भरतपुर. ग्रामीण भारत में हुनर और हुनरमंदों की कोई कमी नहीं है. सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 ठवीं से 12वीं तक विद्यार्थियों ने ऐसे उपयोगी मॉडल तैयार किए हैं कि देखकर आप ही उनके वैज्ञानिक सोच की दाद देंगे. किसी ने बेहद कम खर्च में ऐसा रोबोट तैयार किया है जो बोरवेल में गिरे बच्चों को आसानी से बाहर निकाल सकेगा तो किसी ने कबाड़ से ऐसी साइकिल तैयार की है जो फिटनेस के लिए लाभदायक होने के साथ बिजली भी उत्पादित कर सकेगी. यही नहीं उस बिजली को स्टोर भी किया जा सकेगा. बुधवार को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बांसरोली और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐचेरा में ऐसे होनहार विद्यार्थियों के मॉडल देखने को मिले.
जान बचाएगा रोबोट: राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बांसरोली के 8वीं के छात्र समीर ने मात्र 8 हजार कीमत में एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो बोरवेल में गिरे बच्चों की जान बचा सकता है. सेंसर, रिमोट युक्त यह रोबोट रस्सी से बांध कर बोरवेल में डाला जाएगा और गिरे हुए बच्चे को पकड़कर बाहर निकाल लाएगा. इसमें रोशनी के लिए टॉर्च, अंदर के हालात देखने के लिए कैमरा और ऑक्सीजन पंप भी लगा हुआ है जो उपयोगी साबित होगा.
इसलिए बनाया रोबोट: समीर ने बताया कि एक बार उनके गांव में एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. उसे बचाने के लिए आपदा राहत टीम ने आकर खुदाई की. इसमें काफी समय लग गया, फिर भी बच्चे को नहीं बचाया जा सका. तभी उनके मन में ख्याल आया कि ऐसा रोबोट बनाया जाना चाहिए जो ऐसी घटनाओं के समय जान बचा सके.
फिटनेस के साथ बिजली पैदा करेगी योगा साइकिल
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐचेरा के 11वीं के छात्र बॉबी ने कबाड़ साइकिल से 'योग साइकिल' तैयार की है जो आप की फिटनेस के लिए लाभदायक होगी. बॉबी ने बताया कि साइकिल चलाकर शरीर को हमेशा फिट रखा जा सकता है, लेकिन उनकी इस साइकिल से फिटनेस के साथ बिजली भी उत्पन्न की जा सकती है. जिसे एक बैटरी में सेव कर जरूरत के अनुसार काम में लिया जा सकेगा. बॉबी ने अपने इनोवेशन के बारे में बताया कि उसने एक छोटी कबाड़ साइकिल के पहिये और बॉडी ली. उसके बाद उसमें एक मोटर फिट कर दी, जिससे बैटरी को जोड़ दिया. ऐसे में पैडल मारने के साथ बिजली उत्पन्न होगी जो बैटरी में सेव भी हो सकेगी.
ऐचेरा विद्यालय के नौवीं कक्षा के छात्र रूपेंद्र ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जो कोरोना जैसी महामारी के दौरान स्वास्थ्य जांच में मददगार साबित होगा. शिक्षक ओमप्रकाश देशवाल के निर्देशन में तैयार किए गए इस मॉडल में जहां बिना हाथ लगाए सैनिटाइजर उपलब्ध हो सकेगा, वहीं यह मॉडल व्यक्ति के टेंपरेचर भी माप सकेगा. इसी तरह कई छात्रों ने किसानों और पशुपालकों के लिए उपयोगी कई मॉडल प्रदर्शित किए.
398 मॉडल प्रदर्शित: मास्टर आदित्येंद्र सीनियर सेकंडरी विद्यालय में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना की जिला प्रदर्शनी में 6ठी से 12वीं तक के करीब 398 बच्चों के साइंस मॉडल को प्रदर्शित किया गया. अब इनमें से बेहतरीन मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए किया जाएगा.