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अपने ही गांव में जाने से डर रहे 55 परिवार...जानें क्या है पूरा मामला - भरतपुर

भरतपुर जिले में विलाल चटपुरा गांव के लोग दहशतगर्दी के के चलते अपने ही गांव अपने ही घर जाने से घबरा रहे हैं. ये माजरा अब से नहीं दो साल पहले हुए खूनी संघर्ष के बाद से चल रहा है. प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने रेंज आईजी के दफ्तर के बाहर ये परिवार पिछले छह दिनों से जुटे हैं लेकिन कहीं भी इनकी सुनवाई नहीं की जा रही. इन परिवारों ने भय के कारण पिछले 2 साल से अपने गांव में कदम नहीं रखा है.

अपने गांव में ही घुसने से डर रहे 55 परिवार
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Published : Jun 19, 2019, 7:14 PM IST

भरतपुर. पुनर्वास की मांग को लेकर गुरुवार को 55 परिवारों के लोग भरतपुर आईजी भूपेंद्र साहू से मिले. इन परिवार के लोगों ने 2 दिन पहले ही जिला कलेक्टर आरुषि अजय मालिक को ज्ञापन दिया था और मांग की थी जल्द से जल्द इन्हें अपने गांव विलाल चटपुरा भेजा जाए.

अपने गांव में ही घुसने से डर रहे 55 परिवार

जिसके बाद से ये 55 परिवार के लोग आईजी कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए है. साथ ही 55 परिवारों के लोगों ने अपने गांव वापस जाने की मांग रखी है. पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि आईजी ने इस मामले को लेकर एडीएफ और सीओ ग्रामीण परमाल गुर्जर को नियुक्त किया है.

दरअसल साल 2017 में विलाल चटपुरा गांव मे जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें दो गुट आमने-सामने हो गए थे. इस लड़ाई में दूसरी पार्टी के 2 लोगो की मौत हो गई थी. जिसके बाद उस पार्टी के लोगों ने 55 परिवार के लोगों के मकान जला दिए और महिलाओ को नग्न अवस्था में गांव में घुमाया. जिसके डर से 55 परिवार गांव से पलायन कर गए.

कुछ समय बाद जब 55 परिवारों के लोग वापस अपने गांव गए तो उनके साथ मारपीट की गई और गांव में नहीं आने की धमकी दी गई. ये 55 परिवार 2 साल से सड़क के किनारे रहकर अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं. इस दौरान ये लोग कई बार मंत्रियों और अधिकारियों से मिले लेकिन इनकी कही भी सुनवाई नहीं हुई.

हालांकि पुलिस ने हत्या के कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और करीब 8 आरोपी अभी भी फरार हैं. जिसके बाद इन परिवार के लोगों ने आज फैसला किया है कि आज ये गांव जाएंगे और अब जो होगा उसका सामना किया जाएगा क्योंकि कोई भी अधिकारी या मंत्री इनकी सुनवाई नहीं कर रहा है.

भरतपुर. पुनर्वास की मांग को लेकर गुरुवार को 55 परिवारों के लोग भरतपुर आईजी भूपेंद्र साहू से मिले. इन परिवार के लोगों ने 2 दिन पहले ही जिला कलेक्टर आरुषि अजय मालिक को ज्ञापन दिया था और मांग की थी जल्द से जल्द इन्हें अपने गांव विलाल चटपुरा भेजा जाए.

अपने गांव में ही घुसने से डर रहे 55 परिवार

जिसके बाद से ये 55 परिवार के लोग आईजी कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए है. साथ ही 55 परिवारों के लोगों ने अपने गांव वापस जाने की मांग रखी है. पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि आईजी ने इस मामले को लेकर एडीएफ और सीओ ग्रामीण परमाल गुर्जर को नियुक्त किया है.

दरअसल साल 2017 में विलाल चटपुरा गांव मे जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें दो गुट आमने-सामने हो गए थे. इस लड़ाई में दूसरी पार्टी के 2 लोगो की मौत हो गई थी. जिसके बाद उस पार्टी के लोगों ने 55 परिवार के लोगों के मकान जला दिए और महिलाओ को नग्न अवस्था में गांव में घुमाया. जिसके डर से 55 परिवार गांव से पलायन कर गए.

कुछ समय बाद जब 55 परिवारों के लोग वापस अपने गांव गए तो उनके साथ मारपीट की गई और गांव में नहीं आने की धमकी दी गई. ये 55 परिवार 2 साल से सड़क के किनारे रहकर अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं. इस दौरान ये लोग कई बार मंत्रियों और अधिकारियों से मिले लेकिन इनकी कही भी सुनवाई नहीं हुई.

हालांकि पुलिस ने हत्या के कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और करीब 8 आरोपी अभी भी फरार हैं. जिसके बाद इन परिवार के लोगों ने आज फैसला किया है कि आज ये गांव जाएंगे और अब जो होगा उसका सामना किया जाएगा क्योंकि कोई भी अधिकारी या मंत्री इनकी सुनवाई नहीं कर रहा है.

Intro:भरतपुर

एंकर- पुनर्वास की मांग को लेकर आज 55 परिवारों के लोग भरतपुर आईजी भूपेंद्र साहू से मिले। इन परिवार के लोगो ने 02 दिन पहले ही जिला कलेक्टर आरुषि अजय मालिक को ज्ञापन दिया था और मांग की थी जल्द से जल्द इन्हें अपने गाँव विलाल चटपुरा भेजा जाए। उसके बाद ये 55 परिवार के लोग आईजी कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए और आज 02 दिन बाद आईजी भूपेंद्र साहू से मिले। जिसके बाद 55 परिवारों के लोगो ने अपने गाँव वापस जाने की मांग रखी। 
  पीड़ित परिवार के लोगो ने बताया कि आईजी ने इस मामले को लेकर एडीएफ और सीओ ग्रामीण परमाल गुज्जर को नियुक्त किया है। 
  दरअसल साल 2017 में विलाल चटपुरा गाँव मे जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था जिसमे दो गुट आमने सामने हो गए थे। इस लड़ाई में दूसरी पार्टी के 02 लोगो की मौत हो गई थी। जिसके बाद उस पार्टी के लोगो ने 55 परिवार के लोगो के मकान जला दिए और महिलाओ को बिना कपड़ों के गाँव मे घुमाया जिसके डर से 55 परिवार गाँव से पलायन कर गए। कुछ समय बाद जब 55 परिवारों के लोग वापस अपने गाँव गए तो इनके साथ मारपीट की गई। और गाँव मे न आने की धमकी दी गई। ये 55 परिवार 02 साल से सड़क के किनारे रहकर अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं। इस दौरान ये लोग कई बार मंत्रियों और अधिकारियों से मिले लेकिन इनकी कही भी सुनवाई नही हुई। हालांकि पुलिस ने हत्या के कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और करीब 08 आरोपी अभी भी फरार है। 
  जिसके बाद इन परिवार के लोगो ने आज फैसला किया है कि आज ये गाँव जाएंगे और अब जो होगा उसका सामना किया जाएगा क्योंकि कोई भी अधिकारी या मंत्री इनकी सुनवाई नही कर रहा है।

बाइट- मन्ना, पीड़ित महिला


Body:55 परिवार के लोग मिले आईजी भपेंद्र साहू से, पुनर्वास की राखी मांग, 02 साल से सड़क के किनारे रहकर कर रहे है गुजारा


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