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भीलवाड़ा: बारिश के इंतजार में टकटकी लगाकर आसमान ताक रहे किसान - Bhilwara

मानसून (Monsoon) की देरी भीलवाड़ा के किसानों के लिए आफत साबित हो सकती है. भीलवाड़ा में किसानों ने 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल की बुवाई की है, लेकिन बारिश (Rain in Bhilwara) नहीं होने से फसलें मुरझाने लगी है.

Bhilwara Monsoon, Rain in Bhilwara
किसानों को बारिश का इंतजार
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Published : Jul 9, 2021, 12:20 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में जून महीने में मानसून (Monsoon) पूर्व की बरसात के साथ ही जिले के किसानों ने ज्वार, ग्वार, मूंग, उड़द, तिल और मक्का फसल की बुवाई की थी. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी बारिश नहीं होने के कारण फसलें मुरझाने लग गई है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द बारिश नहीं होगी तो हमारी फसलें चौपट हो जाएगी.

पढ़ें- Weather Update : मंडरा रहे बादल...इन जिलों में बारिश की संभावना, 4 जिलों में 'लू' का अलर्ट

बता दें, जून महीने में मानसून पूर्व की बारिश को देखकर आसींद, हुरडा, मांडलगढ़ और शाहपुरा क्षेत्र के कुछ किसानों ने खरीफ की फसल के रूप में ज्वार, बाजरा, ग्वार, मूंगफली और मक्का की फसल की बुवाई कर दी थी. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद बारिश शुरू नहीं हुई है और भीषण गर्मी पड़ रही है. भीषण गर्मी के कारण फसलें मुरझाने लग गई है. वर्तमान में जिले का तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है.

किसानों को बारिश का इंतजार

भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही फसलों की बुवाई हुई है. अभी तक कपास की 30 हजार हेक्टेयर, मक्का की 52 हजार हेक्टेयर, मूंग-उड़द की 2 हजार हेक्टेयर और मूंगफली की 7 हजार हेक्टेयर मे बुवाई हुई है. लक्ष्य के अनुरूप अभी तक बुवाई नहीं हुई है.

खटीक ने बताया कि वर्तमान में बारिश नहीं हो रही है, ऐसे में फसल मुरझा रही है. उन्होंने बताया कि किसान निराई-गुड़ाई कर फसलों में पानी की कमी दूर कर सकते हैं और जिन फसलों में नुकसान हुआ है उनकी हम रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.

पढ़ें- मानसून में देरी से चित्तौड़गढ़ के किसान चिंतित, 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में बोई फसल हो सकती है बर्बाद

भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने ज्वार, बाजरा और मक्का की फसल लगा रखी है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण इस पर काफी प्रभाव दिख रहा है. कुछ किसानों ने कुएं के पानी से फसलों की सिंचाई शुरू कर दी है, लेकिन जहां पानी नहीं है वहां किसान अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

किसान शंकरलाल का कहना है कि मानसून (Monsoon) पूर्व की पहली बारिश में मूंग, उड़द, ज्वार और ग्वार फसल की बुवाई की थी. अभी बारिश नहीं हो रही है, जिससे फसल मुरझा रही है. उन्होंने बताया कि मैं किसानी काम पर ही आश्रित हूं. अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो फसलें चौपट हो जाएगी.

भीलवाड़ा. जिले में जून महीने में मानसून (Monsoon) पूर्व की बरसात के साथ ही जिले के किसानों ने ज्वार, ग्वार, मूंग, उड़द, तिल और मक्का फसल की बुवाई की थी. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी बारिश नहीं होने के कारण फसलें मुरझाने लग गई है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द बारिश नहीं होगी तो हमारी फसलें चौपट हो जाएगी.

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बता दें, जून महीने में मानसून पूर्व की बारिश को देखकर आसींद, हुरडा, मांडलगढ़ और शाहपुरा क्षेत्र के कुछ किसानों ने खरीफ की फसल के रूप में ज्वार, बाजरा, ग्वार, मूंगफली और मक्का की फसल की बुवाई कर दी थी. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद बारिश शुरू नहीं हुई है और भीषण गर्मी पड़ रही है. भीषण गर्मी के कारण फसलें मुरझाने लग गई है. वर्तमान में जिले का तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है.

किसानों को बारिश का इंतजार

भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही फसलों की बुवाई हुई है. अभी तक कपास की 30 हजार हेक्टेयर, मक्का की 52 हजार हेक्टेयर, मूंग-उड़द की 2 हजार हेक्टेयर और मूंगफली की 7 हजार हेक्टेयर मे बुवाई हुई है. लक्ष्य के अनुरूप अभी तक बुवाई नहीं हुई है.

खटीक ने बताया कि वर्तमान में बारिश नहीं हो रही है, ऐसे में फसल मुरझा रही है. उन्होंने बताया कि किसान निराई-गुड़ाई कर फसलों में पानी की कमी दूर कर सकते हैं और जिन फसलों में नुकसान हुआ है उनकी हम रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.

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भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने ज्वार, बाजरा और मक्का की फसल लगा रखी है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण इस पर काफी प्रभाव दिख रहा है. कुछ किसानों ने कुएं के पानी से फसलों की सिंचाई शुरू कर दी है, लेकिन जहां पानी नहीं है वहां किसान अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

किसान शंकरलाल का कहना है कि मानसून (Monsoon) पूर्व की पहली बारिश में मूंग, उड़द, ज्वार और ग्वार फसल की बुवाई की थी. अभी बारिश नहीं हो रही है, जिससे फसल मुरझा रही है. उन्होंने बताया कि मैं किसानी काम पर ही आश्रित हूं. अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो फसलें चौपट हो जाएगी.

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