भरतपुर. कोरोना संक्रमण ने दुनिया की तस्वीर बदलकर रख दी है. हर कोई अपने स्वास्थ्य और जीवन को लेकर खासा चिंतित है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में निराश्रित और असहाय लोगों का जीवनयापन करना बहुत ही दुष्कर हो गया है. लेकिन इस कठिन दौर में सरकारें भी असहाय नजर आ रही है.
वहीं भरतपुर के अपना घर आश्रम के द्वार सदैव की भांति अभी भी निराश्रित और असहाय लोगों की सेवा के लिए खुले हुए हैं. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने प्रदेश के असहाय लोगों को आश्रय देने के लिए अपना घर आश्रम से गुहार लगाई है, जिसे अपना घर आश्रम ने स्वीकार कर लिया है. इतना ही नहीं इन विकट हालातों में भी अपना घर आश्रम ने स्वयं राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश के निराश्रित लोगों को अपना घर आश्रम भेजने की अपील की है.
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उत्तर प्रदेश सरकार भेजेगी 292 प्रभुजन
आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के प्रोबेशन अधिकारी ने अपना घर प्रबंधन को एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा कि महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश में अनेकों संस्थाएं संचालित हैं. इनमें 150 मंदबुद्धि एवं बीमार महिला-पुरुष आवासरत हैं. लेकिन इन संस्थाओं में उपचार एवं पुनर्वास की उचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इनका स्थानांतरण अपना घर में करने की स्वीकृति दी जाए. अपना घर ने इसे स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद मथुरा प्रशासन ने 23 लोगों को अपना घर आश्रम भेजा है.
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डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि अब उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भेजे जाने वाले प्रभुजनों की संख्या 150 से बढ़कर 292 हो गई है.
राजस्थान सरकार को लिखा पत्र
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपना घर प्रबंधन ने राजस्थान सरकार के शासन सचिव को भी ऐसे लोगों को अपना घर आश्रम भेजने के लिए पत्र लिखा है. जिसके बाद शासन सचिव राजस्थान ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि निराश्रित, असहाय और बीमार लोगों को अपना घर आश्रम भिजवाने की व्यवस्था की जाए.
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अभी एक हजार और प्रभुजनों के आवास की व्यवस्था
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में फिलहाल 3 हजार प्रभु जन निवासरत है. इनके अलावा 500 और प्रभुजनों को यहां आवास कराया जा सकता है. जरूरत पड़ने पर अजीम जी प्रेमजी ग्रुप ने भी अपना घर आश्रम में 500 लोगों के आवास के लिए व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया है. ऐसे में अपना घर आश्रम में फिलहाल 1000 और प्रभुजनों के आवास की व्यवस्था उपलब्ध है.
आश्रम में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 9 क्वॉरेंटाइन सेंटर तैयार किए गए हैं. 4 सेवा साथियों के लिए, 4 प्रभु जनों के लिए और एक आपातकालीन स्थिति के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.
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कोरोना काल में 212 निराश्रितों को मिला आश्रय
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि पूर्णा संक्रमण काल में अपना घर आश्रम में अब तक 212 प्रभुजनों को प्रवेश दिया गया. इनमें से राजस्थान से 75, उत्तर प्रदेश से 35 को आश्रय दिया गया. साथ ही उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्यों के प्रभुजनों को भी यहां भर्ती किया गया.
गौरतलब, है कि भरतपुर का अपना घर आश्रम वर्षों से असहाय, बीमार और निराश्रित लोगों को आश्रय देकर उनकी सेवा कर रहा है. अपना घर आश्रम की नेपाल समेत देश भर में 36 शाखाएं संचालित है.