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धर्मांतरण मामले में 11 नवविवाहित जोड़ों के बयान दर्ज, बोले- स्वेच्छा से ली शपथ, कोई प्रलोभन नहीं दिया गया

भरतपुर में धर्मांतरण मामले (Conversion case in mass marriage conference) में 11 नवविवाहित जोड़ों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. दो दिन पूर्व सामूहिक विवाह में इन 11 जोड़ों ने बौद्ध धर्म अपनाते हुए हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ ली थी. सभी 11 नवविवाहित जोड़ों ने कहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव में शपथ ली थी.

conversion case of Bharatpur
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Published : Nov 23, 2022, 8:49 PM IST

भरतपुर. जिले के कुम्हेर कस्बे में 2 दिन पूर्व एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़ों के हिंदू देवी-देवताओं को (Conversion case in mass marriage conference) नहीं मानने की शपथ लेने के मामले की अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने सभी 11 नवविवाहित जोड़ों के बयान लिए हैं. इन सभी ने बयान में कहा है कि उन्होंने स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के शपथ ली थी. पुलिस ने सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित करने वाले संत रविदास सेवा समिति के पदाधिकारियों के भी बयान लिए हैं.

कुम्हेर थाना प्रभारी हिमांशु सिंह ने बताया कि (conversion case of Bharatpur) सामूहिक विवाह सम्मेलन का वीडियो सामने आने के बाद संत रविदास सेवा समिति के पदाधिकारियों के भी बयान लिए गए. आयोजकों ने बताया कि उन्होंने सामूहिक विवाह सम्मेलन में 22 सूत्रीय प्रतिज्ञा दिलाई थी. किसी पर कोई दबाव नहीं था. सभी ने स्वेच्छा से शपथ ली थी.

पढ़ें. दूल्हा-दुल्हनों को दिलाई ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ईश्वर नहीं मानने की शपथ

थाना प्रभारी हिमांशु सिंह ने बताया कि सभी 11 जोड़ों के भी बयान लिए गए हैं. सभी ने बताया कि उन्होंने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से शपथ ली थी. उन्हें किसी प्रकार का कोई प्रलोभन नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा कि भविष्य में वह हिंदू धर्म अपनाएंगे या बौद्ध धर्म यह उनके स्वविवेक पर निर्भर करेगा.

गौरतलब है कि 21 नवंबर को कुम्हेर कस्बे में आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन संत रविदास सेवा समिति की ओर से आयोजित किया गया. सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ. इस दौरान समिति की ओर से सभी नवविवाहिता को हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने की 22 शपथ दिलाई थी. इस शपथ ग्रहण का वीडियो भी वायरल हुआ था.

भरतपुर. जिले के कुम्हेर कस्बे में 2 दिन पूर्व एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़ों के हिंदू देवी-देवताओं को (Conversion case in mass marriage conference) नहीं मानने की शपथ लेने के मामले की अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने सभी 11 नवविवाहित जोड़ों के बयान लिए हैं. इन सभी ने बयान में कहा है कि उन्होंने स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के शपथ ली थी. पुलिस ने सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित करने वाले संत रविदास सेवा समिति के पदाधिकारियों के भी बयान लिए हैं.

कुम्हेर थाना प्रभारी हिमांशु सिंह ने बताया कि (conversion case of Bharatpur) सामूहिक विवाह सम्मेलन का वीडियो सामने आने के बाद संत रविदास सेवा समिति के पदाधिकारियों के भी बयान लिए गए. आयोजकों ने बताया कि उन्होंने सामूहिक विवाह सम्मेलन में 22 सूत्रीय प्रतिज्ञा दिलाई थी. किसी पर कोई दबाव नहीं था. सभी ने स्वेच्छा से शपथ ली थी.

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थाना प्रभारी हिमांशु सिंह ने बताया कि सभी 11 जोड़ों के भी बयान लिए गए हैं. सभी ने बताया कि उन्होंने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से शपथ ली थी. उन्हें किसी प्रकार का कोई प्रलोभन नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा कि भविष्य में वह हिंदू धर्म अपनाएंगे या बौद्ध धर्म यह उनके स्वविवेक पर निर्भर करेगा.

गौरतलब है कि 21 नवंबर को कुम्हेर कस्बे में आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन संत रविदास सेवा समिति की ओर से आयोजित किया गया. सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ. इस दौरान समिति की ओर से सभी नवविवाहिता को हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने की 22 शपथ दिलाई थी. इस शपथ ग्रहण का वीडियो भी वायरल हुआ था.

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