भीलवाड़ा. जिले के प्रसिद्ध शक्ति पीठ धनोप मातेश्वरी मंदिर से 7 दिसंबर को करीब 40 किलो चांदी के आभूषण चोरी होने का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने अंतरराज्यीय गैंग के तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, मंगलवार को चोरों के निशानदेही पर चुराई गई चांदी खरीदने के मामले में अहमदाबाद के ज्वैलर्स सुरेश सोनी को भी गिरफ्तार कर लिया. ज्वैलर्स के कब्जे से चोरी की 14 किलो 487 ग्राम चांदी जब्त की गई है.
शाहपुरा के एडिशनल एसपी विमल सिंह नेहरा ने फुलिया कला थाना परिसर में प्रेस वार्ता कर बताया कि धनोप मंदिर से चोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए अंतरराज्यीय गैंग के तीनों आरोपियों से की गई पूछताछ में चांदी को अहमदाबाद के ज्वेलर्स को बेचने की बात सामने आई थी. इसके बाद विशेष टीम ने अहमदाबाद पहुंच कर ज्वैलर्स सुरेश सोनी को उसके न्यू मणिनगर व्यवसायिक स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया है.
सुरेश सोनी मूल रूप से सिरोही जिले के गोयली ग्राम का निवासी है और आरोपियों से उसका नजदीकी संपर्क है. सुरेश सोनी ही सोने चांदी के आभूषणों वाले मंदिरों की जानकारी आरोपियों को देता था. विशेष टीम ने सुरेश सोनी के कब्जे से 14 किलो 487 ग्राम चांदी की सिल्लियां बरामद की है. वहीं शेष चांदी बरामद की जानी बाकी है.
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इससे पहले भी सुरेश सोनी के खिलाफ 2017 में चार चोरी के मामलों में आभूषण क्रय करने, हत्या सहित डकैती के मामले दर्ज हैं. सुरेश सोनी शौक को पूरा करने के लिए चोरी की सामग्री खरीदता और बेचता था. साथ ही उसके मोबाइल से महाराष्ट्र के 4 बड़े मंदिरों कुलुबाई देवी टेंपल कोलाहर, बालाजी मंदिर डीडगांव, गोदेश्वरी माता मंदिर गोदेगांव, काल भैरव नाथ मंदिर अंगद की लोकेशन और वहां की फोटोग्राफ्स मिले हैं. इससे लगता है कि आरोपी इन मंदिरों में भी चोरी की वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे है थे.
एएसपी ने बताया कि इस मामले में पूर्व में मोतीराम, लालाराम पुत्र कालाराम गरसिया निवासी मालप थाना पिंडवाड़ा जिला सिरोही तथा शातिर नकजन, अशोक पुत्र हुंसा गरासिया को गिरफ्तार किया गया था. उनसे पूछताछ के बाद ही मंगलवार को ज्वेलर्स सुरेश सोनी को गिरफ्तार किया गया है.
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एएसपी ने बताया कि नकबजन अशोक के खिलाफ 18 मामले पंजीबद्व पाये गये है. जिनमें बैंगलोर जैन मंदिर से 38 किलो चांदी और एक किलो सोने के आभूषण, जैसलमेर जिले के भादरिया राय माताजी मंदिर से 35 किलो चांदी, पाली जिले के रोहट मंदिर से 22 किलो चांदी चोरी का मामला भी शामिल है. अशोक स्वयं रेकी करने नहीं जाता था बल्कि मंदिरों में अपने क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों के मार्फत रैकी का कार्य कराने के बाद चोरी की वारदात को अंजाम देता था.