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भरतपुर: निगम की गौशाला में छाया-पानी की व्यवस्था नहीं, गायों को खाने के लिए मिल रहा सूखा चारा

भरतपुर नगर निगम की ओर से संचालित गौशाला में शनिवार को निगम महापौर, उपमहापौर और पार्षदों की टीम निरीक्षण करने पहुंची. जहां ना तो गायों के लिए छाया की व्यवस्था मिली और ना ही गायों के लिए पानी की व्यवस्था. इतना ही नहीं यहां गायों के लिए हरा चारा भी सिर्फ कागजों में ही दिखा.

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Published : May 23, 2020, 8:49 PM IST

Cowshed of bharatpur,  निगम की गौशाला
निगम की गौशाला में छाया-पानी की नहीं है व्यवस्था

भरतपुर. नगर निगम भरतपुर की ओर से सुभाष नगर में संचालित गौशाला में ना तो गायों के लिए छाया की व्यवस्था मिली और ना ही पीनी की व्यवस्था. इतना ही नहीं यहां गायों के लिए हरा चारा भी सिर्फ कागजों में ही मंगाया जा रहा है. हकीकत में गाय सिर्फ सूखा भूसा ही खा रही हैं. नगर निगम की गौशाला में यह सभी अनियमितताएं शनिवार को उस समय सामने आई जब निगम महापौर, उपमहापौर और पार्षदों की टीम यहां निरीक्षण करने पहुंची. निरीक्षण के बाद महापौर ने जांच के लिए 5 सदस्य कमेटी गठित की है.

निगम की गौशाला में छाया-पानी की नहीं है व्यवस्था

पार्षद मोती ने बताया कि गौशाला में रजिस्टर देखा, जिसमें सही रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया गया था. गायों के लिए छाया और पानी की सही व्यवस्था नहीं मिली. गायों के लिए हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं थी. गाय सिर्फ सूखा चारा खा रही थीं. पार्षद मोती ने बताया कि गौशाला में ना तो बाहर से आने वाली गायों का कोई रिकॉर्ड था और ना ही चारे पानी का रिकॉर्ड मिला.

गौशाला में कर्मचारी भी पूरे नहीं मिले. गाय बहुत बुरे हालातों में मिलीं. उपमहापौर गिरीश चौधरी ने बताया कि निरीक्षण में गौशाला में गायों की व्यवस्था का जायजा लिया गया. गौशाला में पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि नगर निगम के पार्षदों की शिकायत पर शनिवार को सुभाष नगर स्थित नगर निगम की गौशाला का निरीक्षण किया गया है.

उन्होंने कहा कि यहां कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार का रिकॉर्ड सही नहीं रखा जा रहा है. साथ ही गायों के लिए चारा, छाया, पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं मिली. महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि गौशाला की जांच के लिए 5 सदस्य कमेटी गठित की गई है जो कि इसके रिकॉर्ड की पूरी जांच करेगी.

ये भी पढ़ें: पढ़ें- कोरोना कालः लॉकडाउन के दौरान घरों में ड्रॉइंग बना रहे बच्चे

कैबिनेट मंत्री के निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधरे हालात:

महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि जनवरी में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ गौशाला का निरीक्षण किया गया था. उस समय भी यहां पर हालात काफी बुरे मिले थे. 4 महीने बाद भी गौशाला के हालात करीब-करीब वैसे ही हैं यहां पर कोई सुधार नहीं नजर आया.

भरतपुर. नगर निगम भरतपुर की ओर से सुभाष नगर में संचालित गौशाला में ना तो गायों के लिए छाया की व्यवस्था मिली और ना ही पीनी की व्यवस्था. इतना ही नहीं यहां गायों के लिए हरा चारा भी सिर्फ कागजों में ही मंगाया जा रहा है. हकीकत में गाय सिर्फ सूखा भूसा ही खा रही हैं. नगर निगम की गौशाला में यह सभी अनियमितताएं शनिवार को उस समय सामने आई जब निगम महापौर, उपमहापौर और पार्षदों की टीम यहां निरीक्षण करने पहुंची. निरीक्षण के बाद महापौर ने जांच के लिए 5 सदस्य कमेटी गठित की है.

निगम की गौशाला में छाया-पानी की नहीं है व्यवस्था

पार्षद मोती ने बताया कि गौशाला में रजिस्टर देखा, जिसमें सही रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया गया था. गायों के लिए छाया और पानी की सही व्यवस्था नहीं मिली. गायों के लिए हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं थी. गाय सिर्फ सूखा चारा खा रही थीं. पार्षद मोती ने बताया कि गौशाला में ना तो बाहर से आने वाली गायों का कोई रिकॉर्ड था और ना ही चारे पानी का रिकॉर्ड मिला.

गौशाला में कर्मचारी भी पूरे नहीं मिले. गाय बहुत बुरे हालातों में मिलीं. उपमहापौर गिरीश चौधरी ने बताया कि निरीक्षण में गौशाला में गायों की व्यवस्था का जायजा लिया गया. गौशाला में पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि नगर निगम के पार्षदों की शिकायत पर शनिवार को सुभाष नगर स्थित नगर निगम की गौशाला का निरीक्षण किया गया है.

उन्होंने कहा कि यहां कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार का रिकॉर्ड सही नहीं रखा जा रहा है. साथ ही गायों के लिए चारा, छाया, पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं मिली. महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि गौशाला की जांच के लिए 5 सदस्य कमेटी गठित की गई है जो कि इसके रिकॉर्ड की पूरी जांच करेगी.

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कैबिनेट मंत्री के निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधरे हालात:

महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि जनवरी में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ गौशाला का निरीक्षण किया गया था. उस समय भी यहां पर हालात काफी बुरे मिले थे. 4 महीने बाद भी गौशाला के हालात करीब-करीब वैसे ही हैं यहां पर कोई सुधार नहीं नजर आया.

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