डीग (भरतपुर). जिले के डीग कस्बे में माढेरा की रुंध में भूखी मर रही गायों के लिए गांव कठेरा और घरवारी के ग्रामीणों ने अपने स्तर और जन सहयोग से भूखी मर रही गायों के लिए चारे की व्यवस्था की है. साथ ही समरसेबल डलवाकर ग्रामीणों ने पानी की भी व्यवस्था कर रहे हैं.
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इस दौरान किसानों ने वन विभाग के अधिकारियों और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि माढेरा रुंध की चारदीवारी को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया है, लेकिन इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. वहीं, रुंध के जंगलों से निकलकर आवारा पशु किसानों की फसलों को नष्ट कर देते हैं. इसलिए किसान अपनी साल भर की फसल को बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में भी खेतों पर रात गुजारने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि माढेरा की रुंध में गाय भूखी प्यासी मर रही है. इसलिए वो खेतों की तरफ जाती हैं, लेकिन वन विभाग ने गायों के लिए चारे पानी की कोई व्यवस्था की गई है. साथ ही प्रशासन भी सुनवाई नहीं कर रहा है.
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ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासनिक अनदेखी के चलते भूख-प्यास से त्रस्त गौवंश के लिए अपने स्तर पर ही जंगल में चारे पानी की व्यवस्था की है. ग्रामीणों ने जहां चारे के लिए कड़ब और समरसेवल लगाकर पानी की व्यवस्था की है. साथ ही गायों के लिए पत्थर लगाकर लडामनी भी तैयार की है, जिससे गाय उसमें आराम से चारा खा सकें. गायों की सेवा के इस पुनीत कार्य में घरवारी गांव में रहने वाले महंत जानकी दास महाराज के साथ ही कठेरा-घरवारी गांवोंं के युवाओं जुटे हुए हैं .