भीलवाड़ा. जिले में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह न हो इसके लिए प्रशासन (prevention of child marriage) सतर्क हो गया है. जिला कलक्टर ने जिले में समस्त पदों पर स्थापित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को पाबंद कर दिया है. उन्होंने ईटीवी भारत पर अपील करते हुए कहा कि पढ़ने लिखने की उम्र में अपने बालकों का विवाह न करवाएं.
ग्रामीण क्षेत्र में अशिक्षा के चलते छोटे-छोटे मासूम बालक और बालिकाओं का बाल विवाह कर दिया जाता है. बाल विवाह की संभावनाएं अक्षय तृतीया के मौके पर ज्यादा रहती है. जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासनिक (collector on prevention of child marriage) के साथ ही साथ जुडिशल ड्यूटी लगी है. इसे रोकने के लिए हमने जिले के समस्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को सजग कर दिया है. कलक्टर ने सभी को सभी को आपसी सहयोग लेकर टीम भावना से काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
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उन्होंने कहा कि शिक्षा, मेडिकल, आशा सहयोगिनी एवं ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी कांस्टेबल सहित पूरी टीम धरातल पर लोगों को बाल विवाह नहीं करने के लिए जागरुक कर रही है. उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों का फल अच्छा आ रहा है. उन्होंने कहा कि काफी माता-पिता जो अपने बच्चे-बच्चियों का बाल विवाह कराना (collector on prevention of child marriage) चाह रहे थे, वह समझाइश से इस कुरीति को छोड़ रहें हैं. कलक्टर ने अपील करते हुए कहा कि किसी भी रूप में कोई बाल विवाह का मामला सामने आए तो संबंधित कॉल सेंटर व संबंधित एसडीएम को सूचना दें. जिससे हम यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि जिले में कोई भी बाल विवाह नहीं हो.