबी की फसल का उत्पादन भी जिले में हो सके.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले में गुरुवार सुबह से ही कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हुआ । पिछले एक सप्ताह से बरसात का दौर जारी है लेकिन 2 दिन बीच में बरसात नहीं होने के बाद आज वापिस बरसात का दौर शुरू हुआ जिससे नदी नालों और तालाबों में पानी की आवक शुरू।


Body:गुरुवार सुबह से ही भीलवाड़ा जिले में बरसात का दौर शुरू हुआ। जिससे खरीफ की फसल के रूप में बोई गई फसल ज्वार, बाजरा, मूंग ,उड़द ,चावला, तिलहन, ग्वार, सोयाबीन व कपास की फसलों को जीवनदान मिला । किसानों ने खरीफ की फसलों की निराई गुड़ाई कर ली है और लगातार बरसात होने के कारण फसलों में नाइट्रोजन की कमी बताई जा रही है इसलिए किसानों ने नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए खरीफ की फसल में यूरिया का छिड़काव शुरू कर दिया ।
भीलवाड़ा जिले में बीते सप्ताह से बरसात जारी है जहां मंगलवार बुधवार को बरसात नहीं होने के बाद गुरुवार को सुबह से ही जिले में बरसात का दौर शुरू हुआ। जहां जिले से गुजरने वाली कोठारी, बनास और मानसी नदी में भी पानी की आवक शुरू हुई। साथ ही रिमझिम व मूसलाधार बरसात से प्रत्येक गांव में बने एनीकट व तालाबों में भी पानी की शुरुआत हुई । जिले में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बरसात बागोर क्षेत्र मे बरसात हुई । लगातार बरसात से किसानों के चेहरे खिल रहे हैं । वहीं तालाबों में पानी की आवक से किसानों को यह फसल उपज की कुछ आस बंधने लगी है ।
अब देखना यह होगा का कब जिले में मानसून सक्रिय होता है और कब तालाब लबालब होते हैं जिसे रबी की फसल का उत्पादन भी जिले में हो सके।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


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