भीलवाड़ा. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने आम आदमी, मजदूर, किसान, व्यवसायी सभी की कमर तोड़ दी है. सबका धंधा लगभग चौपट हो गया है. इसमें होटल व्यवसायी भी शामिल हैं. भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर कोरोना के कारण इस बार वाहनों की आवाजाही लगभग नहीं के बराबर है. लॉकडाउन की वजह से 3 महीनों तक होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय ठप रहा.
लेकिन अब अनलॉक 2.0 के तहत भी वाहनों की आवाजाही ना के बराबर है. जिससे होटल व्यवसायियों को अभी भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं राजमार्ग पर करोड़ों रुपए की लागत से बने कई होटलों के ताले तो अभी तक खुले ही नहीं.
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ईटीवी भारत की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर पहुंची. जहां कई होटल व्यवसायियों ने ईटीवी भारत पर अपना दर्द बयां किया. होटल व्यवसाई सिराज ने कहा कि लॉकडाउन के समय राजमार्ग पर हमारे होटल बिल्कुल बंद रहे. 3 महीनों बाद होटल वापस शुरू किया, लेकिन वाहनों की आवाजाही कम होने के कारण ना के बराबर ग्राहक आ रहे हैं. जिससे होटलों ओर रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी तक देना मुश्किल हो गया है.
कोरोना से बचाव के सवाल पर होटल मालिकों का कहना है कि जो भी कस्टमर यहां आते है उनको सैनिटाइज कर के ही प्रवेश दिया जाता है. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना की जाती है. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रक चालक मोहन रावत ने कहा कि मैं जयपुर से रायपुर जा रहा हूं. मैं हमेशा गाड़ी मास्क लगाकर ही चलाता हूं.
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होटल व्यवसायी सुनील पारिक ने कहा कि लॉकडाउन से तमाम होटल व्यवसायियों को काफी नुकसान हुआ है. आने वाले समय में भी हमें उम्मीद नहीं लग रही है कि हमारा धंधा अच्छा चलेगा. अब देखना यह होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर संचालित होटल और रेस्टोरेंट मालिकों की परेशानी कब कम होती है. कब वाहनों की आवाजाही बढ़ती है जिससे इनका रोजगार फिर से पटरी पर आए.