भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल के चिकित्सकों की एक बार फिर लापरवाही सामने आई है. सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक गर्भवती को प्रसव पूर्व सोनोग्राफी जांच कराने के लिए निजी लैब पर भेज दिया और इसी दौरान महिला का बीच बाजार ई-रिक्शा में प्रसव हो गया.
परिजन शॉल से रिक्शा को चारों तरफ से ढककर प्रसूता और नवजात को अस्पताल लेकर पहुंचे. जिले की बयाना निवासी गर्भवती पूजा को बुधवार दोपहर को बयाना अस्पताल से भरतपुर जनाना अस्पताल रेफर किया था. जनाना अस्पताल के चिकित्सकों ने दोपहर 2 बजे बाद अस्पताल में सोनोग्राफी जांच नहीं होने की बात कहर निजी लैब पर जांच कराने के लिए बोल दिया. परिजन विजय सिंह ने बताया कि करीब ढाई बजे गर्भवती पूजा को ई-रिक्शा में अस्पताल के बाहर स्थित सोनोग्राफी सेंटर पर सोनोग्राफी कराने ले गए. वहां से जब ई-रिक्शा से वापस अस्पताल लौट रहे थे, तो इसी दौरान अस्पताल के दरवाजे के पास पूजा का ई-रिक्शा में ही प्रसव हो गया.
पढ़ें: प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला, दौड़ाते रहे अस्पताल... गर्भवती ने एंबुलेंस में तोड़ा दम
परिजनों ने शॉल से रिक्शा को चारों तरफ से ढंक कर प्रसव करवाया. पूजा ने एक बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद परिजन उसी स्थिति में प्रसूता और नवजात को लेकर जनाना अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में भर्ती कराया. परिजन विजय सिंह ने बताया कि यदि अस्पताल में ही सोनोग्राफी हो जाती, तो ऐसे हालात में प्रसव नहीं कराना पड़ता. फिलहाल महिला को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है और प्रसूता व बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ बताए गए हैं.
पढ़ें: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने निजी स्कूल में करवा दिया प्रसव, झाड़ियों में फेंक दी नवजात
एंबुलेंस में प्रसव के दौरान मौत: ऐसा पहली बार नहीं है जब अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से प्रसूता का बीच रास्ते में प्रसव हुआ हो. गत 3 दिसंबर को भी एक प्रसूता को चिकित्सक सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल के बीच रेफर करते रहे. असल में महिला जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली थी. एक बेटी का जन्म तो जनाना अस्पताल में हो गया था, लेकिन दूसरे बच्चे के प्रसव के लिए जनाना अस्पताल के चिकित्सकों ने सुविधाएं नहीं होने की बात बोलकर निजी अस्पताल रेफर कर दिया. उधर निजी अस्पताल ने भी हाथ खड़े कर दिए और वापस जनाना अस्पताल भेज दिया. इसी बीच गर्भवती ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया था.