भीलवाड़ा. प्रदेश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई थी, जहां लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. बुधवार को मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट आई जिसके अनुसार जिले में 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज आने के साथ ही यह आंकड़ा 300 पर पहुंच गया है. जिसके बाद जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया.
जिले की राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज से बुधवार को आई रिपोर्ट में 5 कोरोना संक्रमितों के बढ़ने के साथ ही भीलवाड़ा में कोरोना का तीसरा शतक लग गया है. भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा कि शहर के आरके कॉलोनी में रहने वाले पूर्व सेल टैक्स अधिकारी के संपर्क में आने से उनके रिश्तेदार भी कोरोना संक्रमित पाए गए. उनकी पत्नी को क्वॉरेंटाइन किया गया था, जहां जांच में वह भी संक्रमित पाई गईं.
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साथ ही मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा कि कोरोना के साथ अब लोगों को जीना पड़ेगा. वहीं सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर ही बाहर निकलना होगा, जिससे यह संक्रमण नहीं फैले.
प्रवासियों ने बढ़ाई चिंता...
प्रदेश में चिकित्सा विभाग की अथक मेहनत के कारण एक बार भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के चैन पर ब्रेक लग गया था. जिससे भीलवाड़ा मॉडल को काफी प्रसिद्ध भी मिली थी. लेकिन जब से प्रवासी मजदूरों का अपने पैतृक गांव आने का सिलसिला बढ़ा उसी दिन से कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ती जा रही है.
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बुधवार को 5 नए मरीज मिलने के साथ ही जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है. अब देखना यह होगा कि कोरोना संक्रमण की चेन पर ब्रेक लगाने के लिए जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग और क्या ठोस कदम उठाता है.