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Wow! Dolphin In Bharatpur: घना में पक्षी ही नहीं अब दिखेंगे राइनो और डॉल्फिन भी, वन विभाग कर रहा प्लानिंग

पक्षियों की नगरी भरतपुर में अभी तक पर्यटक प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां देखने के लिए आते हैं. लेकिन अब यहां आने वाले पर्यटकों को पक्षियों के साथ ही राइनो और डॉल्फिन भी देखने को मिलेंगे.

Wow! Dolphin In Bharatpur
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Published : Mar 13, 2023, 4:05 PM IST

भरतपुर. वन विभाग अब भरतपुर में एक जू की योजना तैयार कर रहा है, जिसमें पर्यटकों को राइनो, डॉल्फिन के अलावा और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा. इससे जहां भरतपुर में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, वहीं सर्दियों के पर्यटन सीजन के अलावा भी सालभर पर्यटकों के आगमन का रास्ता खुलेगा.

ये है योजना- असल में वन विभाग की राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड बायोडायवर्सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरएफबीडीपी) के तहत केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता को पुनर्जीवित करने और उसे बढ़ने की तैयारी कर रहा है. आरएफबीडीपी के तहत उद्यान के लिए आर्द्रभूमि पूर्व-सीटू संरक्षण प्रतिष्ठान (wesce) करीब 15 करोड़ का प्लान है. विभागीय जानकारी के अनुसार आरएफबीडीपी के लिए फ्रांस सरकार करीब 1200 करोड़ का फंड देने के लिए भी सहमत हो गई है. भरतपुर जू इसी योजना का एक हिस्सा है.

दो जगह पर चर्चा- घना डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर जू की प्लानिंग चल रही है. फिलहाल जगह और योजना को लेकर उच्चतर पर चर्चा चल रही है. जू के लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भरतपुर-डीग रोड पर स्थित मांढेरा रूंध का वन क्षेत्र भी चिह्नित किया है. हालांकि अभी तक जगह को फाइनल चयन नहीं किया गया है. इन दोनों में से किसी एक स्थान पर जू तैयार किया जाएगा.

पढ़ें-अब 3डी में देख सकेंगे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, वर्चअुल रियलिटी के साथ ऑडियो से मिलेगी पूरी जानकारी

डॉल्फिन और राइनो का आकर्षण- विभाग की योजना के तहत जू में राइनो और डॉल्फिन को लाने की योजना है. इसके अलावा क्रोकोडाइल, वाटर बफैलो और बारहसिंगा जैसे कई जीवों को लाने पर भी विचार विमर्श चल रहा है. बताया जा रहा है योजना की डीपीआर पर काम चल रहा है. चर्चा है कि डॉल्फिन के लिए एक्वेरियम जैसी व्यवस्था की जा सकती है.

उम्मीद कि बढ़ेंगे पर्यटक- उम्मीद है कि वन विभाग की नई योजना के तहत भरतपुर जू शुरू होने पर जहां इस शहर को नई पहचान मिलेगी, वहीं यहां पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा. इतना ही नहीं फिलहाल सर्दी के मौसम पक्षियों को देखने के लिए ही पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन जू शुरू होने के बाद सालभर पर्यटक यहां आ सकेंगे. इससे शहर की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा.

भरतपुर. वन विभाग अब भरतपुर में एक जू की योजना तैयार कर रहा है, जिसमें पर्यटकों को राइनो, डॉल्फिन के अलावा और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा. इससे जहां भरतपुर में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, वहीं सर्दियों के पर्यटन सीजन के अलावा भी सालभर पर्यटकों के आगमन का रास्ता खुलेगा.

ये है योजना- असल में वन विभाग की राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड बायोडायवर्सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरएफबीडीपी) के तहत केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता को पुनर्जीवित करने और उसे बढ़ने की तैयारी कर रहा है. आरएफबीडीपी के तहत उद्यान के लिए आर्द्रभूमि पूर्व-सीटू संरक्षण प्रतिष्ठान (wesce) करीब 15 करोड़ का प्लान है. विभागीय जानकारी के अनुसार आरएफबीडीपी के लिए फ्रांस सरकार करीब 1200 करोड़ का फंड देने के लिए भी सहमत हो गई है. भरतपुर जू इसी योजना का एक हिस्सा है.

दो जगह पर चर्चा- घना डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर जू की प्लानिंग चल रही है. फिलहाल जगह और योजना को लेकर उच्चतर पर चर्चा चल रही है. जू के लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भरतपुर-डीग रोड पर स्थित मांढेरा रूंध का वन क्षेत्र भी चिह्नित किया है. हालांकि अभी तक जगह को फाइनल चयन नहीं किया गया है. इन दोनों में से किसी एक स्थान पर जू तैयार किया जाएगा.

पढ़ें-अब 3डी में देख सकेंगे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, वर्चअुल रियलिटी के साथ ऑडियो से मिलेगी पूरी जानकारी

डॉल्फिन और राइनो का आकर्षण- विभाग की योजना के तहत जू में राइनो और डॉल्फिन को लाने की योजना है. इसके अलावा क्रोकोडाइल, वाटर बफैलो और बारहसिंगा जैसे कई जीवों को लाने पर भी विचार विमर्श चल रहा है. बताया जा रहा है योजना की डीपीआर पर काम चल रहा है. चर्चा है कि डॉल्फिन के लिए एक्वेरियम जैसी व्यवस्था की जा सकती है.

उम्मीद कि बढ़ेंगे पर्यटक- उम्मीद है कि वन विभाग की नई योजना के तहत भरतपुर जू शुरू होने पर जहां इस शहर को नई पहचान मिलेगी, वहीं यहां पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा. इतना ही नहीं फिलहाल सर्दी के मौसम पक्षियों को देखने के लिए ही पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन जू शुरू होने के बाद सालभर पर्यटक यहां आ सकेंगे. इससे शहर की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा.

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