ETV Bharat / state

विद्यालय प्रांगण बना भेड़-बकरियों बांधने का केंद्र, गंदगी में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल - गंदगी में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

भरतपुर के कामां स्थित खटी मोहल्ला में दो सरकारी विद्यालय एक ही प्रांगण में संचालित किए जा रहे हैं. इस प्रांगण में लोग अपनी भेड़ बकरियां बांधते (sheep and goat tied in govt school of Bharatpur) हैं. इससे विद्यालय में गंदगी का आलम रहता है. विद्यार्थी इस गंदे माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं. अब जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में एक्शन की बात कही है.

sheep and goat tied in govt school of Bharatpur, DEO promises action
विद्यालय प्रांगण बना भेड़-बकरियों बांधने का केंद्र, गंदगी में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल
author img

By

Published : Dec 1, 2022, 7:27 PM IST

कामां (भरतपुर). शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान के क्षेत्र में एक विद्यालय ऐसा भी है जिसमें भेड़ बकरियों को बांधने के साथ-साथ गंदगी का आलम (sheep and goat tied in govt school of Bharatpur) है. लेकिन इस ओर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. जबकि उस विद्यालय प्रांगण में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के संचालन के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र का भी संचालन होता है, जो अपनी दुर्दशा पर बदहाली के आंसू बहा रहा है.

कामां के खटीक मोहल्ला स्थित पानी की टंकी के नीचे एक प्रांगण में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का संचालन होता है. साथ ही उसी प्रांगण में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है. लेकिन उस प्रांगण में गंदगी के आलम के साथ-साथ भेड़ बकरियों को भी बांधा जाता है. यहां तक कि लोग यहां चारपाई बिछाकर भी डटे रहते हैं. विद्यालय स्टाफ ने भी भेड़ बकरियों के बांधने को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया. लोगों ने बताया कि काफी लंबे समय से विद्यालय प्रांगण में भेड़ बकरियां बांधी जा रही हैं. जगह-जगह लकड़ी के खूंटे भी गड़े हुए हैं.

पढ़ें: कोटा: खजूरी के सरकारी विद्यालय की छत टूटकर गिरी, बाल-बाल बचे बच्चे

विद्यालय बना असामाजिक तत्वों का अड्डा: संस्कृत विद्यालय के संस्था प्रधान जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि विद्यालय में चारदिवारी नहीं है. आए दिन आवारा जानवर विद्यालय में प्रवेश करते हैं. बकरियों के बांधने के संबंध में तत्कालीन एसडीएम को शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. यहां तक कि असामाजिक तत्व विद्यालय प्रांगण में जुआ खेलते हैं, शराब का सेवन कर कांच की बोतल सहित अन्य सामान को प्रांगण में ही छोड़ जाते हैं. संस्कृत विद्यालय में चार शिक्षक कार्यरत हैं. यहां 92 बच्चे अध्ययनरत हैं. जबकि प्राथमिक विद्यालय में 95 बच्चे अध्ययनरत हैं और दो अध्यापिका प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं.

पढ़ें: जोधपुर : लूणी में शिक्षकों ने विद्यालय परिसर में कटीली झाड़ियों को काटकर की साफ-सफाई

आंगनबाड़ी केंद्र के मुख्य द्वार पर बकरियों का कब्जा: विद्यालय प्रांगण में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र के मुख्य द्वार पर पूर्ण तरीके से बकरियों का कब्जा है. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यरत कर्मचारियों ने इसे लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है. जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह कुंतल का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही तुरंत प्रभाव से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. विद्यालय प्रांगण में बकरियां एवं आवारा पशुओं का रहना गलत है. नियम अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

कामां (भरतपुर). शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान के क्षेत्र में एक विद्यालय ऐसा भी है जिसमें भेड़ बकरियों को बांधने के साथ-साथ गंदगी का आलम (sheep and goat tied in govt school of Bharatpur) है. लेकिन इस ओर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. जबकि उस विद्यालय प्रांगण में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के संचालन के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र का भी संचालन होता है, जो अपनी दुर्दशा पर बदहाली के आंसू बहा रहा है.

कामां के खटीक मोहल्ला स्थित पानी की टंकी के नीचे एक प्रांगण में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का संचालन होता है. साथ ही उसी प्रांगण में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है. लेकिन उस प्रांगण में गंदगी के आलम के साथ-साथ भेड़ बकरियों को भी बांधा जाता है. यहां तक कि लोग यहां चारपाई बिछाकर भी डटे रहते हैं. विद्यालय स्टाफ ने भी भेड़ बकरियों के बांधने को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया. लोगों ने बताया कि काफी लंबे समय से विद्यालय प्रांगण में भेड़ बकरियां बांधी जा रही हैं. जगह-जगह लकड़ी के खूंटे भी गड़े हुए हैं.

पढ़ें: कोटा: खजूरी के सरकारी विद्यालय की छत टूटकर गिरी, बाल-बाल बचे बच्चे

विद्यालय बना असामाजिक तत्वों का अड्डा: संस्कृत विद्यालय के संस्था प्रधान जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि विद्यालय में चारदिवारी नहीं है. आए दिन आवारा जानवर विद्यालय में प्रवेश करते हैं. बकरियों के बांधने के संबंध में तत्कालीन एसडीएम को शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. यहां तक कि असामाजिक तत्व विद्यालय प्रांगण में जुआ खेलते हैं, शराब का सेवन कर कांच की बोतल सहित अन्य सामान को प्रांगण में ही छोड़ जाते हैं. संस्कृत विद्यालय में चार शिक्षक कार्यरत हैं. यहां 92 बच्चे अध्ययनरत हैं. जबकि प्राथमिक विद्यालय में 95 बच्चे अध्ययनरत हैं और दो अध्यापिका प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं.

पढ़ें: जोधपुर : लूणी में शिक्षकों ने विद्यालय परिसर में कटीली झाड़ियों को काटकर की साफ-सफाई

आंगनबाड़ी केंद्र के मुख्य द्वार पर बकरियों का कब्जा: विद्यालय प्रांगण में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र के मुख्य द्वार पर पूर्ण तरीके से बकरियों का कब्जा है. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यरत कर्मचारियों ने इसे लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है. जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह कुंतल का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही तुरंत प्रभाव से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. विद्यालय प्रांगण में बकरियां एवं आवारा पशुओं का रहना गलत है. नियम अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.