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किसान आंदोलन के प्रणेता विजय सिंह पथिक के नाम पर होगा बिजोलिया के राजकीय कॉलेज का नाम - bhilwara latest news

भीलवाड़ा के बिजोलिया कस्बे के राजकीय महाविद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सैनानी बिजौलिया किसान आंदोलन के प्रणेता विजय सिंह 'पथिक' के नाम पर किया जाएगा. सीएम गहलोत ने इसके लिए मंजूरी दे दी है.

farmer movement,  Vijay Singh Pathik
किसान आंदोलन के प्रणेता विजय सिंह पथिक
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Published : Jun 28, 2021, 8:35 PM IST

भीलवाड़ा. जिले की बिजोलिया कस्बे में संचालित राजकीय कॉलेज का सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नामकरण किया. स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह 'पथिक' के नाम पर कॉलेज का नाम होगा. सीएम की घोषणा के बाद क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है.

पढ़ें- गरीब जाए तो जाए कहां! कलेक्टर कह रहे वैक्सीन नहीं तो राशन नहीं, करेंगे कार्रवाई...सरकार बता रही टीके का टोटा

गौरतलब है कि क्षेत्रवासियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और गुर्जर समाज की ओर से लंबे अरसे से महाविद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी पथिक के नाम पर किए जाने की मांग की जा रही थी. महाविद्यालय के नामकरण को लेकर पथिक सेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने भी करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सीएम गहलोत से मुलाकात की थी.

इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से भी पथिक के क्रांतिकारी जीवन और किसान आंदोलन में भूमिका को लेकर आवश्यक जानकारी के लिए एक पत्र बिजोलिया पुलिस थाने में भेजा गया था. हाल ही में माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र और राष्ट्रीय स्तर के गुर्जर समाज के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी सीएम गहलोत से मिल कर महाविद्यालय का नाम विजय सिंह पथिक के नाम पर किए जाने की मांग की थी.

पथिक की कर्मभूमि रहा बिजोलिया-ऊपरमाल क्षेत्र

विजय सिंह पथिक ने 1916 में बिजोलिया किसान आंदोलन की कमान संभावली थी. पथिक किसानों को संगठित करने और जागृति पैदा करने के लिए रात में गांवों में जाकर किसानों की सभाएं करते थे. उनके मार्गदर्शन ने किसानों को निडर और साहसी बना दिया. इसी का परिणाम रहा कि किसानों की अभूतपूर्व विजय हुई और सभी लगान और लागतें माफ कर दी गई.

'बिजोलिया किसान आंदोलन' का पटाक्षेप सन 1941 में हुआ. पथिक का सारा जीवन आंदोलनरत रहते हुए संघर्षमय परिस्थितियों में ही बीता. 28 मई 1954 को इस महान क्रांतिकारी और गरीबों-किसानों के मसीहा का अजमेर में निधन हो गया.

भीलवाड़ा. जिले की बिजोलिया कस्बे में संचालित राजकीय कॉलेज का सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नामकरण किया. स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह 'पथिक' के नाम पर कॉलेज का नाम होगा. सीएम की घोषणा के बाद क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है.

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गौरतलब है कि क्षेत्रवासियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और गुर्जर समाज की ओर से लंबे अरसे से महाविद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी पथिक के नाम पर किए जाने की मांग की जा रही थी. महाविद्यालय के नामकरण को लेकर पथिक सेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने भी करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सीएम गहलोत से मुलाकात की थी.

इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से भी पथिक के क्रांतिकारी जीवन और किसान आंदोलन में भूमिका को लेकर आवश्यक जानकारी के लिए एक पत्र बिजोलिया पुलिस थाने में भेजा गया था. हाल ही में माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र और राष्ट्रीय स्तर के गुर्जर समाज के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी सीएम गहलोत से मिल कर महाविद्यालय का नाम विजय सिंह पथिक के नाम पर किए जाने की मांग की थी.

पथिक की कर्मभूमि रहा बिजोलिया-ऊपरमाल क्षेत्र

विजय सिंह पथिक ने 1916 में बिजोलिया किसान आंदोलन की कमान संभावली थी. पथिक किसानों को संगठित करने और जागृति पैदा करने के लिए रात में गांवों में जाकर किसानों की सभाएं करते थे. उनके मार्गदर्शन ने किसानों को निडर और साहसी बना दिया. इसी का परिणाम रहा कि किसानों की अभूतपूर्व विजय हुई और सभी लगान और लागतें माफ कर दी गई.

'बिजोलिया किसान आंदोलन' का पटाक्षेप सन 1941 में हुआ. पथिक का सारा जीवन आंदोलनरत रहते हुए संघर्षमय परिस्थितियों में ही बीता. 28 मई 1954 को इस महान क्रांतिकारी और गरीबों-किसानों के मसीहा का अजमेर में निधन हो गया.

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