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अच्छी पहल : भीलवाड़ा में एक शादी में वधू पक्ष ने बांटे हेलमेट, वर ने नहीं लिया दहेज

भीलवाड़ा में एक ऐसी शादी हुई, जिसकी लोग मिसाल दे रहे हैं. इस शादी में वर पक्ष ने दहेज नहीं लिया. वहीं वधु पक्ष ने 351 लोगों को हेलमेट देकर सुरक्षा के बंधन में बंधने का संदेश दिया है.

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भीलवाड़ा की अनूठी शादी
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Published : Jan 30, 2020, 11:03 AM IST

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में एक वर-वधू पक्ष ने एक अनोखी पहल कायम की है. जिले में एक ऐसी शादी देखने को मिली, जिसमें दुल्हन पक्ष ने बारातियों को हेलमेट वितरण किए. वहीं दूसरी ओर वर पक्ष ने तिलक में आए 5 लाख 51 हजार रूपए वधू पक्ष को वापस लौटा दिए और बिना दहेज की शादी की.

भीलवाड़ा की अनूठी शादी

वैसे तो शादी किसी की भी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल होता है. सभी की इसे यादगार बनाने की कोशिश होती है. आज के दौर में जहां शादियों में लाखों रुपए खर्च होते हैं, वहीं भीलवाड़ा में एक ऐसी शादी हुई, जिसमें वर पक्ष ने शादी में केवल सवा रूपए और एक नारियल लेकर मिसाल कायम की है. वहीं वधू पक्ष ने शादी में आए करीब 351 बारातियों को हेलमेट उपहार में देकर सुरक्षा के नए बंधन में बंधने की सीख दी. इस दौरान वर-वधु पक्ष ने इस पहल को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया.

यह भी पढ़ें. Single Use Plastic: दूल्हे की सराहनीय पहल, शादी में दोने-पत्तल और स्टील के गिलास का उपयोग

इस मौके पर दुल्हन के मामा और जिला परिवहन अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चुंडावत और राठौड़ परिवार एक नए बंधन में बंधने जा रहा है. इसमें वर पक्ष ने वधु पक्ष से केवल सवा रूपए और नारियल का नेग लेकर तिलक की रस्म को अदा किया है. वहीं वधु पक्ष ने भी बारातियों को सड़क सुरक्षा के तहत हेलमेट वितरत किया है. यह हेलमेट जब बाराती लगाएंगे तो दूसरों को भी हेलमेट के बारे में प्रेरणा मिलेगी. सभी 351 बारातियों को हेलमेट दिए हैं, जिससे वे भी अपने समाज में इस पहल को आगे बढ़ाएं.

यह भी पढ़ें. नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक की बोतलों से बनाई जा रहीं ईंटें

वहीं दूल्हे के पिता महेंद्र सिंह और चाचा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जहां आज के दौर में शादियों के दौरान वर और वधु पक्ष के बीच एक ऐसी प्रतिस्पर्धा होती है, जिसमें दिखावे के रूप में अनेकों रूपयों का खर्चा होता है. हमने तिलक में दिए 5 लाख 51 हजार रूपए लौटा दिए हैं.

वर के चाचा का कहना है कि हम दहेज की प्रथा को खत्म करना चाहते हैं. हमें सिर्फ बेटी चाहिए, दहेज नहीं. यदि ऐसा हर बेटे के पिता करने लग जाए तो 1 दिन बेटी को कोई भी बाप बोझ नहीं समझेगा. बारात में आए दूल्हे के मित्र शंकर लाल गुर्जर ने कहा कि यहां पर हमें उपहार के रूप में हेलमेट दिया गया है. यह काफी अच्छी और अनूठी पहल है. मैं भी समाज में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करूंगा.

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में एक वर-वधू पक्ष ने एक अनोखी पहल कायम की है. जिले में एक ऐसी शादी देखने को मिली, जिसमें दुल्हन पक्ष ने बारातियों को हेलमेट वितरण किए. वहीं दूसरी ओर वर पक्ष ने तिलक में आए 5 लाख 51 हजार रूपए वधू पक्ष को वापस लौटा दिए और बिना दहेज की शादी की.

भीलवाड़ा की अनूठी शादी

वैसे तो शादी किसी की भी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल होता है. सभी की इसे यादगार बनाने की कोशिश होती है. आज के दौर में जहां शादियों में लाखों रुपए खर्च होते हैं, वहीं भीलवाड़ा में एक ऐसी शादी हुई, जिसमें वर पक्ष ने शादी में केवल सवा रूपए और एक नारियल लेकर मिसाल कायम की है. वहीं वधू पक्ष ने शादी में आए करीब 351 बारातियों को हेलमेट उपहार में देकर सुरक्षा के नए बंधन में बंधने की सीख दी. इस दौरान वर-वधु पक्ष ने इस पहल को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया.

