भीलवाड़ा. वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले में मनरेगा में श्रमिकों की संख्या (Number of Workers) बढ़ाने के लिए जिला परिषद की ओर से जोर दिया जा रहा है. देश में कोरोना को लेकर सबसे पहले हॉट स्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में गत वर्ष भले ही कर्फ्यू रहा, लेकिन मनरेगा का काम सुचारू रूप से चलता रहा. लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) के चलते मनरेगा का काम बंद हो गया था, जो अब वापस शुरू हुआ है.
वर्तमान में 47 हजार श्रमिक मनरेगा में काम कर रहे हैं. गत वर्ष भीलवाड़ा जिले में चार लाख से ज्यादा श्रमिक मनरेगा में रोजगार के लिए जाते थे, लेकिन इस बार यह संख्या कम है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कोरोना संक्रमण का भय बरकरार है. ऐसे में भले ही मनरेगा का काम शुरू हो गया है, लेकिन लोग नहीं पहुंच रहे हैं.
भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बेरवा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि भीलवाड़ा जिले (Bhilwara District) में वर्तमान में करीब 4,7474 श्रमिक मनरेगा में लगे हुए हैं. इस समय कोरोना संक्रमण की वजह से छोटे काम आवास, सामुदायिक कार्य जैसे काम जिसमें 50 से ज्यादा लेबर नहीं लगती चल रहे हैं.
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार श्रमिकों की संख्या काफी कम है. क्योंकि लॉकडाउन के समय मनरेगा का कार्य अनुमत नहीं था और ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण ज्यादा होने के कारण बंद कर दिया गया था. जबकि इस बार मनरेगा का काम शुरू हो गया है और धीरे-धीरे कार्यस्थल पर मजदूर पहुंच रहे हैं. रामचंद्र बेरवा कहा कि मेरी सभी जिले वासियों से अपील है कि कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए ही मनरेगा कार्य स्थल पर पहुंचें. मुझे आशा है कि धीरे-धीरे मनरेगा में श्रमिकों की संख्या और बढ़ेगी.