भीलवाड़ा. जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के साथ ही मनरेगा में गुणवत्तापूर्ण काम होने को लेकर (New Initiative in Bhilwara Mgnrega) भीलवाड़ा जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने अनूठी पहल की है. देश भर में सिर्फ भीलवाड़ा जिले में मनरेगा में कार्यस्थल पर केवल महिला मेट की नियुक्ति की है. इसका असर अब धरातल पर भी देखने को मिल रहा है. यह महिला मेट मनरेगा कार्यस्थल पर अपनी जिम्मेदारी बखुबी संभाल रही हैं. जिससे धरातल पर गुणवत्तापूर्ण कार्य हो रहे हैं.
8वीं पास को नियुक्त किया महिला मेट : जिले में मनरेगा में शत-प्रतिशत महिला मेट की नियुक्ति को लेकर (Woman Given Responsibility at Mgnrega) भीलवाड़ा जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि वर्तमान में भीलवाड़ा जिले में लगभग 1 लाख 80 हजार श्रमिक काम कर रहे हैं. महिला सशक्तिकरण को लेकर भीलवाड़ा जिले में नवाचार किया गया है. यहां आठवीं पास महिला को मेट के रूप में नियुक्त किया है. यह हमारा एक्सपेरिमेंट है कि जब से मनरेगा कार्यस्थल पर महिला को मेट के रूप में नियोजित किया है तब से कार्यस्थल पर भी पारदर्शिता आई है.
उन्होंने बताया कि हमने जिले में शत-प्रतिशत महिला को मेट के रूप में नियोजित किया है. इससे मनरेगा कार्यस्थल पर अच्छा कार्य हो रहा है. पिछले समय मनरेगा कार्य स्थल पर गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने के कुछ आरोप लगते थे. इसमें भी कमी आई है. यहां तक कि जनप्रतिनिधियों ने भी महिला मेट के नियोजन की तारीफ की है. महिला को जितना बढ़ावा दिया जाएगा उतना ही अपने समाज को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. वर्तमान में भीलवाड़ा जिले में लगभग 2700 महिला मेट काम कर रही हैं. इन महिला मेट को सुरक्षा सखी के रूप में भी नियोजित किया जा रहा है. वहीं मनरेगा कार्य स्थल पर छाया, पानी, टेंट व बच्चों के खिलौने उपलब्ध करवाएं हैं. अगर कार्यस्थल पर कोई महिला बच्चों को लेकर आती है तो उनको वहां उन्हें तमाम सुविधाएं मिल सकें.
ऑनलाइन ली जाती है उपस्थिति : खारी का लांबा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मनरेगा के (Mahila Mates at Mgnrega in Bhilwara) तहत नाडी खुदाई का काम चल रहा है. कार्यस्थल पर कार्य करवाने की जिम्मेदारी निभाने वाली मनरेगा मेट ललिता जैन ने कहा कि नाड़ी खुदाई में 97 लेबर काम कर रही हैं. आज 18 लेबर अनुपस्थित हैं. ललिता ने बताया कि वो खुद सुबह 9:00 बजे कार्यस्थल पर उपस्थित रहती हैं और ऑनलाइन उपस्थिति लेने के बाद श्रमिकों को कार्य वितरित किया जाता है. दोपहर बाद फिर से उपस्थिति लेकर दूसरा काम बताया जाता है. शाम को वापिस उपस्थिति लेकर अपलोड किया जाता है.
उन्होंने बताया कि मनरेगा कार्य स्थल पर टोटल पुरुष श्रमिक हैं. मैं अकेली ही इनकी कमान संभाल रही हूं. मैं अकेली यहां महिला हूं. इनसे काम करवाने की जिम्मेवारी मेरी है. यहां वृद्धजन और युवा भी काम कर रहे हैं. भीलवाड़ा जिला प्रशासन की ऐसी पहल से महिला आत्मनिर्भर बनेगी. कई जगह पुरुष काम नहीं करने का आरोप लगाते हैं. लेकिन यहां टोटल पुरुष श्रमिक हैं और बहुत अच्छे से काम कर रहे हैं.