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इस मौके पर दुल्हन के मामा और जिला परिवहन अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चुंडावत और राठौड़ परिवार एक नए बंधन में बंधने जा रहा है. इसमें वर पक्ष ने वधु पक्ष से केवल सवा रूपए और नारियल का नेग लेकर तिलक की रस्म को अदा किया है. वहीं वधु पक्ष ने भी बारातियों को सड़क सुरक्षा के तहत हेलमेट वितरत किया है. यह हेलमेट जब बाराती लगाएंगे तो दूसरों को भी हेलमेट के बारे में प्रेरणा मिलेगी. सभी 351 बारातियों को हेलमेट दिए हैं, जिससे वे भी अपने समाज में इस पहल को आगे बढ़ाएं.

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वहीं दूल्हे के पिता महेंद्र सिंह और चाचा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जहां आज के दौर में शादियों के दौरान वर और वधु पक्ष के बीच एक ऐसी प्रतिस्पर्धा होती है, जिसमें दिखावे के रूप में अनेकों रूपयों का खर्चा होता है. हमने तिलक में दिए 5 लाख 51 हजार रूपए लौटा दिए हैं.

वर के चाचा का कहना है कि हम दहेज की प्रथा को खत्म करना चाहते हैं. हमें सिर्फ बेटी चाहिए, दहेज नहीं. यदि ऐसा हर बेटे के पिता करने लग जाए तो 1 दिन बेटी को कोई भी बाप बोझ नहीं समझेगा. बारात में आए दूल्हे के मित्र शंकर लाल गुर्जर ने कहा कि यहां पर हमें उपहार के रूप में हेलमेट दिया गया है. यह काफी अच्छी और अनूठी पहल है. मैं भी समाज में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करूंगा.

Intro:

भीलवाड़ा - वैसे तो आप भारत देश में शादी को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें कई तरह की रीति रिवाज और और परंपराएं होती है आज के दौर में जहां वर-वधू पक्ष के बीच एक ऐसी दिखावे की प्रतिस्पर्धा रहती है जिसमें रुपयों का अनाप-शनाप खर्च होता है वही इसी के विपरीत टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा के वर-वधू पक्ष ने बुधवार को एक अनोखी पहल कायम की है भीलवाड़ा में एक ऐसी अनूठी शादी देखने को मिली जिसमें दुल्हन पक्ष ने बारातियों को हेलमेट वितरण किए तो वहीं दूसरी ओर वर पक्ष ने तिलक में आए 5 लाख 51 हजार रुपए वधू पक्ष को वापस लौटा दिए उन्होंने यह शादी केवल सवा रुपए और एक नारियल लेकर कि । वधू पक्ष ने शादी में आए करीब 351 बारातियों को हेलमेट नेक रूप में वितरण कर सुरक्षा के नए बंधन में बांधने की सीख दी इस दौरान दोनों परिवारों ने अपने मेहमानों के साथ इस पहल को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया


Body:


दुल्हन के मामा वह जिला परिवहन अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चुंडावत और राठौर परिवार आज एक बंधन में बंधने जा रहे हैं। इसमें समधी पक्ष ने हमसे केवल सवा रुपए और नारियल लेकर तिलक की रस्म को अदा किया है । तो वहीं हमने भी बारातियों को सड़क सुरक्षा के तहत हैंडमेड वितरण किए हैं यह हेलमेट जब बाराती लगाएंगे तो दूसरों को भी हेलमेट के बारे में प्रेरणा मिलेगी। हमने बारात में आए सभी 351 बारातियों को हेलमेट दिए हैं जिससे वह भी अपने समाज में यह अलग जगह पर जाकर इस पहल को आगे बढ़ाएं और 1 दिन शादियों में होने वाली कुर्तियां समाप्त हो जाए। वहीं दूल्हे के पिता महेंद्र सिंह व चाचा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जहां आज के दौर में शादियों के दौरान वर और वधु पक्ष के बीच एक ऐसी प्रतिस्पर्धा होती है जिसमें दिखावे के रूप में अनेकों रुपयों का खर्चा होता है हम इसको खत्म कर हमने तिलक में दिए 5 लाख 51 हजार रूपए लौटा दिया है हमे सिर्फ बेटी चाहिए दहेज नहीं । यदि ऐसा हर बेटे के पिता करने लग जाए तो 1 दिन बेटी को कोई भी बाप बोझ नहीं समझेगा । वही बारात में आए दूल्हे के मित्र शंकर लाल गुर्जर ने कहा कि मैं हमारे मित्र पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेंद्र सिंह की शादी में बारात में भीलवाड़ा के बापू नगर में आए हैं यहां पर एक ऐसी पहल देखी है जिस पर हमें ने के रूप में हेलमेट का वितरण किया गया है यह काफी अच्छे पहल पर अनूठी पहल है और मैं भी समाज में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करूंगा ।


Conclusion:




बाइट - डॉ वीरेंद्र सिंह राठौड़ , दुल्हन के मामा व जिला परिवहन अधिकारी

महेंद्र सिंह , दूल्हे के पिता

सुरेंद्र सिंह , दूल्हे का चाचा

शंकर लाल गुर्जर , दूल्हे का मित्र
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