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सैनिक को 'गार्ड ऑफ ऑनर' नहीं मिलने पर भड़के ग्रामीण...सरकार से की ये मांग

भरतपुर के डीग में जाट रेजीमेंट के सैनिक हरि सिंह की कोरोना के चलते मौत हो गई. सैनिक को सलामी देने के लिए पुलिस का कोई भी जवान मौके पर नहीं पहुंचा, ना ही उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जिस पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई.

डीग सैनिक को नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर, Deeg soldier not get guard of honor
डीग सैनिक को नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर
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Published : Nov 17, 2020, 4:30 PM IST

डीग (भरतपुर). जाट रेजीमेंट के सैनिक हरि सिंह की कोरोना के चलते मौत हो गई. घटना की जानकारी लगते ही सैनिक के पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई और गांव का पूरा माहौल गमगीन हो गया.

डीग सैनिक को नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर

हैरत की बात यह थी कि सैनिक को सलामी देने के लिए पुलिस का कोई भी जवान मौके पर नहीं पहुंचा, ना ही उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान शहीद सैनिक के परिजन सैनिक को शहीद का दर्जा देने सहित राजकीय सम्मान के साथ अंतेष्टि करने पर अडिग हो गए.

ऐसे में सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी हेमंत कुमार, तहसीलदार अशोक साह और थाना प्रभारी हवा सिंह मौके पर पहुंचे और मामले को लेकर समझाइश करने की कोशश की. किसान नेता नेम सिंह फौजदार ने बताया कि हवलदार हरि सिंह के परिवार को वह सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो एक शहीद के लिए होती हैं.

पढे़ंः CM अशोक गहलोत ने Tweet कर कपिल सिब्बल को कोसा, कहा- कार्यकर्ताओं की भावनाओं को पहुंची ठेस

सैनिक के दो बेटे हैं, जिसमें एक झुंझुनू सैनिक स्कूल में अध्ययनरत है. सैनिक अभी 20 दिन पहले छुट्टी बिता कर घर से गया था. अंतिम संस्कार के समय सैनिक के दोनों पुत्रों ने पीपीई किट पहनकर पिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि राजकीय सम्मान के साथ पार्षद के अंतिम संस्कार में हो रही लेटलतीफी को लेकर परिजनों में भारी रोष दिखाई दिया.

डीग (भरतपुर). जाट रेजीमेंट के सैनिक हरि सिंह की कोरोना के चलते मौत हो गई. घटना की जानकारी लगते ही सैनिक के पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई और गांव का पूरा माहौल गमगीन हो गया.

डीग सैनिक को नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर

हैरत की बात यह थी कि सैनिक को सलामी देने के लिए पुलिस का कोई भी जवान मौके पर नहीं पहुंचा, ना ही उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान शहीद सैनिक के परिजन सैनिक को शहीद का दर्जा देने सहित राजकीय सम्मान के साथ अंतेष्टि करने पर अडिग हो गए.

ऐसे में सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी हेमंत कुमार, तहसीलदार अशोक साह और थाना प्रभारी हवा सिंह मौके पर पहुंचे और मामले को लेकर समझाइश करने की कोशश की. किसान नेता नेम सिंह फौजदार ने बताया कि हवलदार हरि सिंह के परिवार को वह सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो एक शहीद के लिए होती हैं.

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सैनिक के दो बेटे हैं, जिसमें एक झुंझुनू सैनिक स्कूल में अध्ययनरत है. सैनिक अभी 20 दिन पहले छुट्टी बिता कर घर से गया था. अंतिम संस्कार के समय सैनिक के दोनों पुत्रों ने पीपीई किट पहनकर पिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि राजकीय सम्मान के साथ पार्षद के अंतिम संस्कार में हो रही लेटलतीफी को लेकर परिजनों में भारी रोष दिखाई दिया.

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