भरतपुर. जिले में बीते करीब 20 दिन से मानसून ने मुंह मोड़ रखा है. बरसात नहीं होने की वजह से तापमान बढ़ा हुआ है. इसका असर खेतों में खड़ी खरीफ की फसल पर भी दिखने लगा है. ज्वार की हजारों हेक्टेयर फसल सूखा की चपेट में है. वहीं, बाजरे की फसल पर भी बरसात की कमी का असर दिखने लगा है. यदि जिले में आगामी एक सप्ताह में बरसात नहीं हुई तो बाजरे की फसल भी सूखा की चपेट में आ सकती है.
43 हजार हेक्टेयर ज्वार पर संकट : जिले में इस बार कुल 2 लाख, 39,211 हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई की गई है. इसमें से 1 लाख 35,810 हेक्टेयर में बाजरा और 43,625 हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई हुई है. बीते करीब 20 दिन से जिले में बरसात नहीं हुई है. फसल की बुवाई के समय भी जिले में देरी से बरसात हुई, जिससे ज्वार की फसल का बढ़ाव सही नहीं हो पाया. अब फिर से मानसून की बेरुखी के चलते जिले की अधिकतर ज्वार की फसल सूखा की चपेट में है.
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कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि जिले समेत संभागभर में बरसात नहीं हुई है. कई इलाकों में ज्वार की फसल में नुकसान है. हालांकि, बाजरे की फसल में नुकसान की सूचना नहीं है.
ऐसे करें बचाव : संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि बरसात में लंबा गैप आने की वजह से फसलें सूखने लगी हैं. कई जगह पर हल्की बरसात हुई है, वहां फसलें प्रभावित नहीं हुई हैं. सूखा का असर जिन फसलों में दिख रहा है, वहां किसान अपने ट्यूबवेल से खेतों की सिंचाई करें. इससे फसल सूखने से बच जाएंगी. वैसे मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों में 19 व 20 अगस्त को जिले में बरसात की चेतावनी दी है. ऐसे में बरसात होने की संभावना है.
जुतवा दी 20 बीघा फसल : जिले के बयाना क्षेत्र के गांव विजयपुरा निवासी किसान ने बताया कि बरसात नहीं होने की वजह से गांव में ज्वार की फसल पूरी तरह से सूख गई है. बाजरे की फसल में भी बढ़ाव सही नहीं आ रहा. बाजरे की फसल भी सूखने लगी है. इसी वजह से बाजरे की 20 बीघा फसल को जुतवाना पड़ा. किसान तेजवीर ने बताया कि गांव में करीब 200 बीघा खरीफ फसल को जुतवा कर किसान रवि के लिए खेत खाली करने में लगा हुआ है.