भरतपुर. पहले कोरोना संक्रमण का दंश और अब लगातार बढ़ रही महंगाई की मार लोगों को झेलनी पड़ रहा है. यही वजह है कि इस बार लोगों की दीवाली पिछले वर्ष की तुलना में 25% तक अधिक महंगी साबित होगी. बाजार में घर की जरूरतों की खाद्य सामग्री में बेतहाशा वृद्धि हुई है. सरसों का तेल, चाय की कीमतों में 30 से 40% तक वृद्धि हुई है. वहीं सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. ऐसे में लोगों को इस बार की दीवाली पर महंगाई का भी सामना करना पड़ेगा.
तेल और चाय में महंगाई का उबाल बीते 30 सालों से देख रहे अटलबंद मंडी के विष्णु शर्मा ने बताया कि बीते कुछ ही महीनों में सरसों के तेल और चाय की कीमतों में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. बीते साल चाय की कीमत करीब 200 रुपए प्रति किलो की थी, लेकिन इस बार चाय की कीमत 270 रुपए से 300 रुपए प्रति किलो तक हो गई है. इसी तरह सरसों के तेल में भी काफी तेजी आई है. बीते साल सरसों का तेल 80 से 85 रुपए प्रति लीटर कीमत में उपलब्ध था, लेकिन इस बार 125 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से तेल मिल रहा है.
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साथ ही दाल, मुनक्का और मिर्च आदि में भी काफी वृद्धि हुई है. महंगाई के कारण बाजार से दूरी बना रहा उपभोक्ता विष्णु शर्मा ने बताया कि पहले तो कोरोना संक्रमण के चलते लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया और उसके बाद अब बाजार में महंगाई के चलते लोग खरीदारी से कतरा रहे हैं. महंगाई और बीमारी के चलते बाजार में बिक्री पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
आसमान छू रहीं सब्जियां
बाजार में सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं. बीते सिर्फ 2 महीने की बात करें तो कुछ सब्जियां तो 2 गुना ज्यादा महंगी तक हो गयी हैं. बिजलीघर सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेता हरि सिंह ने बताया कि बीते दो महीने में ही प्याज 40 रुपए से बढ़कर 80 रुपए प्रति किलो और लहसुन 100 रुपए से बढ़कर 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है. वहीं अन्य सब्जियों की कीमतों में काफी उछाल आया है.
इसलिए महंगी हुई सब्जियां
हरि सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते लोगों ने सब्जी की खेती बहुत कम की है. साथ ही कम बरसात की वजह से भी सब्जी की खेती कम हुई है. ऐसे में भरतपुर के सब्जी विक्रेता आगरा, मथुरा और जयपुर के शहरों से सब्जी लेकर आ रहे हैं. जिसकी वजह से सब्जियों की कीमत में उछाल आ रहा है. आर्थिक संकट से जूझ रहे लोग उपभोक्ता मनोज शास्त्री ने बताया कि वह एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ा. अब फिर से बाजार खुला है तो महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों को आर्थिक संकट और महंगाई दोनों का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष खाद्य सामग्री से लेकर सब्जियां तक की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे की मुख्य वजह कोरोना संक्रमण को माना जा रहा है. यही वजह है कि इस बार की दिवाली पर लोगों को महंगाई का सामना भी करना पड़ेगा. इतना ही नहीं ये महंगाई का दौर कितना लंबा चलेगा इस बारे अभी व्यापारी भी असमंजस की स्थिति में हैं.