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'गांधी दर्शन को जीवन में उतारने के लिए युवा पीढ़ी का साथ होना बेहद जरूरी' - senimar organise in bhilwara

भीलवाड़ा के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में गांधी दर्शन के 450 पेज पर विचार विमर्श किया जाएगा और युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचारों से अवगत कराया जाएगा.

Seminar will be organized in Bhilwara, भीलवाड़ा में संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, भीलवाड़ा में गांधीजी की 150वीं जयंती, 150th birth anniversary of Gandhiji in Bhilwara
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Published : Sep 21, 2019, 12:31 PM IST

भीलवाड़ा. शहर के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. यहां सम्मेलन के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोफेसरों ने गांधी दर्शन के 450 पेज पर विचार विमर्श किया और युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचार से अवगत करवाने के मुद्दे पर चर्चा हुई. साथ ही संगोष्ठी के दूसरे दिन सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय सहित देश के नामचीन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिरकत करेंगे.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

संगोष्ठी मे आए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर संजय लोढ़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि गांधी दर्शन को बताने के लिए कई कार्यक्रम किए जाने चाहिए. 150 साल तक ही सीमित रहना काफी नहीं है. युवा पीढ़ी के साथ ही हमेशा गांधी दर्शन के बारे में बात होनी चाहिए. प्रोफेसर ने कहा कि गांधी और युवा पीढ़ी के बीच में एक गैप हो गया है. बता दें कि इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के 400 प्रोफेसर शिरकत करेंगे.

पढ़ेंः भीलवाड़ा में जूठा खाना खाने से 10 से अधिक गायों की मौत

शनिवार को उद्घाटन सत्र मे गांधी के बारे बारे मे 450 पेपर पढ़े जाएंगे. गांधी दर्शन वर्तमान में देश में युवा पीढ़ी के लिए बहुत तर्कसंगत और फायदेमंद रहेगा. गांधी ने लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी दिलाई और आधुनिक भारत के निर्माण में गांधी के मूल्य कितने तर्क संगत और प्रासंगिक है इसके बारे में यहां चर्चा होगी.

भीलवाड़ा. शहर के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. यहां सम्मेलन के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोफेसरों ने गांधी दर्शन के 450 पेज पर विचार विमर्श किया और युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचार से अवगत करवाने के मुद्दे पर चर्चा हुई. साथ ही संगोष्ठी के दूसरे दिन सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय सहित देश के नामचीन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिरकत करेंगे.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

संगोष्ठी मे आए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर संजय लोढ़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि गांधी दर्शन को बताने के लिए कई कार्यक्रम किए जाने चाहिए. 150 साल तक ही सीमित रहना काफी नहीं है. युवा पीढ़ी के साथ ही हमेशा गांधी दर्शन के बारे में बात होनी चाहिए. प्रोफेसर ने कहा कि गांधी और युवा पीढ़ी के बीच में एक गैप हो गया है. बता दें कि इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के 400 प्रोफेसर शिरकत करेंगे.

पढ़ेंः भीलवाड़ा में जूठा खाना खाने से 10 से अधिक गायों की मौत

शनिवार को उद्घाटन सत्र मे गांधी के बारे बारे मे 450 पेपर पढ़े जाएंगे. गांधी दर्शन वर्तमान में देश में युवा पीढ़ी के लिए बहुत तर्कसंगत और फायदेमंद रहेगा. गांधी ने लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी दिलाई और आधुनिक भारत के निर्माण में गांधी के मूल्य कितने तर्क संगत और प्रासंगिक है इसके बारे में यहां चर्चा होगी.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा शहर के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। जहां सम्मेलन के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोफेसरो ने गांधी दर्शन के 450 पेज पर विचार विमर्स किया व युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचार से अवगत करवाने के मुद्दे पर चर्चा हुई।


Body:भीलवाड़ा शहर के माणिकलाल राजकीय महाविद्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर चल रही दो दिवसीय संगोष्ठी में पहले दिन गांधी दर्शन के 450 पेपर पढ़े गए और उन पर विचार विमर्श किया गया । संगोष्ठी के दूसरे दिन सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय सहित देश के नामचीन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिरकत करेंगे ।

संगोष्ठी मे आये मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर संजय लोढ़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि गांधी दर्शन को बताने के लिए कई कार्यक्रम किए जाने चाहिए और 150 वर्ष तक ही सीमित रहना काफी नहीं है वर्ष पर्यंत होते रहना चाहिए । युवा पीढ़ी के साथ ही हमेशा गांधी दर्शन के बारे में बात होनी चाहिए । गांधी के और एक युवा पीढ़ी के बीच में गैप हो गया है । इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के 400 प्रोफेसर शिरकत करेंगे । आज उद्घाटन सत्र मे गांधी के बारे बारे मे 450 पेपर पढ़े जाएंगे। गांधी दर्शन वर्तमान में देश में युवा पीढ़ी के लिए बहुत तर्कसंगत व फायदेमंद रहेगा। गांधी ने लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी दिलाई और आधुनिक भारत के निर्माण में गांधी के मूल्य कितने तर्कसंगत व प्रासंगिक है इसके बारे में यहां चर्चा होगी।

बाईट- संजय लोढ़ा
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रोफेसर

अब देखना यह होगा की 2 दिन की गांधी जयंती के संगोष्ठी के बाद क्या देश की युवा पीढ़ी व आमजन गांधी जी के विचारों को जीवन में उतारते हैं या नहीं ।

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा



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