ETV Bharat / state

स्पेशल: लहलहाती सरसों के बीच खेतों में बिछी पीली चादर, धरतीपुत्रों को अच्छी उपज की उम्मीद - farmers expect good yield

भीलवाड़ा में गत वर्ष की तुलना में इस बार बारिश कम हुई है. लेकिन भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में प्रकृति ने मानो पीली चादर ओढ़ ली हो. इस मनमोहक दृश्य को देखकर हर किसी का मन प्रफुल्लित हो उठा है. किसानों के खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगी है. इस बार किसानों का मानना है कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो सरसों की उपज अच्छी होगी.

भीलवाड़ा में सरसों की खेती, राजस्थान में सरसों की फसल, सरसों की अच्छी उपज की उम्मीद, Mustard started waving, yellow sheet lying in the fields, bhilwara news, Good mustard yield expected, Mustard crop in Rajasthan, Mustard cultivation in Bhilwara
धरतीपुत्रों को अच्छी उपज की उम्मीद
author img

By

Published : Jan 8, 2021, 11:06 AM IST

भीलवाड़ा. गत वर्ष की तुलना में इस बार भीलवाड़ा जिले में कम बारिश हुई है. बावजूद इसके भी भीलवाड़ा में मानो प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो. पीली सरसों, गुनगुनी धूप, सुगंधित हवा, सरसों के फूलों पर मंडराती तितली और मधुमक्खी आकर्षण बने हुए हैं. ठंड और खेतों में खिले सरसों के फूल इस मौसम को और भी खूबसूरत बना रहे हैं. रबी सीजन में शुरुआती दौर के बुवाई वाले खेतों में पीले फूलों की बहार ने किसानों के चेहरों पर सरसों की अच्छी पैदावार की उम्मीद की मुस्कान बिखेर दी है. इस बार किसानों का मानना है कि अगर कोई प्राकृतिक प्रकोप नहीं आई तो अच्छी उपज हो सकती है.

धरतीपुत्रों को अच्छी उपज की उम्मीद

किसानों ने तारामीरा, सरसों और चने के फसल की ज्यादा बुआई की है. वर्तमान में जैसे-जैसे सर्दी का सितम बढ़ता गया, मानो प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो. किसानों के खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगी है. खेतों में सरसों की लहलहाती फसल देखकर कश्मीर की वादियों का नजारा नजर आता है. भीलवाड़ा में आसींद और हुरडा पंचायत समिति के 10 से अधिक गांवों में किसानों ने सरसों की बुवाई की है.

यह भी पढ़ें: SPECIAL: क्राइम रोकने के लिए तैयार हो रही साइबर वॉरियर्स की टीम, पुलिस के 20 जवान ले रहे स्पेशल ट्रेनिंग

क्या कहना है किसानों का?

खेत में रखवाली कर रहे किसान रामगोपाल ने कहा कि इस बार बारिश कम होने के कारण गांव में किसानों ने सरसों के फसल की बुवाई ज्यादा की है. सरसों की फसल में कम पानी की आवश्यकता होती है. इसलिए ज्यादातर किसानों ने इसी फसल की बुवाई की है. रामगोपाल ने कहा कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा जैसे शीतलहर, ओलावृष्टि नहीं आई तो अच्छी उपज हो सकती है.

भीलवाड़ा में सरसों की खेती, राजस्थान में सरसों की फसल, सरसों की अच्छी उपज की उम्मीद, Mustard started waving, yellow sheet lying in the fields, bhilwara news, Good mustard yield expected, Mustard crop in Rajasthan, Mustard cultivation in Bhilwara
खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल

यह भी पढ़ें: स्पेशल: प्रमुख चौराहों पर फुट ओवरब्रिज और अंडरपास की जरूरत, पहले बना कहीं ताले में बंद, कहीं एस्केलेटर खराब

वहीं अन्य किसान श्याम सुंदर ने कहा कि 10 बीघे में सरसों के फसल की बुआई की है. वर्तमान में फसल की स्थिति अच्छी है. गत वर्ष की तुलना में इस बार हमारे क्षेत्र में फसल की बुवाई कम हुई है. इस फसल में पानी की कम आवश्यकता होती है. यहां एक बीघा सरसों की फसल में पांच क्विंटल सरसों की उपज होती है, जिसको हम सरकारी खरीद केन्द्र पर बेचते हैं. इससे हमको अच्छा मेहनताना मिल जाता है. वहीं खेत में सरसों के फसल की रखवाली कर रहे किसान जगदीश प्रसाद ने बताया कि इस बार पानी की कमी होने की वजह से हमने सरसों के फसल बुआई की है. अभी फसल अच्छी है, भगवान से उम्मीद करते हैं कि इस बार अच्छी उपज होगी.

यह भी पढ़ें: स्पेशल: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें थाने में शिकायत, पुलिस दिला सकती है ठगी गई राशि वापस

कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि भीलवाड़ा में 20 हजार हेक्टेयर भूमि में सरसों के फसल की बुवाई हुई है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार कम बुआई हुई है. क्योंकि इस बार जिले में पानी की कमी है. पानी की कमी होने के कारण अधिकतर बारानी क्षेत्र में किसानों ने चने के फसल की बुवाई की है. सरसों की फसल वर्तमान में अच्छी है. खलिहानों ने पीली चादर ओढ़ ली है. वहीं कुछ जगह सरसों की फसल में मोयला कीट का प्रकोप बढ़ रहा है. इसके लिए हमने जिले के तमाम कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड में मौजूद रहने के साथ ही किसानों को अच्छी उपज के लिए सलाह देने के निर्देश दिए. हमने कृषि पर्यवेक्षकों को कहा कि किसानों को फसल में उचित मात्रा में कीटनाशक छिड़काव की सलाह दें, जिससे किसान की उम्मीद के अनुसार उपज हो सके.

