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भीलवाड़ा सरकारी स्पिनिंग मिल यूनिट बंद होने से मजदूरों पर गहराया संकट - फीड यूनिट अध्यक्ष रामदेव खारोल

जिले के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित स्पीन फैड यूनिट (मिल) 5 वर्ष से बंद पड़ी हई है. जिसके चलते मील के 67 मजदूरों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं है. यहां काम करने वाले लोगो की मांग है कि मील को जल्द ही शुरु किया जाए.

सरकार की स्पिन फैड यूनिट बंद होने से मजदूरों पर गहराया संकट
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Published : Aug 2, 2019, 1:35 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित स्पिन फैड यूनिट को घाटे के चलते सरकार ने बंद कर दी थी. जिससे वर्ष 2015 से मिल बंद होने के कारण मिल में कार्यरत कुछ श्रमिकों को तो सरकारी रोजगार मिल गया. लेकिन 67 श्रमिकों को अभी तक रोजगार नहीं मिलने के कारण उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी आ रही है.

स्पीन फैण्ड यूनिट की शुरुआत वर्ष 1971 में भूतपूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने की थी. यह यूनिट लगभग 233 बीघा जमीन में फैली हुई है. इस मील में क्षेत्र के 5000 श्रमिक कार्यरत थे. लेकिन वर्ष 2015 में घाटे के कारण मील को बंद कर दिया गया. जिसके कारण अभी तक मील में कार्यरत 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पाया है और वे दर-दर भटकने को मजबूर है.

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मील के गेट पर तैनात चौकीदार कान सिंह ने कहा कि मैं लगभग 30 साल से यहां काम कर रहा हूं. जहां पहले मील की शुरुआत के समय 5000 श्रमिक काम करते थे. लेकिन अंत में केवल 1000 श्रमिक ही मील में बचे थे. उन्होंने कहा कि हमे पहले अच्छी तनख्वाह मिलती थी. लेकिन वर्ष 2015 से मिल बंद होने के कारण सिर्फ 5000 रुपये महीना संविदा के रूप में दिया जा रहा है. हमारी मांग है कि इस मील को जल्द से जल्द शुरुआत किया जाए.

सरकार की स्पिन फैड यूनिट बंद होने से मजदूरों पर गहराया संकट

गुलाबपुरा कस्बे के इंटक युनियन के अध्यक्ष रामदेव खारोल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह स्पीन फैण्ड युनिट पहले राजस्थान कॅार्पोरेटिव नाम से थी. वर्ष 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने इसका नाम स्पीड फैण्ड किया था. जिसे राजस्थान की तीन मीलों को मिलाकर बनाया गया. जिसमें गंगापुर, गुलाबपुरा व हनुमानगढ़ मीलें शामिल थी. उसके बाद मिल की स्थिति खराब होती गई और वर्ष 2015 में मिल को बंद करना पड़ा. तत्कालीन भाजपा सरकार ने मील पर ताला लगा दिया. बाद में मजदूरों ने आंदोलन किया परिणाम स्वरूप यहां के अधिकतर मजदूर को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया.

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लेकिन अभी तक 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिला. जिसके कारण उनके बच्चे को पढ़ाने में और परिवार को पालने में आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. हमारी गहलोत सरकार से मांग है कि इस मील को पुनः चालू किया जाए. जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल सके.

भीलवाड़ा. जिले के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित स्पिन फैड यूनिट को घाटे के चलते सरकार ने बंद कर दी थी. जिससे वर्ष 2015 से मिल बंद होने के कारण मिल में कार्यरत कुछ श्रमिकों को तो सरकारी रोजगार मिल गया. लेकिन 67 श्रमिकों को अभी तक रोजगार नहीं मिलने के कारण उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी आ रही है.

स्पीन फैण्ड यूनिट की शुरुआत वर्ष 1971 में भूतपूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने की थी. यह यूनिट लगभग 233 बीघा जमीन में फैली हुई है. इस मील में क्षेत्र के 5000 श्रमिक कार्यरत थे. लेकिन वर्ष 2015 में घाटे के कारण मील को बंद कर दिया गया. जिसके कारण अभी तक मील में कार्यरत 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पाया है और वे दर-दर भटकने को मजबूर है.

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मील के गेट पर तैनात चौकीदार कान सिंह ने कहा कि मैं लगभग 30 साल से यहां काम कर रहा हूं. जहां पहले मील की शुरुआत के समय 5000 श्रमिक काम करते थे. लेकिन अंत में केवल 1000 श्रमिक ही मील में बचे थे. उन्होंने कहा कि हमे पहले अच्छी तनख्वाह मिलती थी. लेकिन वर्ष 2015 से मिल बंद होने के कारण सिर्फ 5000 रुपये महीना संविदा के रूप में दिया जा रहा है. हमारी मांग है कि इस मील को जल्द से जल्द शुरुआत किया जाए.

सरकार की स्पिन फैड यूनिट बंद होने से मजदूरों पर गहराया संकट

गुलाबपुरा कस्बे के इंटक युनियन के अध्यक्ष रामदेव खारोल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह स्पीन फैण्ड युनिट पहले राजस्थान कॅार्पोरेटिव नाम से थी. वर्ष 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने इसका नाम स्पीड फैण्ड किया था. जिसे राजस्थान की तीन मीलों को मिलाकर बनाया गया. जिसमें गंगापुर, गुलाबपुरा व हनुमानगढ़ मीलें शामिल थी. उसके बाद मिल की स्थिति खराब होती गई और वर्ष 2015 में मिल को बंद करना पड़ा. तत्कालीन भाजपा सरकार ने मील पर ताला लगा दिया. बाद में मजदूरों ने आंदोलन किया परिणाम स्वरूप यहां के अधिकतर मजदूर को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया.

