कामां (भरतपुर). कामां क्षेत्र के जुरहरा में पुलिस को दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग बालिका का मेडिकल कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि महिला चिकित्सक नहीं होने के चलते अन्य चिकित्सक मेडिकल मुआयना करने से कतराते हैं. गाइडलाइन का हवाला देकर मेडिकल करने से मना कर देते हैं, पुलिस उच्चाधिकारियों से मामले को लेकर अवगत कराती है. फिर जाकर कहीं पीड़िता का मेडिकल मुआयना किया जाता है.
ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केडी शर्मा ने बताया कि कामां ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुरहरा पर जुरहरा थाना पुलिस द्वारा दुष्कर्म की दो पीड़ितों को अलग-अलग दुष्कर्म का मेडिकल मुआयना कराने के लिए लेकर गए थे. जहां पुरुष चिकित्सक ने गाइडलाइन का हवाला देते हुए मेडिकल करने से मना कर दिया. चिकित्सक के मना करने के बाद डीएसपी प्रदीप यादव और जुरहरा थानाधिकारी कमलेश मीणा ने अवगत कराया कि अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा दुष्कर्म पीड़िताओं का मेडिकल मुआयना नहीं किया जा रहा है. उसके बाद जुरहरा अस्पताल के चिकित्सक को निर्देश दिए गए कि दुष्कर्म पीड़िताओं का मेडिकल किया जाए.
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चिकित्सक ने अवगत कराया कि जो दुष्कर्म पीड़िताएं हैं. उनमें एक नाबालिग है, जिसका गाइडलाइन के हिसाब से महिला चिकित्सक द्वारा ही मेडिकल किया जाना है. इस पर पूरे प्रकरण को उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया और पीड़िताओं का मेडिकल मुआयना कराया गया है.
जुरहरा अस्पताल में नहीं है महिला चिकित्सक
जुरहरा अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने के चलते दुष्कर्म के मामलों में मेडिकल मुआयना कराने के लिए पुलिस को बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दुष्कर्म पीड़िताओं का मेडिकल मुआयना होता है, जिसे लेकर अब ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. केडी शर्मा ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत करवाकर दिशा-निर्देश मांगे हैं.
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जुरहरा थाना अधिकारी कमलेश मीणा ने बताया कि दुष्कर्म के दो मामले दर्ज हुए, जिनका मेडिकल मुआयना कराने के लिए अस्पताल लेकर गए. जहां एक का तो मेडिकल कर दिया गया लेकिन दूसरा केस नाबालिग होने पर चिकित्सक ने नियमों का हवाला देते हुए मेडिकल करने से मना कर दिया. उसके बाद उच्चाधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया गया, तब जाकर मेडिकल मुआयना किया गया.