भीलवाड़ा. शहर के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में शुक्रवार से दो दिवसीय महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई. जहां सम्मेलन मे अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोफेसरो ने गांधी दर्शन के बारे में बताते हुऐ कहा की वर्तमान देश में युवाओं की ओर से उग्र राष्ट्रवाद और मॉब लिचिंग को राष्ट्रीयता मान बैठने पर चिंता जाहिर की.
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने आए डॉक्टर बनने सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह कोई भी व्यक्ति, विचार, कृति या कृतिकार प्रासंगिक तब होता है जब उनके विचारों में एलीबिसी बनती है. गांधी हो, कबीर हो चाहे तुलसीदास हो पूरा चिंतन देख सकते हो. व्यक्ति निर्माण चरित्र निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण गांधी दर्शन मे है.
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गांधी व्यक्ति से चरित्र निर्माण, युवाओं चरित्र निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण के अवधारणाओं से काम करते थे. उनके चिंतन देश की आजादी से पहले राजनीतिक स्वतंत्रता की बात हो, धार्मिक क्षमता की बात हो, आर्थिक क्षमता की बात हो, सामाजिक सद्भाव की बात हो वो गांधी दर्शन मे है.
आज की तारीख में लोग उग्रवाद को राष्ट्रीयता मान बैठे हैं मॉब बलिचिंग को राष्ट्रीयता मान बैठे हैं जो गलत है. आज नई पीढ़ी अगर गांधी के बारे में चिंतन को पढे, सुने या गांधीजी को जाने और पहचाने तो उनसे सर्व धर्म समभाव सबके प्रति सम्मान की बात आ सकती है. गांधी दर्शन पढ़ने से विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. देश में वर्तमान में मॉब लिंचिंग और जातिवाद दो बड़े खतरा है. इनके लिए केंद्र सरकार को कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए.
गांधी दर्शन युवा पीढ़ी को बताने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को हमेशा पहल करनी चाहिए और प्रत्येक जिला स्तर पर सेमिनार का आयोजित करना चाहिए जिससे देश की वर्तमान युवा पीढ़ी गांधी दर्शन को जान सके. अब देखना यह होगा कि भीलवाड़ा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बाद क्या केंद्र सरकार व राज्य सरकार वर्तमान युवा पीढ़ी को गांधी दर्शन के बारे में बताने के लिए क्या प्रयास करती है या नहीं .