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लेकिन अभी तक 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिला. जिसके कारण उनके बच्चे को पढ़ाने में और परिवार को पालने में आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. हमारी गहलोत सरकार से मांग है कि इस मील को पुनः चालू किया जाए. जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल सके.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित स्पीन फैड यूनिट 5 वर्ष से बंद होने के कारण अभी तक मील के 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने से दर-दर भटकने को मजबूर है मील के श्रमिक।


Body:भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा कस्बे में स्थित स्पिन फैड यूनिट घाटे के कारण तत्कालीन सरकार ने बंद कर दी है । जिससे वर्ष 2015 से मिल बंद होने के कारण मील में कार्यरत कुछ श्रमिकों को तो सरकारी रोजगार मिल गया लेकिन 67 श्रमिकों को अभी तक रोजगार नहीं मिलने के कारण परिवार का पालन पोषण चलाना दुबर हो रहा है। स्पीन फैण्ड यूनिट की शुरुआत वर्ष 1971 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने की थी। जहां यह यूनिट लगभग 233 बीघा जमीन में फैली हुई है। इस मील में क्षेत्र के 5000 श्रमिक कार्यरत है लेकिन वर्ष 2015 में घाटे के कारण मील को बंद कर दिया गया । जिसके कारण अभी तक मील में कार्यरत 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने के कारण दर-दर भटकने को मजबूर है।
मील बन्द होने की समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने गुलाबपुरा कस्बे मे पहुंचकर मील में बंद श्रमिकों की पीड़ा जानी । जहा श्रमिकों ने ईटीवी भारत के सामने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मील की पुन शुरुआत की जाए । जिससे हमारे को रोजगार मिल सके।
मील के गेट पर तैनात चौकीदार कान सिंह ने कहा कि मैं लगभग 30 साल से यहां काम कर रहा हूं । जहां पहले मील की शुरुआत के समय 5000 श्रमिक काम करते थे। लेकिन अंत में 1000 श्रमिक मील में कार्यरत थे। अभी मील में एक सरकारी अधिकारी व हम तीन चौकीदार तैनात है मैं कानसिंह, घीसुसिंह और दिलीप सिंह तैनात है । हमारे को पहले अच्छी तनख्वाह मिलती थी। लेकिन वर्ष 2015 से मिल बंद होने के कारण हमारे को सिर्फ 5000 महीने का मेहनताना संविदा के रूप में दिया जा रहा है। हमारी मांग है कि इस मील को जल्द से जल्द शुरुआत करें। जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल सके ।

बाईट- कानसिंह , चौकीदार

वही गुलाबपुरा कस्बे मे इंटक युनियन के अध्यक्ष रामदेव खारोल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह स्पीन फैण्ड युनिट पहले राजस्थान कोऑपरेटिव हुआ करती थी। वर्ष 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने स्पीड फैण्ड बनाया। जहा राजस्थान की तीन कोऑपरेटिव मील को मिलाया गया। जिसमें गंगापुर ,गुलाबपुरा व हनुमानगढ़ मील को मिलाकर स्फीन फैण्ड युनिट बनाई। उसके बाद मिल की स्थिति खराब होती गई और वर्ष 2015 में मिल बंद हो गई । किसी समय यहां 5000 श्रमिकों को रोजगार मिलता था लेकिन वर्ष 2015 में यहा 1000 श्रमिक काम करते थे । तत्कालीन भाजपा सरकार ने मील पर ताला लगा दिया। बाद में मजदूरों ने आंदोलन किया परिणाम स्वरूप यहां के अधिकतर मजदूर को प्रतिनियुक्ति पर भेजा। लेकिन अभी तक 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिला । जिसके कारण उनके बच्चे को पढ़ाने में और परिवार को पालने में आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है । हमारी गहलोत सरकार से मांग है कि इस मील को पुनः चालू किया जाए ।जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल सके ।साथ ही अगर शुरुआत नहीं करती है तो 67 मजदूरों का दूसरे विभाग में समायोजन किया जाए जिससे वह भी अपना परिवार का पालन पोषण चला सके।

बाईट- रामदेव खारोल
अध्यक्ष इंटक युनियन गुलाबपुरा

वही मील में तैनात सरकारी अधिकारी भंवर सिह ने कहा कि मैं यह मेल वर्ष 2015 से बंद है कुछ कर्मचारियों ने थे वीआरएस ले लिया लेकिन अभी तक 67 मजदूरों को रोजगार नहीं मिला इसकी सूची राज्य सरकार को हमने भेज दी है और हमारे को मील से संबंधित जो भी सरकार सूचना मांगती है उनको हम सरकार को प्राप्त करवाते हैं अभी 3 चौकीदार और हम दो कर्मचारी यहां कार्यरत हैं।

बाईट- भंवर सिह
मील अधिकारी

अब देखना यह होगा कि कब गहलोत सरकार इस स्फीन फैड यूनिट को शुरुआत करती है जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल सके अगर शुरुआत नहीं करती है तो इन 67 श्रमिकों को दूसरे विभाग में कब समायोजित करती है जिससे इनके परिवार का संकट दूर हो सके। सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी -सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


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