भीलवाड़ा. जन आक्रोश यात्रा के तहत जिला स्तरीय घेराव में भाग लेने मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ राजनेता एवं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भीलवाड़ा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर तंज कसे. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न मैं पहले कभी मुख्यमंत्री का दावेदार रहा न मैं भविष्य रहूंगा. हमारा काम सिर्फ मिलकर सरकार की विदाई करना है. जिला मुख्यालय पर मंगलवार को प्रदेश संगठन के आह्वान पर जन आक्रोश यात्रा के लिए जिला स्तरीय सभा का आयोजन किया गया था. भीलवाड़ा सर्किट हाउस में राजेंद्र राठौड़ का भाजपा के राजनेताओं ने गुलदस्ता भेंटकर भव्य स्वागत किया.
सरकार के चेहरे से हटाएंगे नकाबः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मैं जमीनी कार्यकर्ता हूं. वर्षों से भाजपा संगठन ने मुझे जो भी जिम्मेदारी दी है उनको पूरा करने की कोशिश की है. अब चुनावी साल में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलना निश्चित तौर पर बड़ा काम है. इस बड़े काम को शिद्दत से करने की पूरी कोशिश करूंगा. मैं समझता हूं अब सदन का एक सत्र आयोजित होगा. बावजूद इसके सदन के बाहर वह सदन के अंदर सरकार की बखिया उधेड़ने के लिए भाजपा के पास बहुत से मुद्दे हैं. उन मुद्दों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे. सरकार चेहरे पर जनकल्याणकारी योजनाओं का नकाब लगाकर जो ढोंग रच रही है. उस नकाब को हम उनके सिर से खींचकर उनकी असलियत सामने लायेंगे.
Also Read: BJP Jan Aakrosh Yatra : सीपी जोशी और राजेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में जोरदार प्रदर्शन...
धरातल पर नहीं नजर आएंगी योजनाएंः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओपीएससी, चिरंजीवी एवं सस्ती गैस जैसी घोषणाओं का भाजपा के पास क्या तोड़ है? इस सवाल पर राठौड़ ने कहा कि गैस के सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी की बात कही थी. वित्तीय वर्ष समाप्त होकर अप्रैल का महीना प्रारंभ हो चुका है. अभी तक पोर्टल भी तैयार नहीं हुआ. किस तरह सब्सिडी मिलेगी. मैं समझता हूं कि घोषणा करना और उनको अमलीजामा नहीं पहनाना उनकी पुरानी आदत रही है. यह योजनाएं धरातल पर नहीं उतरेंगी. यह आभासी बातें हैं. जब आभासी बातों का जवाब धरातल पर नहीं आता है तो जनता का गुस्सा दोगुना हो जाता है. आज तक इस सरकार में बेरोजगारी भत्ते , किसान कर्ज माफी, बिजली की सब्सिडी की योजनाएं धरातल पर नजर नहीं आईं सिर्फ कागजों में नजर आती हैं. इसी प्रकार इन महत्वपूर्ण योजनाओं का भी यही असर होगा.
संसदीय बोर्ड तय करता है जिम्मेदारीः ब्राह्मण महासम्मेलन के बाद सीपी जोशी के प्रदेश अध्यक्ष ,राजपूत सम्मेलन के बाद आपको नेता प्रतिपक्ष, क्या वसुंधरा राजे को चुनाव कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाएगा? इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संगठन में क्या बदलाव होगा, किस कार्यकर्ता के पास क्या जिम्मेदारी हो यह फैसला हमारा संसदीय बोर्ड तय करता है. इसे जातीय सम्मेलन के साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए. यह कार्यकर्ता की भूमिका के आधार पर तय होता है. उसी आधार पर बदली हुई परिस्थितियों में मुझे जिम्मेदारी मिली है. इस जिम्मेदारी को हम बखूबी निभाने की कोशिश करेंगे.