भीलवाड़ा. गत वर्ष की तुलना में इस बार भीलवाड़ा जिले में कम बारिश हुई है. बावजूद इसके भी भीलवाड़ा में मानो प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो. पीली सरसों, गुनगुनी धूप, सुगंधित हवा, सरसों के फूलों पर मंडराती तितली और मधुमक्खी आकर्षण बने हुए हैं. ठंड और खेतों में खिले सरसों के फूल इस मौसम को और भी खूबसूरत बना रहे हैं. रबी सीजन में शुरुआती दौर के बुवाई वाले खेतों में पीले फूलों की बहार ने किसानों के चेहरों पर सरसों की अच्छी पैदावार की उम्मीद की मुस्कान बिखेर दी है. इस बार किसानों का मानना है कि अगर कोई प्राकृतिक प्रकोप नहीं आई तो अच्छी उपज हो सकती है.

धरतीपुत्रों को अच्छी उपज की उम्मीद

किसानों ने तारामीरा, सरसों और चने के फसल की ज्यादा बुआई की है. वर्तमान में जैसे-जैसे सर्दी का सितम बढ़ता गया, मानो प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो. किसानों के खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगी है. खेतों में सरसों की लहलहाती फसल देखकर कश्मीर की वादियों का नजारा नजर आता है. भीलवाड़ा में आसींद और हुरडा पंचायत समिति के 10 से अधिक गांवों में किसानों ने सरसों की बुवाई की है.

यह भी पढ़ें: SPECIAL: क्राइम रोकने के लिए तैयार हो रही साइबर वॉरियर्स की टीम, पुलिस के 20 जवान ले रहे स्पेशल ट्रेनिंग

क्या कहना है किसानों का?

खेत में रखवाली कर रहे किसान रामगोपाल ने कहा कि इस बार बारिश कम होने के कारण गांव में किसानों ने सरसों के फसल की बुवाई ज्यादा की है. सरसों की फसल में कम पानी की आवश्यकता होती है. इसलिए ज्यादातर किसानों ने इसी फसल की बुवाई की है. रामगोपाल ने कहा कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा जैसे शीतलहर, ओलावृष्टि नहीं आई तो अच्छी उपज हो सकती है.

भीलवाड़ा में सरसों की खेती, राजस्थान में सरसों की फसल, सरसों की अच्छी उपज की उम्मीद, Mustard started waving, yellow sheet lying in the fields, bhilwara news, Good mustard yield expected, Mustard crop in Rajasthan, Mustard cultivation in Bhilwara
खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल

यह भी पढ़ें: स्पेशल: प्रमुख चौराहों पर फुट ओवरब्रिज और अंडरपास की जरूरत, पहले बना कहीं ताले में बंद, कहीं एस्केलेटर खराब

वहीं अन्य किसान श्याम सुंदर ने कहा कि 10 बीघे में सरसों के फसल की बुआई की है. वर्तमान में फसल की स्थिति अच्छी है. गत वर्ष की तुलना में इस बार हमारे क्षेत्र में फसल की बुवाई कम हुई है. इस फसल में पानी की कम आवश्यकता होती है. यहां एक बीघा सरसों की फसल में पांच क्विंटल सरसों की उपज होती है, जिसको हम सरकारी खरीद केन्द्र पर बेचते हैं. इससे हमको अच्छा मेहनताना मिल जाता है. वहीं खेत में सरसों के फसल की रखवाली कर रहे किसान जगदीश प्रसाद ने बताया कि इस बार पानी की कमी होने की वजह से हमने सरसों के फसल बुआई की है. अभी फसल अच्छी है, भगवान से उम्मीद करते हैं कि इस बार अच्छी उपज होगी.

यह भी पढ़ें: स्पेशल: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें थाने में शिकायत, पुलिस दिला सकती है ठगी गई राशि वापस

कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि भीलवाड़ा में 20 हजार हेक्टेयर भूमि में सरसों के फसल की बुवाई हुई है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार कम बुआई हुई है. क्योंकि इस बार जिले में पानी की कमी है. पानी की कमी होने के कारण अधिकतर बारानी क्षेत्र में किसानों ने चने के फसल की बुवाई की है. सरसों की फसल वर्तमान में अच्छी है. खलिहानों ने पीली चादर ओढ़ ली है. वहीं कुछ जगह सरसों की फसल में मोयला कीट का प्रकोप बढ़ रहा है. इसके लिए हमने जिले के तमाम कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड में मौजूद रहने के साथ ही किसानों को अच्छी उपज के लिए सलाह देने के निर्देश दिए. हमने कृषि पर्यवेक्षकों को कहा कि किसानों को फसल में उचित मात्रा में कीटनाशक छिड़काव की सलाह दें, जिससे किसान की उम्मीद के अनुसार उपज हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.