कामां (भरतपुर). विद्यालय में बहुत से शिक्षक ऐसे होते हैं, जिनका विद्यार्थियों से एक अलग ही लगाव होता है. ऐसा ही नजारा जिले के कामां क्षेत्र के मूसेपुर में देखने को मिला. यहां एक शिक्षक महेशनाथ को तीन दिन के लिए दूसरे विद्यालय में लगा दिया गया. जिससे विद्यालय के विद्यार्थी नाराज हो गए और गुरुवार को विद्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर नारेबाजी व प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शन का ये कारवां करीब दो घंटे तक चला. वहीं, इसकी सूचना के बाद ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी मनोज चौहान विद्यार्थियों से मिलने मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने आदेश को निरस्त करने का आश्वासन दिया. इसके बाद ताला खोला गया और शिक्षक विद्यालय में प्रवेश कर सके.
इस दौरान ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी मनोज चौहान ने बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मूसेपुर में 26 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 11 शिक्षक कार्यरत हैं. विद्यालय में 549 विद्यार्थियों का नामांकन है. गत दिनों शिक्षण व्यवस्था को लेकर मूसेपुर विद्यालय से महेशनाथ अध्यापक को तीन दिन के कार्य व्यवस्था के लिए बिलग विद्यालय में लगाया गया था. ताकि दोनों विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था सुचारू हो सके. लेकिन इसी बात को लेकर अध्यापक नाराज हो गए और उन्होंने विद्यार्थी सहित ग्रामीणों को गुमराह कर विद्यालय के गेट पर तालाबंदी करवा दी.
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इसके बाद मौके पर पहुंचे ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी मनोज चौहान ने लोगों से वार्ता की और शिक्षण व्यवस्था के लिए लगाई गई शिक्षक महेशनाथ के आदेशों को निरस्त करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद विद्यार्थी सहित अन्य लोगों ने ताला खोलकर शिक्षको को विद्यालय में प्रवेश करने दिया. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शिक्षक महेशनाथ को विद्यार्थियों को गुमराह करने की बजाय अधिकारियों को अपनी परेशानी बतानी चाहिए थी. विद्यालय पर तालाबंदी कराना बहुत ही गलत है. इस संदर्भ में अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
दो घंटे तक लगा रहा गेट पर ताला - गुरुवार को 9:30 बजे ही विद्यार्थी विद्यालय के गेट पर पहुंच गए और विद्यालय के गेट पर ताला लगाकर शिक्षक महेशनाथ के समर्थन में नारेबाजी करने लगे. असल में शिक्षक महेशनाथ को तीन दिन के लिए एक अन्य विद्यालय में लगाया गया था. इसके बाद गुरुवार को आदेश को निरस्त कर अन्य शिक्षक को वहां लगाए जाने की मांग करते हुए तालाबंदी कर दी गई.
विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने विद्यार्थी व अन्य ग्रामीणों को समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वो उच्च अधिकारियों के मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए. इसके बाद ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी मनोज चौहान मौके पर पहुंचे. जिन्होंने शिक्षक महेशनाथ के आदेश को निरस्त करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद विद्यालय का ताला खोला गया.