भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गत 28 जनवरी को देवनारायण भगवान की जन्मस्थली पहुंचे. वहां विकास के बारे में कोई घोषणा नहीं की. इसे लेकर संशय बना रहा. इसी संशय को दूर करने के लिए मालासेरी मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने ईटीवी भारत से जानकारी शेयर की है.
पोसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा भले ही नहीं की है, लेकिन प्रधानमंत्री के ध्यान में यह स्थान जरूर है. इसीलिए प्रधानमंत्री यहां आए. कोई भी योजना बनती है, तो उसमें समय लगता है. मुझे विश्वास है कि कार्य योजना बनाने में जरूर समय लगेगा, लेकिन यहां विकास जरूर होगा. मंत्रालय का योजना बनाने का काम है. बातचीत के दौरान पोसवाल ने पीएम मोदी को मंदिर के इतिहास को लेकर जानकारी दी. भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर पोसवाल ने कहा कि वे केवल देव दरबार के प्रचार में लगे रहेंगे. राजनीति में नहीं उतरेंगे.
वहीं प्रधानमंत्री की यात्रा के संयोजक मालासेरी मंदिर विकास समिति के सदस्य मनसुख सिंह गुर्जर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान भविष्य में प्रधानमंत्री, पायलट या हनुमान बेनीवाल के साथ जाने के सवाल पर मनसुख सिंह गुर्जर ने कहा कि जो राजनेता भगवान देवनारायण में आस्था रखेंगे, वे उसके साथ रहेंगे. आरएलपी से विधानसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके मनसुख सिंह गुर्जर ने दबी जुबान में इशारों-इशारों में कहा कि प्रधानमंत्री भगवान देवनारायण की जन्मस्थली पर आए और भगवान के दर्शन कर जो हमारे को सम्मान देकर गए, तो हम उनके साथ हैं.
प्रधानमंत्री के देवनारायण जन्मस्थली पर दौरे से पहले केंद्रीय संस्कृति व संसदीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि प्रधानमंत्री देवनारायण जन्मस्थली आ रहे हैं. इस दौरान भगवान देवनारायण की जन्मस्थली को बड़ी सौगात दे सकते हैं. काशी, मथुरा और उज्जैन की तरह देवनारायण सर्किट की घोषणा कर सकते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री 28 जनवरी को भगवान देवनारायण की जन्मस्थली पहुंचे और भगवान के दर्शन कर यज्ञ में आहुति दी और विशाल धर्मसभा को संबोधित किया था. उस दौरान प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत भगवान देवनारायण की जयकार लगाते हुए की. उन्होंने धर्म सभा के मंच से कोई घोषणा नहीं की.