भरतपुर. आए दिनों जेलों से कैदियों के वीडियो वायरल हो रहे है. इसके अलावा जेल के अंदर बंद कैदी सोशल मीडिया पर अपनी पिक्चर अपडेट करते रहते हैं. जैसे ही ये मामले सामने आते है, तब जेल पुलिस सर्च ऑपरेशन भी चलाती है. कुछ मोबाइल तो पकड़ने में आ जाते है और कुछ मोबाइल का पता नहीं लग पाता. अब भी बदस्तूर जेल में मोबाइल चल रहे हैं. इन दिनों एक डीग जेल का वीडियो सामने आया है. जिसमें एक कैदी जेल के अंदर मोबाइल होने की बात बता रहा है.
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इतना ही नहीं जेल पुलिस पर मोबाइल और तंबाकू जैसे उत्पादों की सप्लाई करने का भी आरोप लगा रहा है. दरअसल, वीडियो में दिखने वाले शख्स का नाम उमेश सैनी है और यह नगर कस्बे का रहने वाला है. करीब 1 महीने से उपकारागृह डीग में बंद है. कैदी उमेश जेल में मोबाइल होना की बात कहते हुए दो कैदियों का नाम ले रहा है. साथ ही उमेश का आरोप है कि जेल प्रशासन कैदियों को सुविधा उपलब्ध करवाने के बदले पैसे वसूल करता है.
वायरल वीडियो में खुद बंदी बता रहा है कि उससे भी एक बार कुछ पुलिसकर्मियों ने 5 हजार रुपए की डिमांड की थी. इसके अलावा स्टाफ के लोग कैदियों को फोन उपलब्ध करवाते है और उसके बदले कैदियों से 6 से 7 हजार वसूले जाते हैं. साथ ही जेल में तम्बाकू का उपयोग निषेध है, लेकिन जेल प्रशासन मोटी रकम लेने के बाद कैदियों को तम्बाकू उपलब्ध करवाता है. साथ ही कुछ दिनों पहले एक सर्च ऑपरेशन में सुरेश नाम के कैदी से 2 मोबाइल भी पकड़े गए थे.
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इधर, वीडियो के सामने आने के बाद जेल अधीक्षक सुधीर प्रताप पूनिया ने बताया कि ऐसा कोई वीडियो अभी तक उनके पास नहीं आया है. अगर ऐसा कोई वीडियो है तो वह इस वीडियो के जरिये पता करेंगे कि वे वीडियो जेल के अंदर का है या बाहर का और वीडियो में दिखने वाले युवक की बातों में कितनी सच्चाई है. इसके लिए कार्रवाई की जाएगी.